मंडी: इस समय देशभर में राम भक्तों को अयोध्या मंदिर में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा का बड़ी बेसब्री से इंतजार है. 22 जनवरी को अयोघ्या में राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह होने जा रहा है. वहीं, हिमाचल प्रदेश में भी पिछले 25 सालों से प्रभु श्री राम का अद्भुत मंदिर बनाया जा रहा है. जिसमें हर पत्थर पर "राम" उकेरा जा रहा है. यह मंदिर मंडी जिला के सुंदरनगर उपमंडल के तहत आने वाले महादेव गांव में स्थित है.
अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियां जोरों शोरों पर चल रही है. 22 जनवरी को रामलाल को गर्भ गृह में स्थापित किया जाएगा. ऐसे में इन दिनों पूरा देश प्रभु श्रीराम की भक्ति में लीन नजर आ रहा है. वहीं, हिमाचल के मंडी जिले में पिछले 25 सालों से प्रभु श्री राम का का एक अद्भुत मंदिर निर्माण किया जा रहा है. इस मंदिर की खासियत है कि इसकी दीवारों में लगने वाले हर पत्थर पर भगवान राम का नाम उकेरा जा रहा है.
यह मंदिर मंडी जिले के सुंदरनगर उपमंडल स्थित महादेव गांव में है. इस मंदिर का निर्माण पदम सिंह (79 वर्षीय) ने साल 1998 में विजयदशमी के दिन शुरू करवाया था. पदम सिंह ने बताया कि मंदिर को एक अलग रूप देने के लिए उन्होंने हर पत्थर पर राम नाम उकेरने की सोची और खुद ही इस कार्य को शुरू कर दिया. दो वर्षों तक इस कार्य को करने के बाद यह कार्य मिस्त्री के हवाले कर दिया. उसके बाद यह सिलसिला ऐसे ही चलता रहा और आज 25 साल बीत जाने के बाद मंदिर का लगभग 80 प्रतिशत कार्य पूरा कर लिया गया है.
इस मंदिर के अगले वर्ष तक पूरा होने की उम्मीद जताई जा रही है. यहां पहले स्वामी दयानंद पूरी रहते थे, जिन्होंने हनुमान जी की मूर्ति स्थापित की थी. उनकी समाधि के बाद यहां हनुमान मंदिर ही बनाना था, लेकिन भाषा एवं संस्कृति विभाग से राम हनुमान मंदिर की अनुमति मिली तो फिर राम मंदिर का निर्माण शुरू हुआ.
गोहर उपमंडल के गवाड़ गांव के रहने वाले बिहारी लाल बीते 23 वर्षों से इस मंदिर के हर पत्थर पर राम नाम लिखने का कार्य कर रहे हैं. वह अकेले मिस्त्री हैं जो इस कार्य को कर रहे हैं. बिहारी लाल ने बताया कि हर पत्थर पर राम नाम सही ढंग से उकेरना और अलग-अलग प्रकार की धार्मिक आकृतियां बनाने में काफी समय लग जाता है, लेकिन फिर भी वे बीते 23 वर्षों से निरंतर इस कार्य को करते जा रहे हैं.
मंदिर निर्माण के लिए श्री राम हनुमान सेवा समिति के नाम से एक कमेटी का गठन किया गया है. कमेटी के सदस्य आपसी सहयोग से हर महीने कुछ धनराशि देकर मंदिर का कार्य करवा रहे हैं. जबकि कुछ दानी सज्जन भी इसमें सहयोग कर रहे हैं. स्थानीय निवासी उत्कर्ष चौधरी ने बताया कि अभी तक मंदिर निर्माण पर 41 लाख की राशि खर्च की जा चुकी है और कार्य पूरा करने के लिए कम से कम 5 लाख की और जरूरत है. उन्होंने लोगों से इस धार्मिक कार्य में यथासंभव सहयोग की अपील की है.
बेशक इस मंदिर को बनते हुए 25 वर्षों से भी अधिक का समय हो गया है, लेकिन इन 25 वर्षों की मेहनत इस मंदिर की भव्यता के रूप में स्पष्ट दिखाई दे रही है. जब यह मंदिर पूरी तरह से बनकर तैयार हो जाएगा तो यह लोगों के लिए आस्था के साथ-साथ आकर्षण का भी मुख्य केंद्र बनेगा और सदियों तक इसकी मिसाल पेश की जाएगी.
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