शिमला: हिमाचल प्रदेश में एक स्कूटी के लिए 3 बोलीदाताओं ने 1 करोड़ रुपए से अधिक की बोली लगा दी. मामला चर्चित हुआ तो कोटखाई उपमंडल के लिए जारी एचपी-99 सीरिज की 1 करोड़ी बोली को फॉलो किया जाने लगा. देश भर के मीडिया की नजर भी इस बोली पर थी कि 3 में से कौन एचपी-99-9999 नंबर लेता है, लेकिन तीनों बोलीदाता फर्जी निकले.
ऊंची कीमत पर बेचते थे नंबर: जैसे ही कोई फैंसी नंबर की ऑक्शन घोषित होती थी ये फर्जी बोली वाले अचानक से बड़े अमाउंट की बोली लगा देते थे, फिर अपने परिचितों से 2 या 3 कम अमाउंट वाली बोली लगवाते और लोअर अमाउंट के पैसे जमा करवा कर फैंसी नंबर ले लेते थे. यही नहीं, नंबर लेने के बाद वे उसे आगे ऊंची कीमत पर बेच देते थे. ये सारा खेल परिवहन निदेशालय की नाक के नीचे चलता रहा, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया. अब अचानक कोटखाई आरएलए सीरिज के लिए ये मामला चर्चा में आया तो न केवल परिवहन निदेशालय की नींद खुली, बल्कि सरकार भी चौंकी और सिस्टम को दुरुस्त करने के आदेश दिए.
फैंसी नंबर की बोली पर रोक: अब राज्य में परिवहन निदेशालय ने आगामी आदेश तक फैंसी नंबर की बोली पर रोक लगाई है. परिवहन निदेशालय बोली सिस्टम को और पारदर्शी व सख्त बना रहा है, ऑनलाइन सिस्टम को फिलहाल स्थगित कर दिया गया है. परिवहन विभाग निक यानी नेशनल इन्फार्मेटिक्स सेंटर से मिलकर नया सिस्टम तैयार करेगा.
नया नियम बनाया जाएगा: परिवहन निदेशक अनुपम कश्यप के अनुसार अब नए सिरे से नियम बनाए जा रहे हैं और सरकार की स्वीकृति के बाद फैंसी नंबर के लिए उन नियमों को लागू किया जाएगा. बताया जा रहा है कि अब बोली लगाने वाले को कम से कम 30 फीसदी अमाउंट सिक्योरिटी के रूप में जमा करवाना होगा. यदि बोलीदाता क्विट करता है तो ये अमाउंट परिवहन विभाग जब्त कर लेगा.इससे लोग सोच समझ कर ही बोली लगाएंगे. यही नहीं, अब बोलीदाताओं के नाम व पते पहले वेरीफाई किए जाएंगे.
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