शिमला: प्रदेश में जहां ग्राम पंचायते बीपीएल मुक्त होना चाहती है वहीं प्रदेश में अभी भी कुछ पंचायतों की लोग धनवान होने के बावजूद खुद को गरीब बताकर सरकार के नियमों को ठेंगा दिखा रहे हैं.
भराना में आयोजित विशेष बैठक में 156 लोगों ने अपनी हाजिरी लगाई. भराना पंचायत में हुई इस बैठक में बीपीएल के चयन को लेकर चर्चा की गई, जिसमें पहले से शामिल 90 लोगों में से किसी ने भी अपना नाम नहीं हटाया था.
BPL सूची से नहीं हट रहे साधन संपन्न परिवार यही नहीं 50 लोगों ने BPL परिवार में अपना नाम दर्ज कराने के लिए सरकार की ओर से जारी शपथ पत्र के नियमों को मानकर अपने नाम दर्ज कराने को कहा, लेकिन पुरानी सूची में किसी के नाम वापस न होने की वजह से नए किसी भी नाम को दर्ज नहीं किया गया.इस दौरान पंचायत में दो तीन ऐसे लोगों के नाम दर्ज होने थे जिनकी स्थिति बेहद दयनीय है. लेकिन किसी के नाम वापस न लेने की कारण उन्हें निराशा हाथ लगी. पंचायत के प्रतिनिधि किसी का नाम बीपीएल सूची से न तो हटा सके न ही किसी का नया नाम दर्ज कर सके.आर्थिक बदहाली से परेशान कुछ लोग गुहार लगाते रहे कि कोई अपना नाम वापस लें. जिससे उनका नाम जुड़ सके, लेकिन सरकारी नौकरी, लाखों के सेब, अपनी गाड़ियों वाले किसी पर इसका कोई असर नहीं पड़ा.लोगों का कहना है कि सरकार BPL परिवारों की सूची की पूरी जांच अपने स्तर पर करे जिससे पात्र लोग ही इसमें शामिल हो सके. लोगों का आरोप है कि अभी भी बहुत सारे लोग ऐसे हैं, जो सरकार की तरफ से जारी नियमों का पालन नहीं करते. जिनके खिलाफ कड़ी करवाई होनी चाहिए.
ग्राम सभा की जानकारी देते हुए भराना पंचायत प्रधान कृष्णलाल शर्मा ने कहा की हमारे पास 90 लोगों की पहले ही सूची है, जिन्होंने सरकार की ओर से जारी शपथ पत्र पर हस्ताक्षर करके फिर BPL में ही रहने को कहा है. जबकि 50 से 60 नए लोगों ने BPL में नाम दर्ज करने के लिए शपथ पत्र दिए हैं. उन्होंने कहा कि सभा में किसी भी व्यक्ति ने अपना नाम BPLकी सूची से हटाने को नहीं कहा जिसके चलते नए लोगों को शामिल नहीं किया जा सकता.