शिमला: एचआरटीसी को हर दिन लाखों रुपए का नुकसान रूट बंद होने के कारण उठाना पड़ रहा है. एचआरटीसी प्रबंधन से प्राप्त जानकारी के मुताबिक पिछले 7 दिनों में एचआरटीसी को 5 करोड़ से ज्यादा का नुकसान उठाना पड़ा है. इसमें 3.51 करोड़ का नुकसान प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में एचआरटीसी की सेवाएं बंद होने के कारण हुआ है. वहीं बारिश के कारण एचआरटीसी के बस स्टैंड व वर्कशॉप को 2.5 करोड़ रुपए के नुकसान का आंकलन है.
एचआरटीसी को हर दिन लाखों रुपये का नुकसान: हिमाचल प्रदेश में बारिश के कारण बंद हुई सड़कों के कारण प्रदेश में 899 रूटों पर एचआरटीसी की सेवाएं अभी भी बहाल नहीं हो पाई है. इससे एचआरटीसी को हर दिन लाखों रुपये का नुकसान उठाना पड़ा है. वहीं, 250 से ज्यादा बसें अभी भी प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में फंसी हुई हैं. कोविड काल के बाद से एचआरटीसी घाटे से उभर नहीं पाया है. वर्तमान में एचआरटीसी का कुल घाटा 1355 करोड़ से अधिक का बताया जा रहा है. एक ओर जहां सरकार व एचआरटीसी प्रबंधन एचआरटीसी को घाटे से निकालने के लिए योजनाएं बना रही हैं तो वहीं, दूसरी ओर हिमाचल में आई आपदा से एचआरटीसी की मुश्किलें और अधिक बढ़ गई हैं.
कुल 3600 रूटों पर बसों का संचालन करता हैं एचआरटीसी: वर्तमान में हालत यह कि एचआरटीसी कर्मचारियों और पैंशनरों की पेंशन के लिए सरकार पर निर्भर है. एचआरटीसी को कर्मचारियों के वेतन व पैंशनरों की पैंशन के लिए सरकार से 69 करोड़ रुपए की राशि हर माह लेनी पड़ती है. एचआरटीसी प्रदेश भर में कुल 3600 रूटों पर बसों का संचालन करता हैं लेकिन पिछले एक हफ्ते से सैंकड़ो रूटों पर एचआरअीसी की सेवाएं बंद है. एचआरटीसी के एमडी रोहन चंद ठाकुर ने बताया कि मौसम के कारण एचआरटीसी सेवा प्रभावित हुई है जिससे लगभग 5 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.
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