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संस्थानों को बंद करने के खिलाफ BJP का विरोध जारी, 13 मार्च को राज्यपाल को सौंपेगी ज्ञापन - Himachal hindi news

हिमाचल में संस्थानों को बंद करने के फैसले का विरोध लगातार जारी है. अब BJP इसके विरोध में 13 मार्च को राजभवन पहुंचकर राज्यपाल को ज्ञापन सौंपेंगी.

BJP on Denotification in Himachal
BJP on Denotification in Himachal
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Published : Mar 9, 2023, 8:14 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार द्वारा पूर्व भाजपा सरकार के दौरान खोले गए संस्थानों को बंद करने के खिलाफ भाजपा लगातार प्रदर्शन कर रही है. इसके विरोध में भाजपा ने प्रदेश भर में हस्ताक्षर अभियान भी चल रखा है. अब प्रदेश भर में चलाए गए इस हस्ताक्षर अभियान के दौरान लिए गए हस्ताक्षरों को भाजपा ज्ञापन के जरिए 13 मार्च को राजभवन पहुंचकर राज्यपाल को सौंपेंगी.

हिमाचल भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप ने कहा कि भाजपा की जिला आक्रोश रैली पूरे प्रदेश भर में चल रही है और 13 मार्च को भाजपा जिला शिमला में आक्रोश रैली का आयोजन करेगी. इसके उपरांत भाजपा विधायक दल के नेता राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल को पूरे प्रदेश भर से आए हस्ताक्षर एकत्र कर सौंपेंगे. यह हस्ताक्षर मंडल स्तर से मंडल अध्यक्ष और 2022 के प्रत्याशियों के माध्यम से पार्टी को पहुंचाए जा रहे हैं. 13 मार्च की आक्रोश रैली में जिला शिमला के कार्यकर्ता उपस्थित रहेंगे.

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा सरकारी स्कूलों में स्टूडेंट्स की मुफ्त वर्दी बंद करना दुर्भाग्यपूर्ण है. भाजपा सरकार ने जयराम ठाकुर के नेतृत्व में पहली कक्षा से लेकर बारहवीं कक्षा के विद्यार्थियों को मुफ्त में वर्दी प्रदान की थी. इसके साथ-साथ 1 से 10वीं कक्षा के विद्यार्थियों को 200 रुपये वर्दी सिलाई के भी उपलब्ध करवाए जाते थे. उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने आते ही इस सुविधा को बंद कर दिया है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है. भाजपा सरकार स्कूलों में 8 लाख बच्चों को मुफ्त वर्दी प्रदान करती थी और कांग्रेस सरकार केवल 3.70 लाख बच्चों को 600 रुपये वर्दी के लिए देगी. यह 600 रुपये भी केंद्र की स्कीम के अंतर्गत हिमाचल को मिल रहे हैं. इसका मतलब इसमें प्रदेश सरकार का योगदान बिलकुल जीरो है.

कश्यप ने कहा कि हिमाचल में लोकतंत्र प्रहरी सम्मान योजना भी इस सरकार ने बंद कर दी है, जोकि अपने आप में एक बहुत दुर्भाग्यपूर्ण बात है. यह योजना उन लोगों के लिए शुरू की गई थी, जिन्होंने इमरजेंसी के दौरान जेल काटी थी और जो लोग जेल में रहे थे. वह लोग आज बुजुर्ग हो चुके हैं या उनकी विधवाओं को यह पेंशन लगी हुई थी. मिसा एक्ट 1971 या डिफेंस ऑफ इंडिया रूल 1971 में इमरजेंसी के दौरान हिमाचल प्रदेश के कई लोकतंत्र प्रहरियों ने जेल काटी थी.
पूर्व की जयराम सरकार ने इस योजना को लेकर एक्ट बनाया था, लेकिन मौजूदा सरकार ने इसे निरस्त कर दिया. भाजपा इसको लेकर भी राज्यपाल को ज्ञापन सौंपेगी.

ये भी पढ़ें: भाजपा के 10 विधायक कांग्रेस के संपर्क में, बौखलाहट में विपक्ष सड़कों पर उतरा: कुलदीप पठानिया

शिमला: हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार द्वारा पूर्व भाजपा सरकार के दौरान खोले गए संस्थानों को बंद करने के खिलाफ भाजपा लगातार प्रदर्शन कर रही है. इसके विरोध में भाजपा ने प्रदेश भर में हस्ताक्षर अभियान भी चल रखा है. अब प्रदेश भर में चलाए गए इस हस्ताक्षर अभियान के दौरान लिए गए हस्ताक्षरों को भाजपा ज्ञापन के जरिए 13 मार्च को राजभवन पहुंचकर राज्यपाल को सौंपेंगी.

हिमाचल भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप ने कहा कि भाजपा की जिला आक्रोश रैली पूरे प्रदेश भर में चल रही है और 13 मार्च को भाजपा जिला शिमला में आक्रोश रैली का आयोजन करेगी. इसके उपरांत भाजपा विधायक दल के नेता राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल को पूरे प्रदेश भर से आए हस्ताक्षर एकत्र कर सौंपेंगे. यह हस्ताक्षर मंडल स्तर से मंडल अध्यक्ष और 2022 के प्रत्याशियों के माध्यम से पार्टी को पहुंचाए जा रहे हैं. 13 मार्च की आक्रोश रैली में जिला शिमला के कार्यकर्ता उपस्थित रहेंगे.

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा सरकारी स्कूलों में स्टूडेंट्स की मुफ्त वर्दी बंद करना दुर्भाग्यपूर्ण है. भाजपा सरकार ने जयराम ठाकुर के नेतृत्व में पहली कक्षा से लेकर बारहवीं कक्षा के विद्यार्थियों को मुफ्त में वर्दी प्रदान की थी. इसके साथ-साथ 1 से 10वीं कक्षा के विद्यार्थियों को 200 रुपये वर्दी सिलाई के भी उपलब्ध करवाए जाते थे. उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने आते ही इस सुविधा को बंद कर दिया है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है. भाजपा सरकार स्कूलों में 8 लाख बच्चों को मुफ्त वर्दी प्रदान करती थी और कांग्रेस सरकार केवल 3.70 लाख बच्चों को 600 रुपये वर्दी के लिए देगी. यह 600 रुपये भी केंद्र की स्कीम के अंतर्गत हिमाचल को मिल रहे हैं. इसका मतलब इसमें प्रदेश सरकार का योगदान बिलकुल जीरो है.

कश्यप ने कहा कि हिमाचल में लोकतंत्र प्रहरी सम्मान योजना भी इस सरकार ने बंद कर दी है, जोकि अपने आप में एक बहुत दुर्भाग्यपूर्ण बात है. यह योजना उन लोगों के लिए शुरू की गई थी, जिन्होंने इमरजेंसी के दौरान जेल काटी थी और जो लोग जेल में रहे थे. वह लोग आज बुजुर्ग हो चुके हैं या उनकी विधवाओं को यह पेंशन लगी हुई थी. मिसा एक्ट 1971 या डिफेंस ऑफ इंडिया रूल 1971 में इमरजेंसी के दौरान हिमाचल प्रदेश के कई लोकतंत्र प्रहरियों ने जेल काटी थी.
पूर्व की जयराम सरकार ने इस योजना को लेकर एक्ट बनाया था, लेकिन मौजूदा सरकार ने इसे निरस्त कर दिया. भाजपा इसको लेकर भी राज्यपाल को ज्ञापन सौंपेगी.

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