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BPL सूची से नहीं हट रहे साधन संपन्न परिवार, लोगों ने सरकार से लगाई जांच की गुहार

सरकारी नौकरी, धन संपन्न, बाग बगीचे और गाड़ियों के मालिक भी BPLकी सूची से अपना नाम नहीं हटाना चाहते. सरकार की ओर से जारी नियमों को लोग ठेंगा दिखा रहे हैं. नियमो की धज्जियां उड़ाकर गरीब और पात्र लोगों को BPL का दर्जा नहीं मिला पा रहा गरीब लोगों ने सरकार से जांच की मांग उठाई है.

BPL सूची से नहीं हट रहे साधन संपन्न परिवार
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Published : Jul 28, 2019, 11:55 PM IST

शिमला: प्रदेश में जहां ग्राम पंचायते बीपीएल मुक्त होना चाहती है वहीं प्रदेश में अभी भी कुछ पंचायतों की लोग धनवान होने के बावजूद खुद को गरीब बताकर सरकार के नियमों को ठेंगा दिखा रहे हैं.
भराना में आयोजित विशेष बैठक में 156 लोगों ने अपनी हाजिरी लगाई. भराना पंचायत में हुई इस बैठक में बीपीएल के चयन को लेकर चर्चा की गई, जिसमें पहले से शामिल 90 लोगों में से किसी ने भी अपना नाम नहीं हटाया था.

BPL सूची से नहीं हट रहे साधन संपन्न परिवार
यही नहीं 50 लोगों ने BPL परिवार में अपना नाम दर्ज कराने के लिए सरकार की ओर से जारी शपथ पत्र के नियमों को मानकर अपने नाम दर्ज कराने को कहा, लेकिन पुरानी सूची में किसी के नाम वापस न होने की वजह से नए किसी भी नाम को दर्ज नहीं किया गया.इस दौरान पंचायत में दो तीन ऐसे लोगों के नाम दर्ज होने थे जिनकी स्थिति बेहद दयनीय है. लेकिन किसी के नाम वापस न लेने की कारण उन्हें निराशा हाथ लगी. पंचायत के प्रतिनिधि किसी का नाम बीपीएल सूची से न तो हटा सके न ही किसी का नया नाम दर्ज कर सके.आर्थिक बदहाली से परेशान कुछ लोग गुहार लगाते रहे कि कोई अपना नाम वापस लें. जिससे उनका नाम जुड़ सके, लेकिन सरकारी नौकरी, लाखों के सेब, अपनी गाड़ियों वाले किसी पर इसका कोई असर नहीं पड़ा.लोगों का कहना है कि सरकार BPL परिवारों की सूची की पूरी जांच अपने स्तर पर करे जिससे पात्र लोग ही इसमें शामिल हो सके. लोगों का आरोप है कि अभी भी बहुत सारे लोग ऐसे हैं, जो सरकार की तरफ से जारी नियमों का पालन नहीं करते. जिनके खिलाफ कड़ी करवाई होनी चाहिए.

ग्राम सभा की जानकारी देते हुए भराना पंचायत प्रधान कृष्णलाल शर्मा ने कहा की हमारे पास 90 लोगों की पहले ही सूची है, जिन्होंने सरकार की ओर से जारी शपथ पत्र पर हस्ताक्षर करके फिर BPL में ही रहने को कहा है. जबकि 50 से 60 नए लोगों ने BPL में नाम दर्ज करने के लिए शपथ पत्र दिए हैं. उन्होंने कहा कि सभा में किसी भी व्यक्ति ने अपना नाम BPLकी सूची से हटाने को नहीं कहा जिसके चलते नए लोगों को शामिल नहीं किया जा सकता.

शिमला: प्रदेश में जहां ग्राम पंचायते बीपीएल मुक्त होना चाहती है वहीं प्रदेश में अभी भी कुछ पंचायतों की लोग धनवान होने के बावजूद खुद को गरीब बताकर सरकार के नियमों को ठेंगा दिखा रहे हैं.
भराना में आयोजित विशेष बैठक में 156 लोगों ने अपनी हाजिरी लगाई. भराना पंचायत में हुई इस बैठक में बीपीएल के चयन को लेकर चर्चा की गई, जिसमें पहले से शामिल 90 लोगों में से किसी ने भी अपना नाम नहीं हटाया था.

BPL सूची से नहीं हट रहे साधन संपन्न परिवार
यही नहीं 50 लोगों ने BPL परिवार में अपना नाम दर्ज कराने के लिए सरकार की ओर से जारी शपथ पत्र के नियमों को मानकर अपने नाम दर्ज कराने को कहा, लेकिन पुरानी सूची में किसी के नाम वापस न होने की वजह से नए किसी भी नाम को दर्ज नहीं किया गया.इस दौरान पंचायत में दो तीन ऐसे लोगों के नाम दर्ज होने थे जिनकी स्थिति बेहद दयनीय है. लेकिन किसी के नाम वापस न लेने की कारण उन्हें निराशा हाथ लगी. पंचायत के प्रतिनिधि किसी का नाम बीपीएल सूची से न तो हटा सके न ही किसी का नया नाम दर्ज कर सके.आर्थिक बदहाली से परेशान कुछ लोग गुहार लगाते रहे कि कोई अपना नाम वापस लें. जिससे उनका नाम जुड़ सके, लेकिन सरकारी नौकरी, लाखों के सेब, अपनी गाड़ियों वाले किसी पर इसका कोई असर नहीं पड़ा.लोगों का कहना है कि सरकार BPL परिवारों की सूची की पूरी जांच अपने स्तर पर करे जिससे पात्र लोग ही इसमें शामिल हो सके. लोगों का आरोप है कि अभी भी बहुत सारे लोग ऐसे हैं, जो सरकार की तरफ से जारी नियमों का पालन नहीं करते. जिनके खिलाफ कड़ी करवाई होनी चाहिए.

ग्राम सभा की जानकारी देते हुए भराना पंचायत प्रधान कृष्णलाल शर्मा ने कहा की हमारे पास 90 लोगों की पहले ही सूची है, जिन्होंने सरकार की ओर से जारी शपथ पत्र पर हस्ताक्षर करके फिर BPL में ही रहने को कहा है. जबकि 50 से 60 नए लोगों ने BPL में नाम दर्ज करने के लिए शपथ पत्र दिए हैं. उन्होंने कहा कि सभा में किसी भी व्यक्ति ने अपना नाम BPLकी सूची से हटाने को नहीं कहा जिसके चलते नए लोगों को शामिल नहीं किया जा सकता.

Intro:
सरकारी नोकरी,धन सम्पन्न,बाग बगीचे ओर गाड़ियों के मालिक भी नही हटना चाहते बीपीएल की सूची से। सरकारी की ओर से जारी नियमों को ठेंगा दिखा रहे लोग।नियमो की धज्जियां उड़ाकर गरीब और पात्र लोगों को नही मिला बीपीएल का दर्जा।गरीब लोगों ने उठाई सरकार से जांच की मांग।Body:
प्रदेश में जंहा ग्राम पंचायते बीपीएल मुक्त होना चाहती है वन्ही प्रदेश में अभी भी कुछ पंचायतों की लोग धनवान होने के बावजूद भी गरीब रहकर सरकार को ठेंगा दिखाना चाहते है। ग्राम सभा की बैठक को लेकर हमने जमीनी स्तर पर ग्राम सभा की बैठक का जायजा लिया हमारे संवाददाता ने जिला शिमला की ठियोग उपमण्डल के तहत आने वाली पंचायत भराना का दौरा किया।भराना में आयोजित सरकार की तरफ से जारी इस विशेष बैठक में 156 लोगों ने अपनी हाजिरी लगाई।भराना पंचायत में हुई इस बैठक में बीपीएल के चयन को लेकर चर्चा की गई जिसमें पहले से शामिल 90 लोगों में से किसी ने भी अपना नाम नही हटाया यही नही 50 लोगों ने बीपीएल परिवार में अपना नाम दर्ज कराने के लिये सरकार की ओर से जारी शपथ पत्र के नियमो को मानकर अपने नाम दर्ज कराने को कहा।लेकिन पुरानी सूची में किसी के नाम वापिस न होने की वजह से नए किसी भी नाम को दर्ज नहीं किया गया।इस दौरान पंचायत में दो तीन ऐसे लोगों के नाम दर्ज होने थे जिनकी स्थिति बेहद दयनीय है।लेकिन किसी के नाम वापिस न लेने की कारण उन्हें निराशा हाथ लगी।लेकिन पंचायत के प्रतिनिधि किसी का नाम बीपीएल सूची से न तो हटा सके न ही किसी का नया नाम दर्ज कर सके।हालांकि आर्थिक बदहाली से परेशान कुछ लोग गुहार लगाते रहे कि कोई अपना नाम वापिस ले जिससे उनका नाम जुड़ सके।लेकिन सरकारी नोकरी,लाखों के सेब,अपनी गाड़ियों वाले किसी पर इसका असर नही पड़ा।

तीन लोग जो बेहद दयनीय स्थिति में है
1 राजेन्द्र शर्मा गाँव गोलू जिसके बच्चे का पीजीआई चंडीगढ़ में इलाज चल रहा है।लेकिन बीपीएल में नाम दर्ज न होने से इलाज के लिए पैसा नही मिल रहा।
2 सुरेश शर्मा ,गांव बछलोन, बेटे की बीमारी की वजह से आर्थिक तंगी नही हो पा रहा इलाज।
3 मीना शर्मा विधवा दो बेटियों का पालन पोषण करना मुश्किल आर्थकि तंगी

पंचायत की इस बैठक में हर कोई इसी टकटकी से देख रहा था कि उनका ओर उनके किसी चहेते का नाम बीपीएल की सूची से कोई हटा के देखे। लेकिन इसी सोच की वजह से जिन लोगों को जररूत थी उन्हें निराशा हाथ लगी।उन लोगों का कहना है कि सरकार बीपीएल परिवारों की सूची की पूरी जांच अपने स्तर पर करे जिससे पात्र लोग ही इसमें शामिल हो।लोगों का आरोप है कि अभी भी बहुत सारे लोग ऐसे हैं जो सरकार की तरफ से जारी नियमों का पालन नही करते।जिनके खिलाफ़ कड़ी करवाई होनी चाहिए।

बाईट1,,, राजेन्द्र शर्मा
स्थानीय निवासी
बाईट 2,,, दिनेश शर्मा
स्थानीय निवासी



ग्राम सभा की जानकारी देते हुए भराना पंचायत प्रधान कृष्णलाल शर्मा ने कहा की हमारे पास 90 लोगों की पहले ही सूची है जिन्होंने सरकार की ओर से जारी शपथ पत्र पर हस्ताक्षर करके फिर बीपीएल में ही रहने को कहा है।जबकि 50 से 60 नए लोगों ने बीपीएल में नाम दर्ज करने के लिए शपथ पत्र दिए है।उन्होंने कहा कि सभा मे किसी भी व्यक्ति ने अपना नाम बीपीएल की सूची से हटाने को नही कहा जिसके चलते नए लोगों को शामिल नही किया जा सकता।

बाईट,,, कृष्ण लाल शर्मा
प्रधान भराना पंचायत Conclusion:
आपको बता दे कि सरकार की तरफ से पंचायत को निर्देश दिए गए है कि बीपीएल सूची में शामिल लोगों को हटाया जाए जो सरकार की ओर से जारी नियमों के तहत नही आते।सरकार की ओर से जारी शपथ पत्र में नियम

1 परिवार की मासिक आय 2500
2 सरकारी या गैर सरकारी नोकरी न हो
3 परिवार के किसी सदस्य के पास चार पहिया वाहन न हो
4 शहर की तरह कोई पक्का मकान न हो।
5 एक हेक्टेयर से ज्यादा सिंचाई की भूमि न हो
6 परिवार इनकम टैक्स न देता हो।

बहरहाल प्रदेश में हुई इन बैठकों में बीपीएल सूची में बदलाव करने का सरकार का प्रयास कितना सफल होता है।ये सभी पंचायतो की बैठकों की रिपोर्ट आने के बाद पता चल पाएगा लेकिन बिना सख्त करवाई के धन सम्पन्न लोग बीपीएल का मोह नही छोड़ेंगे ।जिसकी मार बेबस ओर असहाय परिवारों पर पड़ेगी जिनको बीपीएल की सख्त जरूरत है।

ठियोग से सुरेश शर्मा की रिपोर्ट।

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