मंडी: लद्दाख के गलवान घाटी में चीन सैनिकों से हिंसक झड़प में हमीरपुर जिला के 21 साल का जवान अंकुश ठाकुर शहीद हो गया. अंकुश उपमंडल भोरंज के गांव कड़होता के रहने वाले थे. सेना के अधिकारियों ने अंकुश की शहादत की खबर परिवार को फोन के जरिए दी.
चीनी सैनिकों के साथ संघर्ष में हिमाचल के वीर सपूत अंकुश ठाकुर ने भी वीरगति प्राप्त की. अंकुश के इस महान बलिदान से हिमाचल में चीन के प्रति भारी गुस्से की लहर है. तीन पीढ़ियों से सीमा पर जाकर देश की सेवाएं कर रहे अंकुश के परिवार वालों के साथ पूरा हिमाचल और देश खड़ा है.
देश की रक्षा के लिए अंकुश के इस बलिदान पर हिमाचल पुलिस में सेवाएं दे रही सुनीता ठाकुर ने कविता के माध्यम से श्रद्धांजलि दी, इस कविता में भावनाएं पिरोई हैं. ये कविता इन दिनों खूब सुर्खियां बटोर रही है. सुनीता ठाकुर ने ललकार नामक शीर्षक से कविता लिखी है, जिसमें शहादत से पहले एक वीर सैनिक और मां भारती के संवाद को कविता के माध्यम से पिरोया गया है.
सुनिता ठाकुर शिमला साइबर क्राईम में आरक्षी के पद पर तैनात है. इनके पति भी पुलिस में एएसआई पद पर इन दिनों आयरलैंड में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. सुनीता ने जब अंकुश ठाकुर की शहादत की खबर सुनी तो उनके मन में चीन की इस घटिया हरकत के प्रति भारी गुस्सा फूट पड़ा. अपने इस गुस्से के गुबार को निकालने के लिए हिमाचल की बेटी ने अंकुश ठाकुर को कविता के माध्यम से सच्ची श्रद्धाजंलि दी है. बता दें कि इससे पहले भी सुनीता कविता लिख चुकी हैं.
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