शिमला: कोरोना महामारी की वजह से न जाने कितने लोगों का नुकसान हुआ है, यह संख्या सच में अनगिनत है लेकिन इस महामारी के दौर में भी कुछ लोग ऐसे हैं जो लोगों की मजबूरी का फायदा उठाने में नहीं चूकते. ऐसे ही लोगों के बार में जांच पड़ताल के लिए ईटीवी भारत की टीम ने शिमला प्रशासन और शिमला के लोगों से बात की.
शिमला में नहीं हो रही मुनाफाखोरी
प्रशासन की मानें तो शिमला में फिलहाल मुनाफाखोरी का कोई मामला सामने नहीं आया है और इसपर चेक रखने के लिए समय-समय पर बाजारों का निरीक्षण किया जाता है जिसके लिए स्पेशल टीमें भी गठित की गई हैं. वहीं, अगर लोगों की मानें तो उनके मुताबिक मुनाफाखोरी के कुछ मामले सुनने में जरूर आ रहे हैं.
लोगों की मांग है कि प्रशासन को सख्त तरीके से दुकानदारों पर निगरानी रखनी चाहिए. अगर महंगाई की बात करें तो कोरोना कर्फ्यू की वजह से दुकानदारों में सामान बेचने की प्रतिस्पर्धा चल रही है जिस वजह से कोई भी दुकानदार ज्यादा कीमत पर सामान नहीं बेच रहा. जिस कीमत पर वह सामान थोक में खरीद रहे हैं, उसी दाम पर बेच भी रहे हैं.
आने वाले समय में बढ़ सकती है महंगाई
थोक विक्रेता का कहना है कि आगामी दिनों में दामों में उछाल आने की उम्मीद है. उनके मुताबिक सरसों के तेल की कीमत 165 से 175 हो सकती है. वनस्पति घी की कीमत 130 से 140 हो सकती है. परमल चावल 35 से 40 हो सकता है. हालांकि चने की दाल 80 से कम होकर 75 पर आ सकती है. उड़द की दाल भी 120 से 110 हो सकती है. आटे की कीमत में कोई उछाल नहीं बताया गया है. वहीं, मलका की दाल का मूल्य भी नहीं बदलेगा. रिफाइंड में 3 रुपए का उछाल आ सकता है. वहीं, राजमाह की कीमत में कोई बदलाव नहीं आएगा.
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