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एक्साइज विभाग से 2.63 करोड़ की धोखाधड़ी का मामला, अमिल मन्हास को HC से मिली अग्रिम जमानत

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Published : Oct 17, 2019, 9:57 PM IST

Updated : Oct 17, 2019, 11:25 PM IST

पूर्व डीजीपी डीएस मन्हास के पुत्र अमिल मन्हास को कोर्ट से मिली अग्रिम जमानत. एक्साइज विभाग से 2 करोड़ 63 लाख की धोखाधड़ी का है मामला. सोमवार को होगी सुनवाई.

हाईकोर्ट

शिमलाः प्रदेश हाईकोर्ट ने पूर्व डीजीपी डॉक्टर डीएस मन्हास के पुत्र अमिल मन्हास की सोमवार तक अग्रिम जमानत प्रदान की है. न्यायाधीश संदीप शर्मा ने धोखाधड़ी के आरोपी अमिल मन्हास की अग्रिम जमानत याचिका पर सरकार को नोटिस जारी किया है. अमिल मन्हास ने पहले भी हाई कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी जिसे हाई कोर्ट खारिज कर दिया था क्योंकि वह सुनवाई के दौरान कोर्ट में उपस्थित नहीं था.

बता दें अमिल मन्हास पर राज्य सतर्कता व भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो थाना ऊना में भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 465, 467, 471 और 34 व इन्फॉर्मेशन एंड टेक्नोलॉजी अधिनियम की धारा 61 के तहत 5 सितंबर को प्राथमिकी दर्ज की गई थी. उल्लेखनीय है कि ऑडिट के दौरान पाया गया था कि शराब की फर्मों के लाइसेंस धारक रोहित कुमार द्वारा जमा किये गए ई-चालान का सत्यापन नहीं हो पा रहा है. सत्यापन के लिए सौंपे गए ई-चालान फर्जी भी पाए गए. जांच में यह भी पाया गया है कि अमिल मन्हास द्वारा दिया गया चेक बाउंस हो गया.

बता दें कि ऊना में आबकारी एवं कराधान विभाग के साथ शराब की 2 फर्मों द्वारा करीब 2 करोड़ 63 लाख की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है. इस मामले में एक्साइज विभाग ने विजिलेंस में मामला दर्ज करवाया है. मामले का खुलासा होने के बाद एक्साइज विभाग ने दोनों फर्मों को बकाया राशि जमा करवाने के लिए नोटिस भी जारी किए थे और जब एक्साइज विभाग ने अपने पास जमा एफडीआर चैक करवाई तो वो भी फर्जी पाई गईं. आबकारी एवं कराधान विभाग के अनुसार शराब की 2 फर्मों द्वारा विभाग के साथ 2.63 करोड रुपए धोखाधड़ी की गई थी, जिसे लेकर विजिलेंस में शिकायत दर्ज की गई है. मामले की अगली सुनवाई सोमवार को निर्धारित की गई हैं.

शिमलाः प्रदेश हाईकोर्ट ने पूर्व डीजीपी डॉक्टर डीएस मन्हास के पुत्र अमिल मन्हास की सोमवार तक अग्रिम जमानत प्रदान की है. न्यायाधीश संदीप शर्मा ने धोखाधड़ी के आरोपी अमिल मन्हास की अग्रिम जमानत याचिका पर सरकार को नोटिस जारी किया है. अमिल मन्हास ने पहले भी हाई कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी जिसे हाई कोर्ट खारिज कर दिया था क्योंकि वह सुनवाई के दौरान कोर्ट में उपस्थित नहीं था.

बता दें अमिल मन्हास पर राज्य सतर्कता व भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो थाना ऊना में भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 465, 467, 471 और 34 व इन्फॉर्मेशन एंड टेक्नोलॉजी अधिनियम की धारा 61 के तहत 5 सितंबर को प्राथमिकी दर्ज की गई थी. उल्लेखनीय है कि ऑडिट के दौरान पाया गया था कि शराब की फर्मों के लाइसेंस धारक रोहित कुमार द्वारा जमा किये गए ई-चालान का सत्यापन नहीं हो पा रहा है. सत्यापन के लिए सौंपे गए ई-चालान फर्जी भी पाए गए. जांच में यह भी पाया गया है कि अमिल मन्हास द्वारा दिया गया चेक बाउंस हो गया.

बता दें कि ऊना में आबकारी एवं कराधान विभाग के साथ शराब की 2 फर्मों द्वारा करीब 2 करोड़ 63 लाख की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है. इस मामले में एक्साइज विभाग ने विजिलेंस में मामला दर्ज करवाया है. मामले का खुलासा होने के बाद एक्साइज विभाग ने दोनों फर्मों को बकाया राशि जमा करवाने के लिए नोटिस भी जारी किए थे और जब एक्साइज विभाग ने अपने पास जमा एफडीआर चैक करवाई तो वो भी फर्जी पाई गईं. आबकारी एवं कराधान विभाग के अनुसार शराब की 2 फर्मों द्वारा विभाग के साथ 2.63 करोड रुपए धोखाधड़ी की गई थी, जिसे लेकर विजिलेंस में शिकायत दर्ज की गई है. मामले की अगली सुनवाई सोमवार को निर्धारित की गई हैं.

प्रदेश हाईकोर्ट ने पूर्व डीजीपी डॉक्टर डीएस मन्हास के पुत्र अमिल मन्हास की सोमवार तक अग्रिम जमानत प्रदान की है। न्यायाधीश संदीप शर्मा ने धोखाधड़ी के आरोपी अमिल मन्हास की अग्रिम जमानत याचिका पर सरकार को नोटिस जारी किया है। इससे पहले भी प्रार्थी ने हाई कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी जिसे हाई कोर्ट ने इसलिए ख़ारिज कर दिया था कि वह सुनवाई के दौरान कोर्ट में उपस्थित नहीं था।   मन्हास पर राज्य सतर्कता व भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो थाना ऊना में भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 465, 467, 471 और 34 व इन्फॉर्मेशन एंड टेक्नोलॉजी अधिनियम की धारा 61 के तहत 5 सित बर को प्राथमिकी दर्ज की गई थी।  उल्लेखनीय है कि ऑडिट के दौरान पाया गया था कि शराब की फर्मों के लाइसेंस धारक रोहित कुमार द्वारा जमा किये गए ई चालान का सत्यापन नहीं हो पा रहा है। सत्यापन के लिए सौंपे गए ई चालान फर्जी भी पाए गए। जांच में यह भी पाया गया है कि  अमिल मन्हास द्वारा दिया गया चेक बाउंस हो गया। ज्ञात रहे कि ऊना में आबकारी एवं कराधान  विभाग के साथ शराब की 2 फर्मों द्वारा करीब 2 करोड़ 63 लाख की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। इस मामले में एक्साइज विभाग ने विजिलैंस में मामला दर्ज करवाया है। मामले का खुलासा होने के बाद एक्साइज विभाग ने दोनों फर्मों को बकाया राशि जमा करवाने के लिए नोटिस भी जारी किए थे और जब एक्साइज विभाग ने अपने पास जमा एफडीआर चैक करवाई तो वो भी फर्जी पाई गईं। आबकारी एवं कराधान विभाग के अनुसार शराब की 2 फर्मों द्वारा विभाग के साथ 2.63 करोड रुपए धोखाधड़ी की गई थी, जिसे लेकर विजिलैंस में शिकायत दर्ज की गई  है। मामले की सुनवाई सोमवार को निर्धारित की गई हैं।
Last Updated : Oct 17, 2019, 11:25 PM IST
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