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शिमला: मशहूर कलाकार नीरज सूद ने साहित्य कला संवाद में अभिनय के लेकर दिए ये टिप्स

मशहूर कलाकार नीरज सूद ने साहित्य कला संवाद में कहा कि अभिनय डूबने की कला है इसे जितना निष्ठा पूर्वक करेंगे उतना कुशल होकर निकलेंगे. नीरज सूद ने कहा कि मेरे जीवन को गति देने के लिए मंडी शहर का बहुत बड़ा योगदान है. मैंने रंगमंच और इससे जुड़ी सभी विधाओं की तालीम मंडी शहर से ली जिसके लिए उन्होंने कृतज्ञ भाव प्रकट किया.

Artist Neeraj Sood visited the Sahitya Kala Samvad of Himachal Kala Sanskrit Bhasha Academy.
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Published : May 12, 2021, 11:05 PM IST

शिमला : मशहूर कलाकार नीरज सूद ने साहित्य कला संवाद में कही मन की बात. नीरज सूद ने कहा कि अभिनय डूबने की कला है इसे जितना निष्ठा पूर्वक करेंगे उतना कुशल होकर निकलेंगे. उन्होंने ये बात रंगमंच, फिल्म, टीवी, सिरियल के प्रख्यात कलाकार नीरज सूद ने हिमाचल प्रदेश हिमाचल कला संस्कृति भाषा अकादमी के साहित्य कला संवाद में कही. नीरज सूद हिमाचल प्रदेश के मंडी जिला से ताल्लुक रखते हैं. विनम्र भाव के नीरज सूद ने फिल्म नगरी मुम्बई में अपना एक अलग मुकाम स्थापित किया है.

कलाकार नीरज सूद साहित्य कला संवाद में कही 'मन की बात'

साहित्य कला संवाद के दौरान नीरज सूद ने बताया कि जीवन की अनभिज्ञता के बीच उनके सहपाठी नीरज ठाकुर और सपना ने उन्हें रंगमच का रास्ता दिखाया. कॉलेज के गुरुओं जिनमें प्रोफेसर रवि एवं प्रोफेसर पाल और अन्य गुरुजनों को याद करते हुए नीरज बहुत भावुक हो गए. उन्होंने कहा कि इन गुरुओं के कारण ही साहित्य, कविता, और भाषा का ज्ञान प्रबल हुआ और रंगमंच के प्रति उत्सुकता बढ़ी. राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय से मंडी आए सुरेश शर्मा के साथ नाटक में जुड़कर राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के प्रति जिज्ञासा बढ़ी जिसे अपनाकर भविष्य बनाने का निश्चय किया.

नीरज सूद के करियर में मंडी शहर का बहुत बड़ा योगदान

नीरज सूद ने कहा कि मेरे जीवन को गति देने के लिए मंडी शहर का बहुत बड़ा योगदान है. मैंने रंगमंच और इससे जुड़ी सभी विधाओं की तालीम मंडी शहर से ली जिसके लिए उन्होंने कृतज्ञ भाव प्रकट किया. उन्होंने कहा कि सफलता की यात्रा में मंडी शहर ने मुझे साहित्य, कला और संगीत दिया जिसका मैं सदैव ऋणी रहूंगा. उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के बाद 1999 में मुम्बई में भाग्य आजमाने को निकल पड़े.

अभिनय के लिए शिक्षा और प्रशिक्षण आवश्यक

नीरज सूद ने अपने द्वारा अभिनित विभिन्न टीवी सिरियल और फिल्मों की चर्चा करते हुए पवन शर्मा द्वारा बनाई गई लोक गाथा पर आधारित ब्रीणा को सराहनीय प्रयास बताया और इससे जुड़ने को अपना सौभाग्य करार दिया. उन्होंने कहा कि अभिनय के लिए शिक्षा और प्रशिक्षण आवश्यक है. शिक्षित व्यक्ति ही साहित्य और समग्रता के साथ ज्ञान को आत्मसात करने में सक्षम हो सकता है जो अभिनय के लिए अत्यन्त आवश्यक है. उन्होंने कहा कि अभिनय में हम अगल बगल रहने वाले लोगों से भी बहुत कुछ सीख सकते है. भविष्य में रंगमंच करने के सवाल पर नीरज सूद ने सहजता के साथ वर्तमान को ही अपने कार्य की कसौटी बताया और कहा कि यदि अपने पुराने दोस्तों के साथ रंगमंच करने का कभी मौका मिला तो वो मेरे लिए जीवन का अत्यन्त रोमांचित क्षण होगा.

25 से अधिक टीवी धारावाहिकों में कर चुके हैं काम

बता दें कि मंडी में पैदा हुए नीरज सूद आज मुम्बई फिल्म जगत में एक बहुत बड़ा नाम है, जिन्होंने अमिताभ बच्चन और आमीर खान के साथ विज्ञापन फिल्मों में और अनेक अन्य उत्पादों के लिए विज्ञापन फिल्मों में काम किया. 25 से अधिक टीवी धारावाहिकों में प्रमुख भूमिका निभाई जो अनेकों चैनलों पर प्रसारित हुए. इसके अतिरिक्त रॉकेट सिंह, बैंड बाजा बारात, शुभ मंगलम सावधान, यहां सभी ज्ञानी है, सूरज पर मंगल भारी, मित्रों, अग्निपथ और कई अन्य फिल्मों में अपने किरदारों से दर्शकों पर अभिनय की अमिट छाप छोड़ी. हिमाचल कला संस्कृति भाषा अकादमी के सचिव डॉ कर्म सिंह ने नीरज सूद का कला संवाद में भाग लेने पर आभार व्यक्त किया.

यह भी पढ़ें :- 3 महीने बाद सऊदी अरब से भारत पहुंचा संजीव का शव, बेटियों ने दी मुखाग्नि

शिमला : मशहूर कलाकार नीरज सूद ने साहित्य कला संवाद में कही मन की बात. नीरज सूद ने कहा कि अभिनय डूबने की कला है इसे जितना निष्ठा पूर्वक करेंगे उतना कुशल होकर निकलेंगे. उन्होंने ये बात रंगमंच, फिल्म, टीवी, सिरियल के प्रख्यात कलाकार नीरज सूद ने हिमाचल प्रदेश हिमाचल कला संस्कृति भाषा अकादमी के साहित्य कला संवाद में कही. नीरज सूद हिमाचल प्रदेश के मंडी जिला से ताल्लुक रखते हैं. विनम्र भाव के नीरज सूद ने फिल्म नगरी मुम्बई में अपना एक अलग मुकाम स्थापित किया है.

कलाकार नीरज सूद साहित्य कला संवाद में कही 'मन की बात'

साहित्य कला संवाद के दौरान नीरज सूद ने बताया कि जीवन की अनभिज्ञता के बीच उनके सहपाठी नीरज ठाकुर और सपना ने उन्हें रंगमच का रास्ता दिखाया. कॉलेज के गुरुओं जिनमें प्रोफेसर रवि एवं प्रोफेसर पाल और अन्य गुरुजनों को याद करते हुए नीरज बहुत भावुक हो गए. उन्होंने कहा कि इन गुरुओं के कारण ही साहित्य, कविता, और भाषा का ज्ञान प्रबल हुआ और रंगमंच के प्रति उत्सुकता बढ़ी. राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय से मंडी आए सुरेश शर्मा के साथ नाटक में जुड़कर राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के प्रति जिज्ञासा बढ़ी जिसे अपनाकर भविष्य बनाने का निश्चय किया.

नीरज सूद के करियर में मंडी शहर का बहुत बड़ा योगदान

नीरज सूद ने कहा कि मेरे जीवन को गति देने के लिए मंडी शहर का बहुत बड़ा योगदान है. मैंने रंगमंच और इससे जुड़ी सभी विधाओं की तालीम मंडी शहर से ली जिसके लिए उन्होंने कृतज्ञ भाव प्रकट किया. उन्होंने कहा कि सफलता की यात्रा में मंडी शहर ने मुझे साहित्य, कला और संगीत दिया जिसका मैं सदैव ऋणी रहूंगा. उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के बाद 1999 में मुम्बई में भाग्य आजमाने को निकल पड़े.

अभिनय के लिए शिक्षा और प्रशिक्षण आवश्यक

नीरज सूद ने अपने द्वारा अभिनित विभिन्न टीवी सिरियल और फिल्मों की चर्चा करते हुए पवन शर्मा द्वारा बनाई गई लोक गाथा पर आधारित ब्रीणा को सराहनीय प्रयास बताया और इससे जुड़ने को अपना सौभाग्य करार दिया. उन्होंने कहा कि अभिनय के लिए शिक्षा और प्रशिक्षण आवश्यक है. शिक्षित व्यक्ति ही साहित्य और समग्रता के साथ ज्ञान को आत्मसात करने में सक्षम हो सकता है जो अभिनय के लिए अत्यन्त आवश्यक है. उन्होंने कहा कि अभिनय में हम अगल बगल रहने वाले लोगों से भी बहुत कुछ सीख सकते है. भविष्य में रंगमंच करने के सवाल पर नीरज सूद ने सहजता के साथ वर्तमान को ही अपने कार्य की कसौटी बताया और कहा कि यदि अपने पुराने दोस्तों के साथ रंगमंच करने का कभी मौका मिला तो वो मेरे लिए जीवन का अत्यन्त रोमांचित क्षण होगा.

25 से अधिक टीवी धारावाहिकों में कर चुके हैं काम

बता दें कि मंडी में पैदा हुए नीरज सूद आज मुम्बई फिल्म जगत में एक बहुत बड़ा नाम है, जिन्होंने अमिताभ बच्चन और आमीर खान के साथ विज्ञापन फिल्मों में और अनेक अन्य उत्पादों के लिए विज्ञापन फिल्मों में काम किया. 25 से अधिक टीवी धारावाहिकों में प्रमुख भूमिका निभाई जो अनेकों चैनलों पर प्रसारित हुए. इसके अतिरिक्त रॉकेट सिंह, बैंड बाजा बारात, शुभ मंगलम सावधान, यहां सभी ज्ञानी है, सूरज पर मंगल भारी, मित्रों, अग्निपथ और कई अन्य फिल्मों में अपने किरदारों से दर्शकों पर अभिनय की अमिट छाप छोड़ी. हिमाचल कला संस्कृति भाषा अकादमी के सचिव डॉ कर्म सिंह ने नीरज सूद का कला संवाद में भाग लेने पर आभार व्यक्त किया.

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