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ऑस्ट्रेलिया में कोरोना वॉरियर्स की भूमिका निभा रहे दो भाई, 13 हजार लोगों तक पहुंचाई मदद

मंडी शहर के दो युवा ऑस्ट्रेलिया में कोरोना वॉरियर्स की भूमिका निभाकर अपने देश का नाम रोशन कर रहे हैं. कोरोना वायरस के कारण वहां पर जो लॉकडाउन किया गया है, उसमें अभिषेक अवस्थी फ्रंटलाइन वर्कर के रूप में काम करते हुए कोरोना वॉरियर्स की भूमिका निभा रहे हैं.

youngsters of India playing  Corona Warriors role  in Australia
आस्ट्रेलिया में कोरोना वॉरियर्स की भूमिका निभा रहे मंडी के दो युवा,
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Published : Apr 23, 2020, 5:55 PM IST

Updated : Apr 24, 2020, 10:06 AM IST

मंडी: जिला के मंडी शहर के दो युवा ऑस्ट्रेलिया में कोरोना वॉरियर्स की भूमिका निभाकर अपने देश का नाम रोशन कर रहे हैं. मौजूदा समय में अभिषेक विक्टोरियन राज्य सरकार के मल्टीकल्चरल कमीशन की रिजनल एडवाइजरी काउंसिल के सदस्य और लॉडन कैम्पेस्पी मल्टी कल्चरल सर्विस के चेयरमैन हैं.

बता दें कि ऑस्ट्रेलिया भी कोरोना वायरस की चपेट से अछूता नहीं रहा है. यहां पर भी काफी संख्या में कोरोना के मरीज हैं, जिसके चलते सरकार ने वहां पर भी लॉकडाउन कर रखा है. कोरोना वायरस के कारण वहां पर जो लॉकडाउन किया गया है, उसमें अभिषेक अवस्थी फ्रंटलाइन वर्कर के रूप में काम करते हुए कोरोना वॉरियर्स की भूमिका निभा रहे हैं.

youngsters of India playing  Corona Warriors role  in Australia
अभिषेक अवस्थी और उनका भाई अच्छयुतम

बैंडिगो शहर में ऐसे 200 लोगों की टीम बनाई गई है जो इस आपदा के कारण प्रभावित हुए लोगों तक मदद पहुंचा रहे हैं. अभिषेक अवस्थी बताते हैं कि उनकी टीम हर हफ्ते 13 हजार लोगों तक जरूरत का सामान पहुंचाने में लगी हुई है. जिसमें राशन, सब्जी, दूध और दवाईयों सहित अन्य जरूरत का सामान मौजूद हैं.

वीडियो रिपोर्ट

अभिषेक अवस्थी ने ऑस्ट्रेलिया से भेजे संदेश में भारत सरकार द्वारा समय रहते उठाए गए कदमों की सराहना की है. उन्होंने कहा कि भारत में जो फ्रंटलाइन वर्कर हैं उनका वह आभार जताना चाहते हैं. जिनके कारण देश सुरक्षित रह पा रहा है. इस दौरान अभिषेक अवस्थी ने लोगों से सरकार और प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करने का आहवान भी किया है.

अभिषेक का छोटा भाई अच्छयुतम अवस्थी अक्तूबर 2019 में अपनी माता के साथ ऑस्ट्रेलिया गया था. 13 अप्रैल को अच्छयुतम ने भारत वापिस आना था, लेकिन कोरोना ने वापसी की राह रोक दी. ऐसे में अच्छयुतम भी वहां अपने भाई के साथ समाजसेवा में जुटे हुए हैं. अच्छयुतम ने अपने शहर के लोगों से सुरक्षित रहने की अपील की है. अच्छयुतम का कहना है कि उन्हें यहां पर मानवता की सेवा करने का मौका मिला है और ऐसा करके वह काफी खुश हैं.

इन दोनों भाईयों ने यह साबित कर दिया है कि अगर मानवता की सेवा करनी हो तो उसके लिए स्थान या समय नहीं देखा जाता. आप जहां पर हैं, वहीं अपने आसपास इस कार्य को बखूबी से सकते हैं, बशर्ते नेक इरादे और बुलंद हौसला होने जरूरी है.

ये भी पढ़ें: मेडिकल साइंस के लिए चुनौती, कोविड-19 की थ्योरी पर सवाल बने हमीरपुर के दो मरीज

मंडी: जिला के मंडी शहर के दो युवा ऑस्ट्रेलिया में कोरोना वॉरियर्स की भूमिका निभाकर अपने देश का नाम रोशन कर रहे हैं. मौजूदा समय में अभिषेक विक्टोरियन राज्य सरकार के मल्टीकल्चरल कमीशन की रिजनल एडवाइजरी काउंसिल के सदस्य और लॉडन कैम्पेस्पी मल्टी कल्चरल सर्विस के चेयरमैन हैं.

बता दें कि ऑस्ट्रेलिया भी कोरोना वायरस की चपेट से अछूता नहीं रहा है. यहां पर भी काफी संख्या में कोरोना के मरीज हैं, जिसके चलते सरकार ने वहां पर भी लॉकडाउन कर रखा है. कोरोना वायरस के कारण वहां पर जो लॉकडाउन किया गया है, उसमें अभिषेक अवस्थी फ्रंटलाइन वर्कर के रूप में काम करते हुए कोरोना वॉरियर्स की भूमिका निभा रहे हैं.

youngsters of India playing  Corona Warriors role  in Australia
अभिषेक अवस्थी और उनका भाई अच्छयुतम

बैंडिगो शहर में ऐसे 200 लोगों की टीम बनाई गई है जो इस आपदा के कारण प्रभावित हुए लोगों तक मदद पहुंचा रहे हैं. अभिषेक अवस्थी बताते हैं कि उनकी टीम हर हफ्ते 13 हजार लोगों तक जरूरत का सामान पहुंचाने में लगी हुई है. जिसमें राशन, सब्जी, दूध और दवाईयों सहित अन्य जरूरत का सामान मौजूद हैं.

वीडियो रिपोर्ट

अभिषेक अवस्थी ने ऑस्ट्रेलिया से भेजे संदेश में भारत सरकार द्वारा समय रहते उठाए गए कदमों की सराहना की है. उन्होंने कहा कि भारत में जो फ्रंटलाइन वर्कर हैं उनका वह आभार जताना चाहते हैं. जिनके कारण देश सुरक्षित रह पा रहा है. इस दौरान अभिषेक अवस्थी ने लोगों से सरकार और प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करने का आहवान भी किया है.

अभिषेक का छोटा भाई अच्छयुतम अवस्थी अक्तूबर 2019 में अपनी माता के साथ ऑस्ट्रेलिया गया था. 13 अप्रैल को अच्छयुतम ने भारत वापिस आना था, लेकिन कोरोना ने वापसी की राह रोक दी. ऐसे में अच्छयुतम भी वहां अपने भाई के साथ समाजसेवा में जुटे हुए हैं. अच्छयुतम ने अपने शहर के लोगों से सुरक्षित रहने की अपील की है. अच्छयुतम का कहना है कि उन्हें यहां पर मानवता की सेवा करने का मौका मिला है और ऐसा करके वह काफी खुश हैं.

इन दोनों भाईयों ने यह साबित कर दिया है कि अगर मानवता की सेवा करनी हो तो उसके लिए स्थान या समय नहीं देखा जाता. आप जहां पर हैं, वहीं अपने आसपास इस कार्य को बखूबी से सकते हैं, बशर्ते नेक इरादे और बुलंद हौसला होने जरूरी है.

ये भी पढ़ें: मेडिकल साइंस के लिए चुनौती, कोविड-19 की थ्योरी पर सवाल बने हमीरपुर के दो मरीज

Last Updated : Apr 24, 2020, 10:06 AM IST
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