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कैंसर का इलाज जल्द होगा आसान, प्रदेशवासियों को IGMC में मिलेगी ये सुविधा

IGMC शिमला में जल्द ही कैंसर का इलाज संभव हो पाएगा. अस्पताल प्रबंधन 32 करोड़ की लागत से इन मशीनों को स्थापित करेगा, जिससे कैंसर का इलाज करने में आसानी होगी.

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Published : Sep 29, 2019, 8:36 PM IST

फाइल फोटो

शिमला: आईजीएमसी के कैंसर अस्पताल में जल्द ही दो बड़ी मशीनें स्थापित की जाएंगी. अस्पताल प्रबंधन 32 करोड़ की लागत से इन मशीनों को स्थापित करेगा.

जानकारी के अनुसार, इन मशीनों के स्थापित होने के बाद कैंसर का इलाज आसान और जल्दी हो सकेगा. इनमें एक लीनियर एक्सीलेटर और दूसरी सिटी सिम्युलेटर मशीन शामिल हैं. मशीनों के स्थापित होने के बाद ये पता लग सकेगा की मरीज को किस जगह पर कैंसर है और कैंसर की कौन सी स्टेज है.

इन मशीनों के स्थापित होने के बाद प्रदेश के मरीजों को पीजीआई जाने की जरूरत नहीं होगी उनका इलाज आईजीएमसी में ही आसानी से हो पाएगा. वर्तमान में कैंसर पीड़ितों को पीजीआई रेफर किया जाता है. अस्पताल में लीनियर एक्सीलेटर मशीन 15 एमबी लगाई जाएगी.

इस मशीन के लगने से मरीजों के चेस्ट एक्सरे, सीटी स्कैन, आईएमआरटी, आईबीपी की जांच होगी. ये मशीन हाई एनर्जी के लिए भी इस्तेमाल की जाती है. वहीं सिटी सिम्युलेटर मशीन से पता लगेगा कि मरीज के शरीर के कौन से हिस्से में कैंसर है और कितना फैला हुआ है.

मशीन को खरीदने के लिए अस्पताल प्रबंधन अभी टेंडर प्रक्रिया करेगा, जिसके तहत मशीन का मूल्य और क्वालिटी निर्धारित की जाएगी. बता दें कि कैंसर अस्पताल में इन दोनों मशीनों को स्थापित करने के लिए पर्याप्त जगह नहीं है. इस वजह से ये काम लंबे समय लटका है. फिलहाल मशीनों को स्थापित करने के लिए अस्पताल में दो फ्लोर भवन निर्माण करवाया जा रहा है, जो मार्च महीने तक पूरा कर लिया जाएगा.

कैंसर विभागाध्यक्ष डॉ. मनीष ने बताया कि जैसे ही नया भवन बनकर तैयार होगा उसके बाद ये दोनों मशीनें स्थापित की जाएंगी. उन्होंने कहा कि जल्द ही मशीनों को खरीदने के लिए टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली जाएंगी.

शिमला: आईजीएमसी के कैंसर अस्पताल में जल्द ही दो बड़ी मशीनें स्थापित की जाएंगी. अस्पताल प्रबंधन 32 करोड़ की लागत से इन मशीनों को स्थापित करेगा.

जानकारी के अनुसार, इन मशीनों के स्थापित होने के बाद कैंसर का इलाज आसान और जल्दी हो सकेगा. इनमें एक लीनियर एक्सीलेटर और दूसरी सिटी सिम्युलेटर मशीन शामिल हैं. मशीनों के स्थापित होने के बाद ये पता लग सकेगा की मरीज को किस जगह पर कैंसर है और कैंसर की कौन सी स्टेज है.

इन मशीनों के स्थापित होने के बाद प्रदेश के मरीजों को पीजीआई जाने की जरूरत नहीं होगी उनका इलाज आईजीएमसी में ही आसानी से हो पाएगा. वर्तमान में कैंसर पीड़ितों को पीजीआई रेफर किया जाता है. अस्पताल में लीनियर एक्सीलेटर मशीन 15 एमबी लगाई जाएगी.

इस मशीन के लगने से मरीजों के चेस्ट एक्सरे, सीटी स्कैन, आईएमआरटी, आईबीपी की जांच होगी. ये मशीन हाई एनर्जी के लिए भी इस्तेमाल की जाती है. वहीं सिटी सिम्युलेटर मशीन से पता लगेगा कि मरीज के शरीर के कौन से हिस्से में कैंसर है और कितना फैला हुआ है.

मशीन को खरीदने के लिए अस्पताल प्रबंधन अभी टेंडर प्रक्रिया करेगा, जिसके तहत मशीन का मूल्य और क्वालिटी निर्धारित की जाएगी. बता दें कि कैंसर अस्पताल में इन दोनों मशीनों को स्थापित करने के लिए पर्याप्त जगह नहीं है. इस वजह से ये काम लंबे समय लटका है. फिलहाल मशीनों को स्थापित करने के लिए अस्पताल में दो फ्लोर भवन निर्माण करवाया जा रहा है, जो मार्च महीने तक पूरा कर लिया जाएगा.

कैंसर विभागाध्यक्ष डॉ. मनीष ने बताया कि जैसे ही नया भवन बनकर तैयार होगा उसके बाद ये दोनों मशीनें स्थापित की जाएंगी. उन्होंने कहा कि जल्द ही मशीनों को खरीदने के लिए टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली जाएंगी.

Intro:
आईजीएमसी में कैंसर का इलाज होगा जल्दी
अस्पताल स्तापित करने जा रहा दो बड़ी मशीन


शिमला।
कैंसर अस्पताल शिमला में स्थापित होने वाली मशीनों को खरीदने के लिए प्रशासन शीघ्र ही टैंडर करवाएगा। अस्पताल में प्रशासन 32 करोड़ की लागत से दो मशीनें स्थापित करने जा रहा है। इनमें एक लिनियर एक्सीलिटर और दूसरी सी.टी. सीमूलेटर मशीन शामिल है। इन मशीनों की सबसे बड़ी खासियत यह है कि अब कैंसर के मरीजों को तुरंत इलाज होगा। मशीनें यह पता लगाएगी कि व्यक्ति को किस जगह कैंसर है और कौन सी स्टेज पर है। मशीनों के स्थापित होने के बाद कैंसर पीडि़त मरीज हिमाचल से पी.जी.आई. और अन्य राज्य में रैफर नहीं होगे। लोगों को कैंसर के उपचार की सारी सुविधा कैंसर अस्पताल आई.जी.एम.सी. में ही मिलेंगी। वर्तमान में कैंसर पीडि़तों को पी.जी.आई. रैफर किया जाता है। अस्पताल में लिनियर एक्सीलिटर मशीन 15 एम.बी की लगाई जानी है। इस मशीन के लगने से मरीजों के चैस्ट एक्सरे, सी.टी स्कैन, आई.एम.आर.टी, आई.बी.पी करवाएं जाते है। इसके अलावा अन्य बीमारी का भी जल्द से पता लगाया जाता है। यह मशीन हाई एनर्जी के लिए भी इस्तेमाल की जाती है। वहीं सी.टी. सीमूलेटर मशीन से यह पता लग पाएगा कि व्यक्ति को कैंसर कहा तक फला है और किस जगह पर है। इस मशीन से कैंसर का शीघ्र ही पता लगाया जाएगा ओर समय से व्यक्ति का उपचार शुरू हो पाएगा। मशीन को खरीदने के लिए प्रशासन टैंडर करवाएगा। जिस कंपनी की मशीन अच्छी होगी और उसका मुल्य सही होगा उसी मशीन की प्रशासन खरीदारी करेंगा। आलम है कि इन दिनों में कैसर मनुष्य के लिए एक घातक बीमारी बन चुकी है। जिससे की लोगों की जाने तक जा रही है।
Body:
मशीन स्थापित करने के लिए पहले बनेगे दो फलोर

मशीन स्थापित करने के लिए अस्पताल में जगह का प्रावधान नहीं है। तभी प्रशासन मशीन को नहीं खरीद पा रहा है। हालांकि सरकार से मशीन को खरीदने के लिए धन राखी भी मिल चुकी है। प्रशासन का दावा है कि अभी कैंसर अस्पताल में नया भवन बन रहा है। जिसका निर्माणाधीन कार्य इन दिनों चला हुआ है। पी.डबल्यू.डी. वालों को बताया गया है कि पहले दो फलोर को जल्द से जल्द तैयार किया जाए, ताकि उसमें मशीने स्थापित कर सके। बताया जा रहा है कि दो फलोर मार्च तक बनकर तैयार होने है। तब तक प्रशासन मशीन खरीदने के लिए टैंडर प्रक्रियां शुरू करेंगा।


Conclusion:कैंसर अस्पताल में जैसे ही नए भवन में दो भवन बनकर तैयार होगे उसमें मशीनों को स्थापित किया जाएगा। अस्पताल में दो सी.टी. सीमूलेटर और लिनियर एक्सीलिटर मशीन स्थापित होनी है। मशीने खरीदने के लिए जल्द ही टैंडर प्रक्रियां शुरू होगी।
- डा. मनीष, विभागयाध्यक्ष कैंसर अस्पताल।
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