शिमला: कोरोना संक्रमण अभी खत्म नहीं हुआ है. वहीं, बरसात का मौसम शुरू होने से कई जल जनित बीमारियों (water borne diseases) का खतरा भी बढ़ गया है. ऐसे मे अगर सावधानी नहीं बरती गयी तो भारी पड़ सकता है.
बरसात में होने वाले जल जनित रोगों को लेकर आईजीएमसी चिल्ड्रन विशेषज्ञ (IGMC Children Specialist) ने लोगों को आगाह किया है.
आईजीएमसी में पेडियाट्रिक्स (paediatrics) के प्रोफेसर डॉ. अरबिंद सूद ने ईटीवी से विशेष बातचीत में कहा कि बरसात में बच्चों में जल जनित रोगों का खतरा बढ़ जाता है. बरसात में पीलिया, डायरिया के अधिक मामले सामने आते हैं. ऐसे में हमें सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए.
बरसात में पानी खराब आता है. ज्यादातर पानी में मिट्टी ,घास आदि के साथ छोटे-छोटे कीड़े पानी में मिल जाते हैं. इसके पीने से बीमारियां लग जाती है जिसमें पीलिया (Jaundice), डायरिया (diarrhea), उल्टी दस्त (vomiting), हेपेटाइटिस (Hepatitis) जैसे बीमारियां हो जाती है.
आईजीएमसी में चिल्ड्रन विशेषज्ञ डॉ. अरबिंद सूद ने बताया कि बरसात में परिजन अपने बच्चों का विशेष ध्यान रखें. साथ में साफ-सफाई का ध्यान रखें. उनका कहना था कि पानी उबाल कर और छान कर ही पिएं, सड़े-गले फल ना खाएं. आसपास पानी न इकट्ठा होने दें. सफाई बनाए रखें. उनका कहना था कि हाथ अच्छी तरह साबुन से धोएं, तभी खाना खाएं.
शिमला आईजीएमसी में हर दिन 4 से 5 मामले डायरिया के सामने आ रहे हैं. चिकित्सक उनका इलाज कर कर रहे हैं. हालांकि पीलिया के इक्का-दुक्का मामले ही अस्पताल में आ रहे हैं. राजधानी शिमला में बरसात में पहले भी पीलिया फैल चुका है. ऐसे में लापरवाही भारी पड़ सकती है.
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