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हिमाचल विधानसभा चुनाव: ये हैं वो 6 उम्मीदवार जो खुद को नहीं डाल पाए वोट, 2 कैबिनेट मंत्री भी शामिल - voting percentage in himachal

हिमाचल में 74 फीसदी से अधिक मतदान हुआ है. अब पोस्टल बैलेट की गणना होना बाकी है. इससे राज्य में एक से दो फीसदी मतदान बढ़ सकता है. हिमाचल विधानसभा चुनाव के लिए 412 प्रत्याशी चुनावी मैदान में उतरे थे, जिनकी किस्मत का फैसला जनता ने EVM में कैद कर दिया है. इस बीच सूबे में 6 प्रत्याशी ऐसे हैं, जो खुद के लिए वोट नहीं डाल पाए. आखिर ये उम्मीदवार कौन हैं को खुद को वोट क्यों नहीं डाल पाए जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर... (voting percentage in himachal) (candidates could not vote themselves in Himachal)

candidates could not vote themselves in Himachal
हिमाचल में 6 उम्मीदवार जो खुद को नहीं डाल पाए वोट
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Published : Nov 13, 2022, 4:41 PM IST

Updated : Nov 13, 2022, 5:30 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश में 68 विधानसभा क्षेत्रों के चुनाव के लिए बंपर वोटिंग देखने को मिली और मतदान करीब 74.61 प्रतिशत पहुंच गया है. हालांकि ये आंकड़ा पिछले चुनाव से कम है. अभी बैलेट पेपर से किए गए मतदान की गिनती होनी है. इसलिए मत प्रतिशतता 75 फीसदी से ज्यादा पहुंचेगी. सबसे अधिक मतदान दून विधानसभा क्षेत्र में 85.20 प्रतिशत हुआ, जबकि कसुम्पटी में सबसे कम 57 प्रतिशत रहा. ये चुनाव आनेवाले समय में कई तथ्यों को लेकर याद रखा जाएगा. इनमें से एक तथ्य ये इस बार 68 विधानसभा सीटों पर 412 प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमाने उतरे थे. अब इन सबकी किस्मत EVM में कैद हो गई है. 8 दिसंबर को मतगणना के दिन ही यह पता चल पाएगा कि जनता ने किसका साथ दिया है. लेकिन क्या आप जानते हैं इन 412 प्रत्याशियों में से 2 कैबिनेट मंत्री समेत 6 ऐसे प्रत्याशी जो खुद को वोट नहीं डाल सके. आइए जानते हैं आखिर ये क्यों और कैसे हुआ है...

हिमाचल में ये 6 उम्मीदवार खुद को नहीं डाल पाए वोट: हिमाचल के शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज, वन मंत्री राकेश पठानिया, शिमला ग्रामीण विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह, भाजपा नेता रविंद्र रवि, कांग्रेस नेता राजेश शर्मा और कृपाल परमार इस साल विधानसभा चुनाव में खुद को वोट नहीं डाल सके. दरअसल इन सभी उम्मीदवारों के नाम किसी और विधानसभा क्षेत्र में है और चुनाव किसी और विधानसभा क्षेत्र से लड़ रहे हैं. (candidates could not vote themselves in Himachal) (Himachal assembly elections)

इस विधानसभा क्षेत्र में मतदाता सूची में है नाम: सबसे पहले बात शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज की. सुरेश भारद्वाज का नाम शिमला शहर में वोटर लिस्ट में है, जबकि वे इस बार कसुम्पटी विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में हैं. प्रदेश के वन मंत्री राकेश पठानिया का नाम नूरपुर विधानसभा क्षेत्र में वोटर लिस्ट में है, जबकि वह इस बार फतेहपुर विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में हैं. शिमला ग्रामीण से कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह, इस बार भी शिमला ग्रामीण से प्रत्याशी हैं, जबकि रामपुर विधानसभा क्षेत्र में मतदाता सूची में इनका नाम है. ज्वालामुखी से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे रविंद्र रवि भाजपा से ज्वालामुखी विधानसभा सीट पर चुनावी मैदान में हैं, जबकि पालमपुर विधानसभा क्षेत्र में वोटर लिस्ट में उनका नाम है. (Himachal Urban Development Minister Suresh Bhardwaj) (Himachal Forest Minister Rakesh Pathania) (Congress MLA from Shimla Rural Vikramaditya Singh)

वहीं, देहरा से कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. राजेश शर्मा ने कांगड़ा विधानसभा क्षेत्र में में मताधिकार का इस्तेमाल किया. फतेहपुर से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनावी मैदान में उतरे कृपाल परमार का नाम नूरपुर विधानसभा क्षेत्र में है. ऐसे में कृपाल परमार ने नूरपुर विधानसभा क्षेत्र में अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया. (candidates could not vote themselves in Himachal) (Voting in Himachal pradesh)

वीरभद्र सिंह भी कभी खुद को नहीं दे पाए वोट: इतना ही नहीं हिमाचल के पूर्व मुख्यमंत्री स्व. वीरभद्र सिंह भी कभी खुद को वोट नहीं दे पाए. दरअसल वीरभद्र सिंह का नाम रामपुर में वोटर लिस्ट में था और रामपुर विधानसभा सीट एससी के लिए आरक्षित है. ऐसे में वीरभद्र सिंह ने कभी जुब्बल कोटखाई, कभी रोहड़ू और कभी अर्की से चुनाव लड़ा. ऐसे में वीरभद्र सिंह कभी खुद को वोट नहीं डाल सके. (Former Himachal CM Virbhadra Singh)

ये भी पढ़ें: HP Election: पोस्टल बैलेट की गणना के बाद 1-2 फीसदी मतदान प्रतिशत बढ़ने के आसार

शिमला: हिमाचल प्रदेश में 68 विधानसभा क्षेत्रों के चुनाव के लिए बंपर वोटिंग देखने को मिली और मतदान करीब 74.61 प्रतिशत पहुंच गया है. हालांकि ये आंकड़ा पिछले चुनाव से कम है. अभी बैलेट पेपर से किए गए मतदान की गिनती होनी है. इसलिए मत प्रतिशतता 75 फीसदी से ज्यादा पहुंचेगी. सबसे अधिक मतदान दून विधानसभा क्षेत्र में 85.20 प्रतिशत हुआ, जबकि कसुम्पटी में सबसे कम 57 प्रतिशत रहा. ये चुनाव आनेवाले समय में कई तथ्यों को लेकर याद रखा जाएगा. इनमें से एक तथ्य ये इस बार 68 विधानसभा सीटों पर 412 प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमाने उतरे थे. अब इन सबकी किस्मत EVM में कैद हो गई है. 8 दिसंबर को मतगणना के दिन ही यह पता चल पाएगा कि जनता ने किसका साथ दिया है. लेकिन क्या आप जानते हैं इन 412 प्रत्याशियों में से 2 कैबिनेट मंत्री समेत 6 ऐसे प्रत्याशी जो खुद को वोट नहीं डाल सके. आइए जानते हैं आखिर ये क्यों और कैसे हुआ है...

हिमाचल में ये 6 उम्मीदवार खुद को नहीं डाल पाए वोट: हिमाचल के शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज, वन मंत्री राकेश पठानिया, शिमला ग्रामीण विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह, भाजपा नेता रविंद्र रवि, कांग्रेस नेता राजेश शर्मा और कृपाल परमार इस साल विधानसभा चुनाव में खुद को वोट नहीं डाल सके. दरअसल इन सभी उम्मीदवारों के नाम किसी और विधानसभा क्षेत्र में है और चुनाव किसी और विधानसभा क्षेत्र से लड़ रहे हैं. (candidates could not vote themselves in Himachal) (Himachal assembly elections)

इस विधानसभा क्षेत्र में मतदाता सूची में है नाम: सबसे पहले बात शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज की. सुरेश भारद्वाज का नाम शिमला शहर में वोटर लिस्ट में है, जबकि वे इस बार कसुम्पटी विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में हैं. प्रदेश के वन मंत्री राकेश पठानिया का नाम नूरपुर विधानसभा क्षेत्र में वोटर लिस्ट में है, जबकि वह इस बार फतेहपुर विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में हैं. शिमला ग्रामीण से कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह, इस बार भी शिमला ग्रामीण से प्रत्याशी हैं, जबकि रामपुर विधानसभा क्षेत्र में मतदाता सूची में इनका नाम है. ज्वालामुखी से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे रविंद्र रवि भाजपा से ज्वालामुखी विधानसभा सीट पर चुनावी मैदान में हैं, जबकि पालमपुर विधानसभा क्षेत्र में वोटर लिस्ट में उनका नाम है. (Himachal Urban Development Minister Suresh Bhardwaj) (Himachal Forest Minister Rakesh Pathania) (Congress MLA from Shimla Rural Vikramaditya Singh)

वहीं, देहरा से कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. राजेश शर्मा ने कांगड़ा विधानसभा क्षेत्र में में मताधिकार का इस्तेमाल किया. फतेहपुर से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनावी मैदान में उतरे कृपाल परमार का नाम नूरपुर विधानसभा क्षेत्र में है. ऐसे में कृपाल परमार ने नूरपुर विधानसभा क्षेत्र में अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया. (candidates could not vote themselves in Himachal) (Voting in Himachal pradesh)

वीरभद्र सिंह भी कभी खुद को नहीं दे पाए वोट: इतना ही नहीं हिमाचल के पूर्व मुख्यमंत्री स्व. वीरभद्र सिंह भी कभी खुद को वोट नहीं दे पाए. दरअसल वीरभद्र सिंह का नाम रामपुर में वोटर लिस्ट में था और रामपुर विधानसभा सीट एससी के लिए आरक्षित है. ऐसे में वीरभद्र सिंह ने कभी जुब्बल कोटखाई, कभी रोहड़ू और कभी अर्की से चुनाव लड़ा. ऐसे में वीरभद्र सिंह कभी खुद को वोट नहीं डाल सके. (Former Himachal CM Virbhadra Singh)

ये भी पढ़ें: HP Election: पोस्टल बैलेट की गणना के बाद 1-2 फीसदी मतदान प्रतिशत बढ़ने के आसार

Last Updated : Nov 13, 2022, 5:30 PM IST
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