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जापान सरकार प्रदेश के 6 जिलों में 800 करोड़ रुपये करेगी खर्च, इस समय से प्रोजेक्ट पर शुरू होगा काम

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Published : Oct 2, 2019, 7:57 AM IST

जाईका के चीफ प्रोजेक्ट डायरेक्टर नागेश गुलेरिया ने बताया कि यह प्रोजेक्ट भारत सरकार की ओर से पर्यावरण संरक्षण को लेकर किए जा रहे प्रयासों में भी सहायक रहेगा.

जापान सरकार प्रदेश के 6 जिलों में 800 करोड़ रुपये करेगी खर्च

मंडी: जापान सरकार की ओर से वित्त पोषित परियोजना जाईका यानि वन परितंत्र प्रबंधन और आजीविका सुधार परियोजना के तहत हिमाचल प्रदेश के 6 जिलों में 800 करोड़ की राशि खर्च की जाएगी. यह जानकारी जाईका के चीफ प्रोजेक्ट डायरेक्टर नागेश गुलेरिया ने मंडी में आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला के दौरान दी.

कार्यशाला में वन विभाग के उच्चाधिकारी और प्रोजेक्ट के अधिकारी मौजूद रहे. नागेश गुलेरिया ने बताया कि 800 करोड़ के इस प्रोजेक्ट की फंडिंग अप्रैल 2020 के बाद की जाएगी. इसमें 80 प्रतिशत पैसा जाईका के सॉफ्ट लोन के तहत मिलेगा जिसमें भी केंद्र सरकार प्रदेश को ग्रांट देगी और 20 प्रतिशत पैसा राज्य सरकार खर्च करेगी.

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इस प्रोजेक्ट के तहत तीन प्रमुख बिंदुओं पर कार्य किया जाएगा. इसमें वन सुधार, वन्य प्राणी सुधार और ग्रामीण आजीविका में सुधार पर फोक्स किया जाएगा. वनों को किस प्रकार से सुव्यवस्थित किया जा सकता है, वन्य प्राणीयों का जीवन किस प्रकार से बेहतर किया जा सकता है और वनों पर आश्रित लोगों के रोजगार में कैसे सुधार किया जा सकता है, इन सभी बातों पर इस प्रोजेक्ट के माध्यम से कार्य किया जाएगा. नागेश गुलेरिया ने बताया कि अभी इस प्रोजेक्ट का आधारभूत ढांचा तैयार किया जा रहा है और अप्रैल 2020 के बाद प्रोजेक्ट पर काम किया जाएगा.

मंडी: जापान सरकार की ओर से वित्त पोषित परियोजना जाईका यानि वन परितंत्र प्रबंधन और आजीविका सुधार परियोजना के तहत हिमाचल प्रदेश के 6 जिलों में 800 करोड़ की राशि खर्च की जाएगी. यह जानकारी जाईका के चीफ प्रोजेक्ट डायरेक्टर नागेश गुलेरिया ने मंडी में आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला के दौरान दी.

कार्यशाला में वन विभाग के उच्चाधिकारी और प्रोजेक्ट के अधिकारी मौजूद रहे. नागेश गुलेरिया ने बताया कि 800 करोड़ के इस प्रोजेक्ट की फंडिंग अप्रैल 2020 के बाद की जाएगी. इसमें 80 प्रतिशत पैसा जाईका के सॉफ्ट लोन के तहत मिलेगा जिसमें भी केंद्र सरकार प्रदेश को ग्रांट देगी और 20 प्रतिशत पैसा राज्य सरकार खर्च करेगी.

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इस प्रोजेक्ट के तहत तीन प्रमुख बिंदुओं पर कार्य किया जाएगा. इसमें वन सुधार, वन्य प्राणी सुधार और ग्रामीण आजीविका में सुधार पर फोक्स किया जाएगा. वनों को किस प्रकार से सुव्यवस्थित किया जा सकता है, वन्य प्राणीयों का जीवन किस प्रकार से बेहतर किया जा सकता है और वनों पर आश्रित लोगों के रोजगार में कैसे सुधार किया जा सकता है, इन सभी बातों पर इस प्रोजेक्ट के माध्यम से कार्य किया जाएगा. नागेश गुलेरिया ने बताया कि अभी इस प्रोजेक्ट का आधारभूत ढांचा तैयार किया जा रहा है और अप्रैल 2020 के बाद प्रोजेक्ट पर काम किया जाएगा.

Intro:मंडी। जापान सरकार द्वारा वित पोषित परियोजना जाईका यानी वन परितंत्र प्रबंधन और आजीविका सुधार परियोजना के तहत हिमाचल प्रदेश के 6 जिलों में 800 करोड़ की राशि खर्च की जाएगी। यह जानकारी जाईका के चीफ प्रोजेक्ट डायरेक्टर नागेश गुलेरिया ने आज मंडी में आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला के दौरान दी।Body:कार्यशाला में वन विभाग के उच्चाधिकारी और प्रोजेक्ट के अधिकारी मौजूद रहे। कार्यशाला के उपरांत पत्रकारों से बातचीत में नागेश गुलेरिया ने बताया कि 800 करोड़ के इस प्रोजेक्ट की फंडिंग अप्रैल 2020 के बाद की जाएगी। इसमें 80 प्रतिशत पैसा जाईका के साॅफ्ट लोन के तहत मिलेगा जिसमें भी केंद्र सरकार प्रदेश को ग्रांट देगी। जबकि 20 प्रतिशत पैसा राज्य सरकार खर्च करेगी। इस प्रोजेक्ट के तहत तीन प्रमुख बिंदुओं पर कार्य किया जाएगा। इसमें वन सुधार, वन्य प्राणी सुधार और ग्रामीण आजीविका में सुधार पर फोक्स किया जाएगा। वनों को किस प्रकार से सुव्यवस्थित किया जा सकता है, वन्य प्राणीयों का जीवन किस प्रकार से बेहतर किया जा सकता है और वनों पर आश्रित लोगों के रोजगार में कैसे सुधार किया जा सकता है, इन सभी बातों पर इस प्रोजेक्ट के माध्यम से कार्य किया जाएगा। उन्होंने बताया कि अभी इस प्रोजेक्ट का आधारभूत ढांचा तैयार किया जा रहा है और अप्रैल 2020 के बाद यह प्रोजेक्ट पूरी तरह से काम करने लग जाएगा। नागेश गुलेरिया ने बताया कि यह प्रोजेक्ट भारत सरकार द्वारा पर्यावरण संरक्षण को लेकर को लेकर किए जा रहे प्रयासों में भी और बल जोड़ेगा। अभी भारत पर्यावरण संरक्षण में वल्र्ड लीडर बनने जा रहा है और रेड प्लस के प्रति भारत ने जो प्रतिबद्धतता दोहराई है उसे पूरा करने में यह प्रोजेक्ट काफी अहम भूमिका निभाने वाला है। उन्होंने वन विभाग और प्रोजेक्ट के अधिकारियों को इसे प्रोजेक्ट को पूरी लग्न के साथ शुरू करने के निर्देश भी दिए।

बाइट - नागेश गुलेरिया, चीफ प्रोजेक्ट डायरेक्टर, जाईका

Conclusion:कार्यशाला में वन अरण्यपाल मंडी उपासना पटियाल, जाईका की प्रोजेक्ट डायरेक्टर मीरा शर्मा, डीएफओ मंडी एसएस कश्यप, डीएफओ नाचन टीआर धीमान, डीएफओ सुंदरनगर और जोगिंद्रनगर सहित सभी आरओ और बीओ भी मौजूद रहे।
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