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धर्मपुरः ग्रयोह वार्ड में जिला परिषद चुनाव, जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह की बेटी व माकपा नेता आमने-सामने

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Published : Jan 16, 2021, 10:40 AM IST

Updated : Jan 16, 2021, 2:46 PM IST

जिला परिषद ग्रयोह वार्ड प्रदेश भर में सबसे चर्चित वार्ड बन चुका है. यह वार्ड सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्ष में बैठी कांग्रेस के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन गया है. चुनाव प्रत्याशियों के नाम के बजाय सीधा महेंद्र और भूपेंद्र के नाम पर लड़ा जा रहा है. यहां से कांग्रेस ने उम्मीदवार ना उतारकर माकपा के मजदूर नेता भूपेंद्र सिंह को चुनाव में उतारा है.

Water power minister Mahendra Singh's daughter and CPI (M) leader face to face in Grioh ward's district council election
फोटो

धर्मपुर/मंडी: जिला परिषद ग्रयोह वार्ड प्रदेश भर में सबसे चर्चित वार्ड बन चुका है. यह वार्ड सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्ष में बैठी कांग्रेस के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन गया है. यहां चुनाव प्रत्याशियों के नाम के बजाय सीधा महेंद्र और भूपेंद्र के नाम पर लड़ा जा रहा है. यहां से कांग्रेस ने उम्मीदवार ना उतारकर माकपा के मजदूर नेता भूपेंद्र सिंह को चुनाव में समर्थन दिया है.

पिता के सत्ता में होने पर फ्रंट फुट पर हैं वंदना

भाजपा ने यहां से जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह की बेटी वंदना गुलेरिया को चुनाव में उतारा है. पिछली बार महेंद्र विपक्ष में थे तो इस बार सत्ता में हैं. पिता के सत्ता में मंत्री होने और घरेलू पंचायतों का फायदा वंदना गुलेरिया को साफ मिलता दिखाई दे रहा है. पिछले चुनाव में भूपेंद्र सिंह ने वंदना को 2000 से अधिक मतों से हराया था. मतदान नजदीक आते ही एक-दूसरे से आगे निकलने की होड़ और रोड शो के अलावा डोर टू डोर प्रचार शुरू हो चुका है.

Water power minister Mahendra Singh's daughter and CPI (M) leader face to face in Grioh ward's district council election
फोटो

मतदाताओं को अपनी ओर करने के लिए हर तिकड़म का सहारा लिया जा रहा है. हर कहीं पोस्टर और प्रचार में वंदना आगे दिख रही है. करीब 26 हजार मतदाताओं और 17 पंचायतों में फैले इस वार्ड में इस बार भाजपा समर्थित विंगा पंचायत जोड़ी गई है जबकि कांग्रेस के प्रभाव वाली जोढ़न पंचायत को यहां से काटकर संधोल में मिलाया गया है.

पिछले 5 सालों में माकपा नेता का जिला परिषद का कार्यकाल रहा चर्चित

माकपा नेता भूपेंद्र सिंह का पिछले 5 सालों का जिला परिषद का कार्यकाल बेहद ही चर्चित रहा है. वह 5 साल मजदूरों के मुद्दों पर सक्रिय रहे हैं. बार-बार जनहित और भ्रष्टाचार के मुद्दे उठाते रहे हैं. उनकी मजदूरों पर सीधी पकड़ है. युवाओं के अलावा बजुर्गों और मजदूर वर्ग का उन्हें भरपूर साथ मिल रहा है. हर गांव पंचायत में उनका दखल रहा है.

वंदना गुलेरिया को मिल रहा महिलाओं का भरपूर साथ

जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह की बेटी वंदना गुलेरिया को इस बार सत्ता का पूरा साथ मिल रहा है. पिछला चुनाव हारने के बाद से ही वे लगातार फील्ड में रही हैं. आदर्शनी वेलफेयर सोसाइटी की बतौर अध्यक्ष के दौरान उन्होंने अपने वार्ड में कई मेडिकल कैम्प आयोजित किए हैं. साथ ही महिलाओं में उनकी अच्छी खासी पैंठ के साथ पिता की विरासत संभालने के दौरान हर वर्ग में उनकी पैठ बढ़ी है. इस बार हर जगह महिलाओं का उन्हें भरपूर साथ मिल रहा है.

एडवोकेट कुलदीप चम्याल भी ठोक रहे ताल

हालांकि इन दोनों के अलावा तीसरे और कांग्रेस से निष्कासित एडवोकेट कुलदीप चम्याल भी मैदान में हैं. वह धाड़ता क्षेत्र में कांग्रेस और भाजपा की और से भेदभाव करने के मुद्दे को लेकर मैदान में हैं. उनके अनुसार कांग्रेस और भाजपा दोनों ने इस क्षेत्र में ना सीएसडी कैंटीन, राष्ट्रीयकृत बैंक, बस अड्डा, केंद्रीय विद्यालय और आईटीआई कोई भी शिक्षण संस्थान नहीं खुलवाया है. फिलहाल वह मैदान में कहीं भी नजर नहीं आ रहे हैं. कुल मिलाकर ये मुकाबला भूपेंद्र सिंह और महेंद्र सिंह में बदल चुका है.

वंदना को पिता का सहारा
पिता महेंद्र सिंह वंदना गुलेरिया के पक्ष में कई जनसभाएं आयोजित कर चुके हैं. उन्होंने कहा है बेटी और बोटी के बीच में 7 जन्मों का रिश्ता होता है. मैंने इसे चुनावों में खड़ा करने से मना किया था, लेकिन आप सभी लोगों ने समर्थन दिया. अब इसे जिताने की जिम्मेदारी भी आपकी है. जीत के आपके क्षेत्र का रिकॉर्ड तोड़ विकास करवाना मेरा काम है.

धर्मपुर/मंडी: जिला परिषद ग्रयोह वार्ड प्रदेश भर में सबसे चर्चित वार्ड बन चुका है. यह वार्ड सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्ष में बैठी कांग्रेस के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन गया है. यहां चुनाव प्रत्याशियों के नाम के बजाय सीधा महेंद्र और भूपेंद्र के नाम पर लड़ा जा रहा है. यहां से कांग्रेस ने उम्मीदवार ना उतारकर माकपा के मजदूर नेता भूपेंद्र सिंह को चुनाव में समर्थन दिया है.

पिता के सत्ता में होने पर फ्रंट फुट पर हैं वंदना

भाजपा ने यहां से जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह की बेटी वंदना गुलेरिया को चुनाव में उतारा है. पिछली बार महेंद्र विपक्ष में थे तो इस बार सत्ता में हैं. पिता के सत्ता में मंत्री होने और घरेलू पंचायतों का फायदा वंदना गुलेरिया को साफ मिलता दिखाई दे रहा है. पिछले चुनाव में भूपेंद्र सिंह ने वंदना को 2000 से अधिक मतों से हराया था. मतदान नजदीक आते ही एक-दूसरे से आगे निकलने की होड़ और रोड शो के अलावा डोर टू डोर प्रचार शुरू हो चुका है.

Water power minister Mahendra Singh's daughter and CPI (M) leader face to face in Grioh ward's district council election
फोटो

मतदाताओं को अपनी ओर करने के लिए हर तिकड़म का सहारा लिया जा रहा है. हर कहीं पोस्टर और प्रचार में वंदना आगे दिख रही है. करीब 26 हजार मतदाताओं और 17 पंचायतों में फैले इस वार्ड में इस बार भाजपा समर्थित विंगा पंचायत जोड़ी गई है जबकि कांग्रेस के प्रभाव वाली जोढ़न पंचायत को यहां से काटकर संधोल में मिलाया गया है.

पिछले 5 सालों में माकपा नेता का जिला परिषद का कार्यकाल रहा चर्चित

माकपा नेता भूपेंद्र सिंह का पिछले 5 सालों का जिला परिषद का कार्यकाल बेहद ही चर्चित रहा है. वह 5 साल मजदूरों के मुद्दों पर सक्रिय रहे हैं. बार-बार जनहित और भ्रष्टाचार के मुद्दे उठाते रहे हैं. उनकी मजदूरों पर सीधी पकड़ है. युवाओं के अलावा बजुर्गों और मजदूर वर्ग का उन्हें भरपूर साथ मिल रहा है. हर गांव पंचायत में उनका दखल रहा है.

वंदना गुलेरिया को मिल रहा महिलाओं का भरपूर साथ

जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह की बेटी वंदना गुलेरिया को इस बार सत्ता का पूरा साथ मिल रहा है. पिछला चुनाव हारने के बाद से ही वे लगातार फील्ड में रही हैं. आदर्शनी वेलफेयर सोसाइटी की बतौर अध्यक्ष के दौरान उन्होंने अपने वार्ड में कई मेडिकल कैम्प आयोजित किए हैं. साथ ही महिलाओं में उनकी अच्छी खासी पैंठ के साथ पिता की विरासत संभालने के दौरान हर वर्ग में उनकी पैठ बढ़ी है. इस बार हर जगह महिलाओं का उन्हें भरपूर साथ मिल रहा है.

एडवोकेट कुलदीप चम्याल भी ठोक रहे ताल

हालांकि इन दोनों के अलावा तीसरे और कांग्रेस से निष्कासित एडवोकेट कुलदीप चम्याल भी मैदान में हैं. वह धाड़ता क्षेत्र में कांग्रेस और भाजपा की और से भेदभाव करने के मुद्दे को लेकर मैदान में हैं. उनके अनुसार कांग्रेस और भाजपा दोनों ने इस क्षेत्र में ना सीएसडी कैंटीन, राष्ट्रीयकृत बैंक, बस अड्डा, केंद्रीय विद्यालय और आईटीआई कोई भी शिक्षण संस्थान नहीं खुलवाया है. फिलहाल वह मैदान में कहीं भी नजर नहीं आ रहे हैं. कुल मिलाकर ये मुकाबला भूपेंद्र सिंह और महेंद्र सिंह में बदल चुका है.

वंदना को पिता का सहारा
पिता महेंद्र सिंह वंदना गुलेरिया के पक्ष में कई जनसभाएं आयोजित कर चुके हैं. उन्होंने कहा है बेटी और बोटी के बीच में 7 जन्मों का रिश्ता होता है. मैंने इसे चुनावों में खड़ा करने से मना किया था, लेकिन आप सभी लोगों ने समर्थन दिया. अब इसे जिताने की जिम्मेदारी भी आपकी है. जीत के आपके क्षेत्र का रिकॉर्ड तोड़ विकास करवाना मेरा काम है.

Last Updated : Jan 16, 2021, 2:46 PM IST
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