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ABVP ने NIT हमीरपुर में शिक्षक भर्ती में लगाया घोटाले का आरोप, सीबीआई जांच की रखी मांग - NIT Hamirpur news

एबीवीपी ने एनआईटी हमीरपुर की रैंकिंग को लेकर निदेशक को बर्खास्त करने की मांग की है. एबीवीपी के प्रदेश मंत्री राहुल राणा ने कहा कि पिछले एक साल के भीतर हुई शिक्षकों की भर्ती नियमों की धज्जियां उड़ा कर की गई हैं. ऐसे में एबीवीपी इस भर्ती घोटाले की सीबीआई जांच की मांग करती है.

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Published : Jun 20, 2020, 8:52 PM IST

शिमला: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रदेश मंत्री राहुल राणा ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि एनआईटी हमीरपुर की रैंकिग में इस साल दोगुना गिरावट होना निराशाजनक है. उन्होंने कहा कि किसी भी शिक्षण संस्थान की रैंकिग का पैमाना संस्थान में हुए शोध के काम, शिक्षण संस्थान में शिक्षकों की भर्तियां व उनकी पात्रता और पूरे साल में संस्थान में क्या विकास पर आधारित काम हुए हैं. इस आधार पर शिक्षण संस्थानों को रैंकिग मिलती है. इसमें एनआईटी हमीरपुर 13वें स्थान से नीचे गिरकर 98वें नंबर पर आ गया है.

राहुल राणा ने कहा कि पिछले एक साल के भीतर हुई शिक्षक भर्ती नियमों की धज्जियां उड़ा कर की गईं हैं. उन्होंने कहा कि एनआईटी हमीरपुर में पिछले एक साल के भीतर हुई नियुक्तियां भाई भतीजावाद के आधार पर हुई है. उन्होंने कहा कि सहायक प्रोफेसर ग्रेड-2 की भर्ती में एनआईटी एक्ट के अनुसार रेगुलर भर्ती के लिए ग्रेड पे 8000 या इससे ऊपर होना जरूरी है, जबकि 6 और 7000 ग्रेड पे वाले 31 लोगों को रेगुलर सहायक प्रोफेसर भर्ती कर लिया गया.

इसके साथ ही ग्रेड-1 सहायक प्रोफेसर की भर्ती में अनुबंध अनुभव को रेगुलर अनुभव मानकर 6 सहायक प्रोफेसर को भर्ती कर लिया गया. इस आधार पर नियुक्तियां निदेशक ने अपने चहेतों को नौकरी देने के लिए की.

एबीवीपी के प्रदेश मंत्री राहुल राणा ने कहा कि एनआईटी की रैंकिग का गिरना चिंताजनक ही नहीं बल्कि एनआईटी जैसा शिक्षण संस्थान वर्तमान में भ्रष्टाचार का अड्डा बना हुआ है. उन्होंने कहा कि रैंकिंग 2016 में 51वें, 2017 में 59वें, 2019 में 60वें स्थान से गिर कर अब 2020 में 98वें स्थान तक पहुंच गई है. इसके कारण एनआईटी में शिक्षा ले रहे लगभग 8 हजार शिक्षार्थियों को अपने भविष्य की चिंता सताने लगी है.

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राहुल राणा ने कहा कि ऐसे में एबीवीपी इस भर्ती घोटाले की सीबीआई जांच की मांग करती है. साथ ही मानव संसाधन विकास मंत्रालय से एनआईटी हमीरपुर के निदेशक को तुरंत बर्खास्त करने की मांग करती है. ऐसा न करने पर एबीवीपी सामान्य परिस्तिथि होने पर प्रदेश में उग्र आंदोलन करेगी.

शिमला: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रदेश मंत्री राहुल राणा ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि एनआईटी हमीरपुर की रैंकिग में इस साल दोगुना गिरावट होना निराशाजनक है. उन्होंने कहा कि किसी भी शिक्षण संस्थान की रैंकिग का पैमाना संस्थान में हुए शोध के काम, शिक्षण संस्थान में शिक्षकों की भर्तियां व उनकी पात्रता और पूरे साल में संस्थान में क्या विकास पर आधारित काम हुए हैं. इस आधार पर शिक्षण संस्थानों को रैंकिग मिलती है. इसमें एनआईटी हमीरपुर 13वें स्थान से नीचे गिरकर 98वें नंबर पर आ गया है.

राहुल राणा ने कहा कि पिछले एक साल के भीतर हुई शिक्षक भर्ती नियमों की धज्जियां उड़ा कर की गईं हैं. उन्होंने कहा कि एनआईटी हमीरपुर में पिछले एक साल के भीतर हुई नियुक्तियां भाई भतीजावाद के आधार पर हुई है. उन्होंने कहा कि सहायक प्रोफेसर ग्रेड-2 की भर्ती में एनआईटी एक्ट के अनुसार रेगुलर भर्ती के लिए ग्रेड पे 8000 या इससे ऊपर होना जरूरी है, जबकि 6 और 7000 ग्रेड पे वाले 31 लोगों को रेगुलर सहायक प्रोफेसर भर्ती कर लिया गया.

इसके साथ ही ग्रेड-1 सहायक प्रोफेसर की भर्ती में अनुबंध अनुभव को रेगुलर अनुभव मानकर 6 सहायक प्रोफेसर को भर्ती कर लिया गया. इस आधार पर नियुक्तियां निदेशक ने अपने चहेतों को नौकरी देने के लिए की.

एबीवीपी के प्रदेश मंत्री राहुल राणा ने कहा कि एनआईटी की रैंकिग का गिरना चिंताजनक ही नहीं बल्कि एनआईटी जैसा शिक्षण संस्थान वर्तमान में भ्रष्टाचार का अड्डा बना हुआ है. उन्होंने कहा कि रैंकिंग 2016 में 51वें, 2017 में 59वें, 2019 में 60वें स्थान से गिर कर अब 2020 में 98वें स्थान तक पहुंच गई है. इसके कारण एनआईटी में शिक्षा ले रहे लगभग 8 हजार शिक्षार्थियों को अपने भविष्य की चिंता सताने लगी है.

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राहुल राणा ने कहा कि ऐसे में एबीवीपी इस भर्ती घोटाले की सीबीआई जांच की मांग करती है. साथ ही मानव संसाधन विकास मंत्रालय से एनआईटी हमीरपुर के निदेशक को तुरंत बर्खास्त करने की मांग करती है. ऐसा न करने पर एबीवीपी सामान्य परिस्तिथि होने पर प्रदेश में उग्र आंदोलन करेगी.

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