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शिमला में खत्म होगी पानी की किल्लत, 6 महीनों में शुरू होगा सुन्नी-सतलुज पेयजल प्रोजेक्ट - Drinking water supply shimla

राजधानी शिमला को 24 घंटे पानी देने के लिए जल निगम ने कवायद शुरू कर दी है. सुन्नी सतलुज से पानी लाने को लेकर जल निगम ने टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली है. यह प्रोजेक्ट अहमदाबाद की कंपनी एलसीसी को सौंपा गया है. अगामी 6 महीनों में इस प्रोजेक्ट का काम शुरू हो जाएगा.

jal nigam shimla
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Published : Dec 5, 2020, 7:10 PM IST

शिमला: राजधानी शिमला को 24 घंटे पानी देने के लिए जल निगम ने कवायद शुरू कर दी है. सुन्नी सतलुज से पानी लाने को लेकर जल निगम ने टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली है. यह प्रोजेक्ट अहमदाबाद की कंपनी एलसीसी को सौंपा गया है. अगामी 6 महीनों में इस प्रोजेक्ट का काम शुरू हो जाएगा.

अभी इस प्रोजेक्ट की कांटेक्ट एग्रीमेंट की प्रक्रिया चह रही है और इस दौरान कंपनी को 6 महिने के लिए एसआईपी पीरीयड दिया गया है, जिसमें कंपनी को टेक्निकल प्रपोजल और डिजाइन जल निगम को सौंपना है. जिसके बाद इस प्रपोजल और डिजाइन को फाइनल करके अगल 6 महिनेे में यह प्रजोक्ट शुरू कर दिया जाएगा.

422 करोड़ की आएगी लागत

यह प्रोजेक्ट 3 चरणों में पूरा किया जाना है, जिसमें पहले चरण में सुन्नी तहसील के शकरोड़ी गांव से होते हुए पानी लिफ्ट किया जाएगा, उसके बाद इसे देवी दार में बने टैंक में पहुंचाया जाएगा और फिर वहां से इसे भराड़ी के डुम्मी होते हुए शिमला के संजौली टैंक तक पुहंचाया जाएगा, जिसमें कुल 22 किलोमीटर की पाइप लाइन बिछाई जाएगी. यहां से हर रोज 67 एमएलडी पानी हर रोज शिमला लाया जाएगा. इस प्रोजेक्ट पर 422 करोड़ खर्च होना है.

वीडियो.

3 साल में पूरा होगा प्रोजेक्ट

जल निगम के अधिशाषी अभियंता सुरेश कश्यप ने बताया कि शिमला के लिए 2050 तक रोजना 24 घंटे पानी की सप्लाई के लिए सुन्नी सतलुज शकरोड़ी प्रोजेक्ट पर जल्द काम शुरू होगा. इसके लिए टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली गई है. पेयजल प्रोजेक्ट लागत 422 करोड़ की है, जिसमें सतलुज नदी से पानी उठाकर शिमला तक पहुंचा जाएगा. उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट को लगभग 3 साल में पूरा किया जाएगा. यहां से हर रोज 67 एमएलडी पानी शिमला लाने का लक्ष्य रखा गया है.

हर साल गर्मियों में होती है पानी की कमी

शिमला शहर में हर साल गर्मीयों के मौसम में पानी की दिक्कत पेश आती है. जल परियोंजनओं में गर्मी और बारिश न होने के चलते पानी घट जात है. साल 2018 में भी ऐसा ही मंजर शिमला में देखने को मिला था, शहर में पानी की सप्लाई घट गई थी और लोगों को कई दिनों तक पानी की किल्लत से जूझना पड़ा था.

वहीं, इन दिनों भी शिमला में पानी की सप्लाई कुछ खासी अच्छी नहीं चल रही है, क्योंकि शहर के कई इलाकों में पानी एक दिन छोड़कर दिया जा रहा है. ऐसे में इस प्रोजेक्ट के पूरा होने से शहर में पानी की किल्लत नहीं सताएगी.

पढ़ें: शिमला में मोक्ष के लिए इंतजार कर रही हैं 65 मृतकों की अस्थियां, परिजनों ने मुंह मोड़ा

पढ़ें: कोरोना का इफेक्ट! जेलों में बंद कैदियों को नहीं मिलेगी पैरोल

शिमला: राजधानी शिमला को 24 घंटे पानी देने के लिए जल निगम ने कवायद शुरू कर दी है. सुन्नी सतलुज से पानी लाने को लेकर जल निगम ने टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली है. यह प्रोजेक्ट अहमदाबाद की कंपनी एलसीसी को सौंपा गया है. अगामी 6 महीनों में इस प्रोजेक्ट का काम शुरू हो जाएगा.

अभी इस प्रोजेक्ट की कांटेक्ट एग्रीमेंट की प्रक्रिया चह रही है और इस दौरान कंपनी को 6 महिने के लिए एसआईपी पीरीयड दिया गया है, जिसमें कंपनी को टेक्निकल प्रपोजल और डिजाइन जल निगम को सौंपना है. जिसके बाद इस प्रपोजल और डिजाइन को फाइनल करके अगल 6 महिनेे में यह प्रजोक्ट शुरू कर दिया जाएगा.

422 करोड़ की आएगी लागत

यह प्रोजेक्ट 3 चरणों में पूरा किया जाना है, जिसमें पहले चरण में सुन्नी तहसील के शकरोड़ी गांव से होते हुए पानी लिफ्ट किया जाएगा, उसके बाद इसे देवी दार में बने टैंक में पहुंचाया जाएगा और फिर वहां से इसे भराड़ी के डुम्मी होते हुए शिमला के संजौली टैंक तक पुहंचाया जाएगा, जिसमें कुल 22 किलोमीटर की पाइप लाइन बिछाई जाएगी. यहां से हर रोज 67 एमएलडी पानी हर रोज शिमला लाया जाएगा. इस प्रोजेक्ट पर 422 करोड़ खर्च होना है.

वीडियो.

3 साल में पूरा होगा प्रोजेक्ट

जल निगम के अधिशाषी अभियंता सुरेश कश्यप ने बताया कि शिमला के लिए 2050 तक रोजना 24 घंटे पानी की सप्लाई के लिए सुन्नी सतलुज शकरोड़ी प्रोजेक्ट पर जल्द काम शुरू होगा. इसके लिए टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली गई है. पेयजल प्रोजेक्ट लागत 422 करोड़ की है, जिसमें सतलुज नदी से पानी उठाकर शिमला तक पहुंचा जाएगा. उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट को लगभग 3 साल में पूरा किया जाएगा. यहां से हर रोज 67 एमएलडी पानी शिमला लाने का लक्ष्य रखा गया है.

हर साल गर्मियों में होती है पानी की कमी

शिमला शहर में हर साल गर्मीयों के मौसम में पानी की दिक्कत पेश आती है. जल परियोंजनओं में गर्मी और बारिश न होने के चलते पानी घट जात है. साल 2018 में भी ऐसा ही मंजर शिमला में देखने को मिला था, शहर में पानी की सप्लाई घट गई थी और लोगों को कई दिनों तक पानी की किल्लत से जूझना पड़ा था.

वहीं, इन दिनों भी शिमला में पानी की सप्लाई कुछ खासी अच्छी नहीं चल रही है, क्योंकि शहर के कई इलाकों में पानी एक दिन छोड़कर दिया जा रहा है. ऐसे में इस प्रोजेक्ट के पूरा होने से शहर में पानी की किल्लत नहीं सताएगी.

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