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Himachal Budget 2022-23: हिमाचल विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2023-24 का 56,684 करोड़ का बजट पारित

HP Assembly Budget Session: विधानसभा में बुधवार को वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए 56,684 करोड़ रुपये का बजट पारित हो गया। 17 मार्च को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विधानसभा में 53,413 करोड़ रुपये का बजट पेश किया था।

Himachal Budget 2022-23
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Published : Mar 30, 2023, 7:02 AM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश विधानसभा में बुधवार को वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए 56,684 करोड़ रुपये का बजट पारित किया गया. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस बारे में सदन में हिमाचल प्रदेश विनियोग विधेयक 2023 पेश किया, जिसे सदन ने दोपहर बाद 3.30 बजे ध्वनिमत से पारित कर दिया. विनियोग विधेयक पारित होने के साथ सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार राज्य की संचित निधि से वित्त वर्ष 2023-24 के लिए 56,683.69 करोड़ से अधिक की राशि खर्च कर सकेगी.

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बीते 17 मार्च को विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2023-24 का बजट पेश किया था. सीएम द्वारा पेश किए गए इस बजट पर 20 से 23 मार्च तक सदन में चर्चा की गई. सत्तापक्ष और विपक्ष के सदस्यों ने इस पर विस्तार से चर्चा की. इसके बाद 27 मार्च से बुधवार तक जलशक्ति, पीडब्लयूडी, शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग की मांगों को लेकर विपक्ष द्वारा लाए गए कटौती प्रस्तावों पर चर्चा हुई. इस चर्चा के बाद बुधवार को सदन ने सभी कटौती प्रस्तावों को ध्वनिमत से नामंजूर किया गया.

विधानसभा द्वारा पारित आगामी वित्त वर्ष के बजट में प्रदेश का राजस्व घाटा 4704 करोड़ रहेगा. इसके अतिरिक्त 9900 करोड़ का राजकोषीय घाटा अनुमानित है. राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 4.61 फीसदी है. इस बजट में राज्य के सरकारी क्षेत्र में अगले एक साल में 30 हजार मिलेगा. यही नहीं सरकार ने निजी क्षेत्र में भी रोजगार सृजन पर फोकस किया है. राज्य में नए निवेश को बढ़ावा दिया जाएगा.

राज्य सरकार निजी निवेश को आकर्षित करने के लिए ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टमेंट की स्थापना करेगी. उद्योग लगाने के लिए सभी एनओसी ब्यूरो ही उपलब्ध करवाएगा. यही नहीं सरकार धारा 118 की प्रक्रिया को भी आसान बनाएगी. सरकार का मानना है कि इससे राज्य में निजी निवेश बढ़ेगा और जिससे ज्यादा से ज्यादा रोजगार निजी क्षेत्र में पैदा होगा. करीब 90 हजार नए रोजगार के सृजन का निजी क्षेत्र में सृजन करने का सरकार ने अनुमान लगाया है.

इस बार बजट में हिमाचल को ग्रीन स्टेट बनाने पर फोकस किया गया है. इसके लिए राज्य में नई इलेक्ट्रिक बसें खरीदी जाएंगी. यही नहीं राज्य में युवाओं को भी ई-बसों के परमिट जारी किए जाएंगे और ई बसों, ई ट्रकों और ई टेक्सियों पर सरकार ने सब्सिडी देने का ऐलान किया है. सरकार ने राज्य में ग्रीन कॉरीडोर बनाने का भी ऐलान किया है. इसके अलावा हिमाचल में सोलर एनर्जी जनरेशन को बढ़ावा देने के लिए भी कई घोषणाएं की हैं.

आय बढ़ाने पर दिया ज्यादा जोर: राज्य की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने इस बजट में आय बढ़ाने पर जोर दिया है. सरकार ने पन बिजली परियोजनाओं पर वाटर सेस लगाया है. जिससे राज्य को करीब 4 हजार करोड़ की आय होने का अनुमान है. यही नहीं इस बार सरकार ने आबकारी विभाग के तहत शराब के ठेकों की नीलामी कर और आय बढ़ाने का प्रयास किया है. शराब के ठेकों की नीलामी से हिमाचल सरकार को बीते वित्तीय वर्ष के मुकाबले करीब 40 फीसद अधिक राजस्व मिलेगा.

सदन की दो बैठकें निलंबित, अब सोमवार को शुरू होगा सदन: हिमाचल विधानसभा के बजट सत्र की शुक्रवार 31 मार्च और शनिवार पहली अप्रैल को होने वाली दो बैठकें निलंबित कर दी गई हैं. संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने बुधवार को इस बारे में सदन में प्रस्ताव पेश किया, जिसको विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने सदन की अनुमति के लिए रखा. सदन ने इसे आम सहमति से पारित कर दिया गया. विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि 31 मार्च और पहली अप्रैल को लगने वाले सभी सवालों के जवाब सदस्यों को लिखित तौर पर भेज दिए जाएंगे, जबकि बाकी कामकाज आने वाले दिनों में होने वाली सदन की बैठकों में निपटाया जाएगा.

ये भी पढ़ें: कैबिनेट ने कुल्लू के बिजली महादेव रोपवे को दी हरी झंडी, 44 मोबाइल वेटनरी वैन खरीदेगी सरकार

शिमला: हिमाचल प्रदेश विधानसभा में बुधवार को वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए 56,684 करोड़ रुपये का बजट पारित किया गया. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस बारे में सदन में हिमाचल प्रदेश विनियोग विधेयक 2023 पेश किया, जिसे सदन ने दोपहर बाद 3.30 बजे ध्वनिमत से पारित कर दिया. विनियोग विधेयक पारित होने के साथ सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार राज्य की संचित निधि से वित्त वर्ष 2023-24 के लिए 56,683.69 करोड़ से अधिक की राशि खर्च कर सकेगी.

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बीते 17 मार्च को विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2023-24 का बजट पेश किया था. सीएम द्वारा पेश किए गए इस बजट पर 20 से 23 मार्च तक सदन में चर्चा की गई. सत्तापक्ष और विपक्ष के सदस्यों ने इस पर विस्तार से चर्चा की. इसके बाद 27 मार्च से बुधवार तक जलशक्ति, पीडब्लयूडी, शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग की मांगों को लेकर विपक्ष द्वारा लाए गए कटौती प्रस्तावों पर चर्चा हुई. इस चर्चा के बाद बुधवार को सदन ने सभी कटौती प्रस्तावों को ध्वनिमत से नामंजूर किया गया.

विधानसभा द्वारा पारित आगामी वित्त वर्ष के बजट में प्रदेश का राजस्व घाटा 4704 करोड़ रहेगा. इसके अतिरिक्त 9900 करोड़ का राजकोषीय घाटा अनुमानित है. राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 4.61 फीसदी है. इस बजट में राज्य के सरकारी क्षेत्र में अगले एक साल में 30 हजार मिलेगा. यही नहीं सरकार ने निजी क्षेत्र में भी रोजगार सृजन पर फोकस किया है. राज्य में नए निवेश को बढ़ावा दिया जाएगा.

राज्य सरकार निजी निवेश को आकर्षित करने के लिए ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टमेंट की स्थापना करेगी. उद्योग लगाने के लिए सभी एनओसी ब्यूरो ही उपलब्ध करवाएगा. यही नहीं सरकार धारा 118 की प्रक्रिया को भी आसान बनाएगी. सरकार का मानना है कि इससे राज्य में निजी निवेश बढ़ेगा और जिससे ज्यादा से ज्यादा रोजगार निजी क्षेत्र में पैदा होगा. करीब 90 हजार नए रोजगार के सृजन का निजी क्षेत्र में सृजन करने का सरकार ने अनुमान लगाया है.

इस बार बजट में हिमाचल को ग्रीन स्टेट बनाने पर फोकस किया गया है. इसके लिए राज्य में नई इलेक्ट्रिक बसें खरीदी जाएंगी. यही नहीं राज्य में युवाओं को भी ई-बसों के परमिट जारी किए जाएंगे और ई बसों, ई ट्रकों और ई टेक्सियों पर सरकार ने सब्सिडी देने का ऐलान किया है. सरकार ने राज्य में ग्रीन कॉरीडोर बनाने का भी ऐलान किया है. इसके अलावा हिमाचल में सोलर एनर्जी जनरेशन को बढ़ावा देने के लिए भी कई घोषणाएं की हैं.

आय बढ़ाने पर दिया ज्यादा जोर: राज्य की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने इस बजट में आय बढ़ाने पर जोर दिया है. सरकार ने पन बिजली परियोजनाओं पर वाटर सेस लगाया है. जिससे राज्य को करीब 4 हजार करोड़ की आय होने का अनुमान है. यही नहीं इस बार सरकार ने आबकारी विभाग के तहत शराब के ठेकों की नीलामी कर और आय बढ़ाने का प्रयास किया है. शराब के ठेकों की नीलामी से हिमाचल सरकार को बीते वित्तीय वर्ष के मुकाबले करीब 40 फीसद अधिक राजस्व मिलेगा.

सदन की दो बैठकें निलंबित, अब सोमवार को शुरू होगा सदन: हिमाचल विधानसभा के बजट सत्र की शुक्रवार 31 मार्च और शनिवार पहली अप्रैल को होने वाली दो बैठकें निलंबित कर दी गई हैं. संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने बुधवार को इस बारे में सदन में प्रस्ताव पेश किया, जिसको विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने सदन की अनुमति के लिए रखा. सदन ने इसे आम सहमति से पारित कर दिया गया. विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि 31 मार्च और पहली अप्रैल को लगने वाले सभी सवालों के जवाब सदस्यों को लिखित तौर पर भेज दिए जाएंगे, जबकि बाकी कामकाज आने वाले दिनों में होने वाली सदन की बैठकों में निपटाया जाएगा.

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