शिमला: कोरोना कर्फ्यू के दौरान राज्य की सुरक्षा और जरूरतमंदों को राहत पहुंचाने के लिए प्रदेश सरकार के कार्यों को देश में सराहा जा रहा है. प्रदेश सरकार गरीबों और जरूरतमंदों की सहायता के लिए लगातार प्रयास कर रही है.
राज्य सरकार ने अप्रैल महीने में लोगों को खाद्य सामग्री उपलब्ध करवाने पर लगभग 35 करोड़ से अधिक की राशि खर्च की. इस राशि से प्रदेश के सभी राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के लाभार्थियों को अप्रैल व मई महीने के लिए 19,400 मीट्रिक टन आटा व 14,350 मीट्रिक टन चावल वितरित किया. इसके अलावा लॉकडाउन के दौरान प्रदेश में फंसे बाहरी राज्यों के मजदूरों को पांच-पांच किलोग्राम आटा व चावल अस्थाई परमिट जारी कर वितरित किया गया.
कोविड-19 वॉरियर्स, स्वास्थ्य एवं सफाई कर्मियों के अतिरिक्त संबंधित सेवाओं में शामिल कर्मचारियों को 50 लाख रुपये की अनुग्रह राशि निर्धारित की गई है. साथ ही प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत सभी स्वास्थ्य एवं स्वच्छता कर्मियों को 50 लाख रुपये की राशि बीमा कवर के अंतर्गत लाया गया है.
लॉकडाउन के दौरान सामाजिक सुरक्षा पेंशन के दायरे में आने वाले लगभग 5,69,058 पेंशनरों को 217.85 करोड़ रुपये सामाजिक सुरक्षा पेंशन के रूप में जारी किए हैं. राज्य सरकार ने यह राशि वृद्धावस्था पेंशन, विधवा पेंशन, दिव्यांग और कुष्ठ रोगी पेंशन धारकों को तीन महीने की अग्रिम पेंशन राशि के तौर पर वित्तीय लाभ के रूप में दी. वहीं, जनजातीय क्षेत्रों के सामाजिक सुरक्षा पेंशनरों को छह महीने का अग्रिम भुगतान किया गया.
कोविड-19 के संक्रमण के चलते बसें नहीं चलने के कारण हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम को नुकसान की भरपाई के लिए सरकार ने अप्रैल महीने में 60 करोड़ रुपये की राशि अनुदान के रूप में जारी की है, ताकि निगम को लॉकडाउन अवधि के दौरान हुए नुकसान से उभारा जा सके.
हिमाचल प्रदेश भवन एवं अन्य निर्माण कामगार कल्याण बोर्ड के माध्यम से 75,601 कामगारों को दो हजार रुपये प्रति कामगार के तौर पर अप्रैल महीने में उपलब्ध करवाई गए, जिसपर 15.12 करोड़ रुपये खर्च किए गए.