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कंडक्टर भर्ती घोटाला: मुख्य महाप्रबंधक को मिली सशर्त अग्रिम जमानत, गिरफ्तारी पर लगी रोक

न्यायाधीश संदीप शर्मा की एकल पीठ ने मामले से जुड़े रिकॉर्ड का अवलोकन करने के बाद एच के गुप्ता द्वारा दायर अग्रिम जमानत याचिका की  सुनवाई के पश्चात उपरोक्त आदेश पारित किए. मामले के अनुसार प्रार्थी पर वर्ष 2003 हुई कंडक्टर भर्ती में अनियमितताओं बरतने का आरोप है.

bail to Chief General Manager in conducter recruitment scam
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Published : Jul 10, 2019, 10:47 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने 2003 कंडक्टर भर्ती घोटाले के आरोपी एचआरटीसी के मुख्य महाप्रबंधक एच के गुप्ता को सशर्त अग्रिम जमानत प्रदान कर दी. जिस कारण अब उसकी गिरफ्तारी पर रोक लग गई है.


न्यायाधीश संदीप शर्मा की एकल पीठ ने मामले से जुड़े रिकॉर्ड का अवलोकन करने के बाद एच के गुप्ता द्वारा दायर अग्रिम जमानत याचिका की सुनवाई के पश्चात उपरोक्त आदेश पारित किए. मामले के अनुसार प्रार्थी पर वर्ष 2003 हुई कंडक्टर भर्ती में अनियमितताओं बरतने का आरोप है.


इस कारण सदर थाना शिमला में 14 मार्च 2017 को भारतीय दंड संहिता की धारा 120 बी व भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा 13 (i) डी के तहत आपराधिक मामला दर्ज किया गया है. कोर्ट ने प्रार्थी को 25000 का निजी व उतनी ही राशि का उसके जमानती द्वारा मुचलका पेश करने के आदेश पारित किए हैं.


क्या है मामला
आपको बता दें कि मामला 24 अक्तूबर 2003 का है. निदेशक मंडल की बैठक में कंडक्टरों के 300 पद भरने को मंजूरी दी गई थी. इनमें सामान्य वर्ग के 166, ओबीसी के 54, एससी के 66 और एसटी के 14 पद भरे जाने थे.


इन पदों के लिए करीब 17000 आवेदन आए थे, लेकिन बाद में इसमें 300 से अधिक पदों की भर्ती कर दी और भर्ती विवादों में आ गई. कोर्ट के आदेश पर शिमला पुलिस ने 14 मार्च, 2017 को तत्कालीन एमडी, डीएम समेत पांच लोगों को आरोपी बनाकर सदर थाने में एफआईआर दर्ज की. इसके बाद एसआईटी का गठन हुआ.

शिमला: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने 2003 कंडक्टर भर्ती घोटाले के आरोपी एचआरटीसी के मुख्य महाप्रबंधक एच के गुप्ता को सशर्त अग्रिम जमानत प्रदान कर दी. जिस कारण अब उसकी गिरफ्तारी पर रोक लग गई है.


न्यायाधीश संदीप शर्मा की एकल पीठ ने मामले से जुड़े रिकॉर्ड का अवलोकन करने के बाद एच के गुप्ता द्वारा दायर अग्रिम जमानत याचिका की सुनवाई के पश्चात उपरोक्त आदेश पारित किए. मामले के अनुसार प्रार्थी पर वर्ष 2003 हुई कंडक्टर भर्ती में अनियमितताओं बरतने का आरोप है.


इस कारण सदर थाना शिमला में 14 मार्च 2017 को भारतीय दंड संहिता की धारा 120 बी व भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा 13 (i) डी के तहत आपराधिक मामला दर्ज किया गया है. कोर्ट ने प्रार्थी को 25000 का निजी व उतनी ही राशि का उसके जमानती द्वारा मुचलका पेश करने के आदेश पारित किए हैं.


क्या है मामला
आपको बता दें कि मामला 24 अक्तूबर 2003 का है. निदेशक मंडल की बैठक में कंडक्टरों के 300 पद भरने को मंजूरी दी गई थी. इनमें सामान्य वर्ग के 166, ओबीसी के 54, एससी के 66 और एसटी के 14 पद भरे जाने थे.


इन पदों के लिए करीब 17000 आवेदन आए थे, लेकिन बाद में इसमें 300 से अधिक पदों की भर्ती कर दी और भर्ती विवादों में आ गई. कोर्ट के आदेश पर शिमला पुलिस ने 14 मार्च, 2017 को तत्कालीन एमडी, डीएम समेत पांच लोगों को आरोपी बनाकर सदर थाने में एफआईआर दर्ज की. इसके बाद एसआईटी का गठन हुआ.

 हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने 2003 कंडक्टर भर्ती घोटाले के आरोपी एचआरटीसी के मुख्य महाप्रबंधक एच के गुप्ता को सशर्त अग्रिम जमानत प्रदान कर दी। जिस कारण अब उसकी गिरफ्तारी पर रोक लग गई है। न्यायाधीश संदीप शर्मा की एकल पीठ ने मामले से जुड़े रिकॉर्ड का अवलोकन करने के बाद एच के गुप्ता द्वारा दायर अग्रिम जमानत याचिका की  सुनवाई के पश्चात उपरोक्त आदेश पारित किए। मामले के अनुसार प्रार्थी पर वर्ष 2003 हुई कंडक्टर भर्ती में अनियमितताओं बरतने का आरोप है।इस कारण सदर थाना शिमला में  14 मार्च 2017 को भारतीय दंड संहिता की धारा 120 बी व भ्र्ष्टाचार निरोधक अधिनियम  की धारा 13 (i) डी के तहत आपराधिक मामला दर्ज किया गया है। कोर्ट ने  प्रार्थी को  ₹25000 का निजी व उतनी ही राशि का उसके जमानती द्वारा मुचलका पेश करने के आदेश पारित किए है।
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