शिमलाः पूर्व वित्त मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली का शनिवार दोपहर लंबी बीमारी के चलते नई दिल्ली में निधन हो गया. वे कई दिनों से बीमार चल रहे थे. उनका दिल्ली के एम्स अस्पताल में इलाज चल रहा था. उन्होंने शनिवार को दोपहर 12 बजकर सात मिनट पर अंतिम सांस ली.
9 अगस्त को ही सांस लेने में समस्या के चलते अरुण जेटली को नई दिल्ली एम्स में दाखिल करवाया गया था जहां उनकी हालत को देखते हुए उन्हें आईसीयू में रखा गया था. उनका इलाज वरिष्ठ डॉक्टरों की निगरानी में हो रहा था.
अरुण जेटली को लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया था. रिपोर्ट्स के मुताबिक पिछले 18 महीनों से उनको स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं थीं और अरुण जटेली का निधन टिश्यू कैंसर की वजह से हुआ है. इसके अलावा उनका किडनी ट्रांसप्लांट भी हुआ था.
किडनी ट्रांसप्लांट के लिए उन्होंने हिमाचल के डॉक्टर पर भरोसा जताया था. देश-विदेश में ऑर्गन ट्रांसप्लांट में नाम कमा चुके हिमाचल के डॉ. संदीप गुलेरिया केंद्रीय वित्त मंत्री के ऑपरेशन से जुड़ी टीम का सबसे अहम हिस्सा थे.
यहां बता दें कि डॉ. संदीप गुलेरिया एम्स के निदेशक व विश्वविख्यात पल्मोनरी मेडिसिन के विशेषज्ञ डॉ. रणदीप गुलेरिया के भाई हैं. डॉ. संदीप इस समय बेशक दिल्ली के इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल में सेवाएं दे रहे हैं, लेकिन इससे पहले वे एम्स में भी तैनात थे.
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डॉक्टर्स की टीम ने पिछले साल मई महीने में अरुण जेटली की ट्रांसप्लांट सर्जरी को सफलता से पूरा किया था. डॉ. संदीप गुलेरिया अरुण जेटली के पारिवारिक मित्र भी रहे हैं. यही कारण है कि जेटली के परिवार ने ऑपरेशन के दौरान डॉ. संदीप की उपस्थिति सुनिश्चित की. डॉ. गुलेरिया अपोलो अस्पताल से एम्स आए थे और सर्जरी के दौरान टीम का मार्गदर्शन किया.
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