शिमला: 21 जून के दिन उत्तरी गोलार्ध में मौजूद सभी देशों में दिन लंबा होता है क्योंकि सूरज बहुत ऊंचाई पर होता है. इस दिन से रात लंबी होने लगती है. 21 सितंबर को रात और दिन दोनों बराबर हो जाते हैं. इसके बाद रात लंबी और दिन छोटा होना शुरू हो जाता है.
जाने क्यों होता है 21 जून को सबसे बड़ा दिन
खगोल शास्त्रियों का मानना है कि सूर्य उत्तरी गोलार्ध से चलकर भारत के बीच से गुजरने वाली कर्क रेखा में आ जाता है. इस दिन सूर्य की रोशनी धरती पर करीब 14 घंटे तक पड़ती हैं, जिसके कारण 21 जून को साल का सबसे लंबा दिन होता है. कभी-कभी 22 जून को भी बड़ा दिन होता है. 1975 में 22 जून को साल का सबसे बड़ा दिन था. अब ऐसा 2203 में होगा.
इस कारण दिन होते हैं छोटे बड़े
दिन के छोटे-बड़े होने का कारण है धरती का झुका हुआ होना. दरअसल, धरती ही नहीं बल्कि, सोलर सिस्टम का हर ग्रह अलग-अलग एंगल पर झुका हुआ है. पृथ्वी भी अपने एक्सिस पर 23.5 डिग्री झुकी हुई है. अपनी धुरी पर चक्कर लगाने के कारण एक जगह पर पड़ने वाली सूरज की किरणों का समय साल के अलग-अलग दिन अलग होता है.
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