चंबा/शिमला: चंबा जिले की भांदल पंचायत के युवक मनोहर की नृशंस हत्या के आरोपी परिवार के पास अब तक 17 लाख रुपए डिपॉजिट की बात सामने आई है. अभी और खातों का भी पता लगाया जा रहा है. डीसी चंबा अपूर्व देवगन ने गुरुवार को विरोध प्रदर्शन के सिलसिले में जिला उपायुक्त कार्यालय पहुंची संघणी हत्याकांड संघर्ष समिति के पदाधिकारियों को अब तक हुई जांच की डिटेल सांझा की. डीसी चंबा ने बताया कि अभी तक आरोपी परिवार के सदस्यों के बैंक व पोस्ट ऑफिस में जमा खातों की जांच में 17 लाख रुपए के डिपॉजिट की बात सामने आई है. अभी और भी बैंक व अन्य खातों का पता लगाया जा रहा है.
इसके अलावा अवैध कब्जों को लेकर जांच में सामने आया है कि आरोपी परिवार ने 18 बीघा जमीन कब्जाई हुई थी. इसमें अधवारी यानी जहां पशु आदि रखे जाते हैं, वहां तीन बीघा जमीन पर अवैध रूप से कब्जा किया हुआ था. इसके अलावा 15 बीघा सरकारी वन भूमि पर शरीफ मोहम्मद के परिवार का अवैध कब्जा पाया गया है. वन विभाग ने इस कब्जे को छुड़वा लिया है. आरोपी परिवार ने अधवारी के साथ कब्जाई गई जमीन पर सब्जियां आदि लगाई थी, उस कब्जे को भी हटाया गया है. इसके अलावा सरकारी वन भूमि पर किए गए कब्जे को भी मुक्त करवाया गया है.
डीसी चंबा ने प्रदर्शनकारियों को आश्वस्त किया कि उनकी सभी मांगों पर पुलिस व जिला प्रशासन त्वरित एक्शन ले रहा है. उन्होंने दोहराया कि जिला प्रशासन पीड़ित परिवार के साथ खड़ा है और जांच से संबंधित सारी जानकारी भी निरंतर उनको दी जा रही है. एनआईए जांच की मांग को लेकर डीसी ने कहा कि इस बारे में तय प्रक्रिया के तहत संबंधित एजंसी को सूचित किया गया है.
इससे पूर्व विभिन्न संगठनों ने साथ मिलकर संघणी हत्याकांड संघर्ष समिति के बैनर तले चंबा बाजार में रैली निकाली. विधायक जनकराज भी रैली में शामिल हुए. प्रदर्शनकारियों ने मनोहर हत्याकांड की जांच एनआईए से करवाने के अलावा सात अन्य मांगों का ज्ञापन डीसी चंबा के माध्यम से राज्यपाल को सौंपा. ज्ञापन में फास्ट ट्रैक कोर्ट के गठन, एक पखवाड़े के भीतर चार्जशीट दाखिल करने और गुज्जरों को दिए गए ढारों के परमिट रद्द करने जैसी मांगें शामिल हैं.