मंडी: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मंडी के सतत शिक्षा केंद्र (सीसीई) ने अपने आयोजन प्रयास 2.0 में उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों और शिक्षकों को आमंत्रित किया है. यह समर कैंप 5 जून से 4 जुलाई 2023 तक चलेगा. इसमें मेंटरों के माध्यम से विद्यार्थियों को कौशल विकास, नवाचार करने के लिए प्रेरित किया जाएगा. आयोजन में इस बार छात्र ना केवल रोबोटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के बारे में सीखेंगे बल्कि उन्हें कार्यरूप देंगे और फिर उन्हें वास्तविक जीवन से जोड़ेंगे.
साथ ही, ऐसे विचार सामने रखेंगे जो दुनिया को बदलने में सक्षम होंगे. कम उम्र के इन छात्रों के लिए इस समर कैंप का महत्व बताते हुए डॉ. तुषार जैन, प्रमुख, सतत शिक्षा केंद्र, आईआईटी मंडी ने बताया कि प्रयास 1.0 काफी सफल रहा था. इससे उत्साहित होकर यूपी सरकार के लिए इस कार्यक्रम का विस्तार किया है. इसमें छात्रों और शिक्षकों सहित कुल 200 लोगों का एक बैच भाग लेगा. आयोजन पूरी तरह आवासीय है और प्रतिभागियों को रोबोटिक्स, प्रोग्रामिंग और कंप्यूटर, इलेक्ट्रॉनिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का प्रशिक्षण दिया जाएगा.
प्रशिक्षण के अंत में एक प्रतियोगिता भी होगी. प्रशिक्षण और प्रोटोटाइप के विकास के लिए आईआईटी मंडी में अनुकूलित रोबोटिक्स भी प्रदान किए जाएंगे. उन्होंने यूपी के शिक्षकों और छात्रों को यह कौशल प्रदान करने में सहयोग देने के लिए यूपीएसडीएम का आभार भी जताया. उन्होंने बताया कि इस कैंप में छात्रों और शिक्षकों को आईआईटी मंडी का अनुभव और फैकल्टी के सदस्यों से सीखने और शोधार्थियों के मार्गदर्शन में प्रशिक्षण लेने का अवसर मिलेगा. संस्थान में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और रोबोटिक्स का एक केंद्र है जहां प्रशिक्षण के लिए अत्याधुनिक प्रयोगशाला में सभी सुविधाएं मुहैया हैं.
कार्यक्रम के लिए पंजीकरण शुरू है और यह 10 मार्च 2023 को समाप्त होगा. इस प्रशिक्षण कैंप में भाग लेने के लिए लिंक पर रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है. कैंप के लिए योग्यता परीक्षा आयोजित कर 100 विद्यार्थी चुने जाएंगे और उन्हें पूरी तरह आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लेने आईआईटी मंडी आमंत्रित किया जाएगा. परिणाम 15 मई 2023 को घोषित किए जाएंगे. समर कैंप के बाद विद्यार्थियों को उनके प्रशिक्षण के आधार पर एक प्रोजेक्ट बनाना होगा और फिर सर्वश्रेष्ठ प्रोजेक्ट के चयन के लिए एक प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी.
आईआईटी मंडी के निदेशक प्रो. लक्ष्मीधर बेहरा ने बताया कि कम उम्र में विद्यार्थियों को आईआईटी की उच्च गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को सुलभ बनाने के उद्देश्य से इस कार्यक्रम की शुरूआत की गई है ताकि देश में सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को भी रोबोटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के मूल सिद्धांतों के बारे में जानाकरी मिल सके. इससे सीख कर वह अपने करियर की शुरुआत में पूरी तरह ऑटोमेटिक सिस्टम का विकास कर सकें. बता दें कि संस्थान ने पिछले साल हिमाचल प्रदेश में कौशल विकास निगम के सहयोग से 1 जुलाई 2022 से 22 जुलाई 2022 तक रोबोटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (प्रयास 1.0) अपना पहला स्कूल कैंप सफलतापूर्वक आयोजित किया और इसमें 100 प्रतिभागियों की मेजबानी की.
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