शिमला: नगर निगम शिमला का क्षेत्र दो सालों में सीवरेज से पूरी तरह से कनेक्ट होना वाला शहर बन जाएगा. अभी शहर का 90 फीसदी क्षेत्र सीवरेज से कनेक्टेड है और आगामी दो सालों में शहर पूरी तरह से सीवरेज से जुड़ जाएगा.
शिमला शहर में हर रोज 27 एमएलडी के करीब सीवरेज जमा होता है. जिसमें से 24 एमएलडी सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट तक पहुंच रहा है. जिसके निष्पादन के लिए शहर में छह सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाए गए हैं. शहर में 289 किलोमीटर के करीब सीवर लाइन बिछाई गई है. जलनिगम शिमला की ओर से शहर में लोगों को सीवरेज का कनेक्शन दिए जा रहे हैं और कनेक्शन न लेने वालों पर कार्रवाई भी की जा रही है.
2016 में फैला था डायरिया
राजधानी शिमला में जल स्त्रोत मे सीवरेज का पानी मिलने 2016 में डायरिया फैला था. जिसके बाद नगर निगम ने ऐहतियात बरतनी शुरू कर दी और सभी सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में सीवरेज का अच्छी तरह से निष्पादन करने के बाद ही खाडों में छोड़ा जा रहा है.
पुराने ट्रीटमेंट प्लांट को किया जा रहा अपग्रेड
शिमला शहर की बढ़ती आबादी को ध्यान में रखते हुए शहर में सभी सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट को अपग्रेड करने का कार्य जल निगम द्वारा इन दिनों किया जा रहा है. शहर में 2005 में ये सीवरेज प्लांट लगाए गए थे, लेकिन इनकी शेल्फ लाइफ पूरी हो गई है, जिसके चलते अब इन्हें अपग्रेड किया जा रहा है. इनके निष्पादन की क्षमता को भी बढ़ाया जाएगा. अपग्रेड होने के बाद 35 एमएलडी से भी अधिक सीवरेज को यहां पर ट्रीट किया जाएगा.
90 फीसदी क्षेत्र में सीवरेज लाइन
जल निगम शिमला के एजीएम गोपाल कृष्ण ने कहा कि राजधानी शिमला का 90 फीसदी क्षेत्र सीवरेज लाइन से जुड़ा गया है और 10 फीसदी क्षेत्र को भी आगामी 2 से 3 वर्षों के भीतर जोड़ दिया जाएगा. शहर में सीवरेज निष्पादन को लेकर से प्लांट लगाए गए हैं. जहां 27 एमएलडी सीवरेज निष्पादन की क्षमता है और इसकी क्षमता को बढ़ाने के लिए इन प्लांट को अपग्रेड किया जा रहा है.2016 तक जहा केवल सात एमएलडी सीवरेज प्लांट तक पहुंचता था, वहीं अब 24 एमएलडी सीवरेज प्लांट तक पहुंचाया जा रहा है.
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264 करोड़ का प्रोजेक्ट तैयार
एजीएम गोपाल कृष्ण ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि शहर में सीवरेज कनेक्शन देने की सरल प्रक्रिया है और लोग सीवरेज कनेक्शन के लिए आवेदन करें ताकि शहर को पूरी तरह से सीवरेज से जोड़ा जा सके. उन्होंने कहा कि 264 करोड़ का प्रोजेक्ट तैयार किया गया, जिसमें शहर के बाकी बचे हुए एरिया में सीवरेज लाइन बिछाई जाएगी. साथ ही ट्रीटमंट प्लांट भी स्थापित करने के साथ ही अपग्रेड किए जाएंगे.
हर रोज होती है सैंपलिंग
वहीं, सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का कार्य देख रहे जल निगम के जेईई संजय ने कहा कि शहर में सीवरेज को ट्रीटमेंट प्लांट तक ले जाने के बाद तह मानकों के मुताबिक ही वैज्ञानिक तरीके से इसका निष्पादन किया जाता है और हर रोज सैंपल लिए जातें हैं. सीवरेज को ट्रीट करने के बाद ही काफी दूर पानी छोड़ा जाता है और ये पानी ज्यादा हानिकारक नहीं होता है. इस पानी को फिर से इस्तेमाल किया जा सकता है.
बता दें शिमला नगर निगम में शामिल हुए क्षेत्र टूटू, मशोबरा, ढली, पंथाघाटी के क्षेत्र अभी सीवरेज लाइन से कनेक्ट नहीं हो पाए हैं. इसके लिए जल निगम की ओर से कवायद जारी है. सीवरेज लाइन बिछाने के साथ ही सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट भी स्थापित किए जाएंगे. शहर में वर्ल्ड बैंक और अमृत मिशन के तहत इस योजना पर काम किया जा रहा है.
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