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अब रात को नहीं करनी पड़ती खेतों की पहरेदारी, सोलर फेंसिंग किसानों के लिए बनी वरादान

मंडी जिला के सरकाघाट की बलद्वाड़ा तहसील के किसानों का कहना है कि सोलर फेंसिंग लगने से अब जंगली जानवर फसलों को खराब नहीं कर पाते है.

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Published : Jan 1, 2020, 4:33 PM IST

Updated : Jan 1, 2020, 4:58 PM IST

Solar fencing is beneficial for farmers
सोलर फेंसिंग किसानों के लिए बनी फायदेमंद

मंडी: मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना किसानों के लिए फायदेमंद सिद्ध होती नजर आ रही है. मंडी जिला के सरकाघाट की बलद्वाड़ा तहसील के किसानों का कहना है कि सोलर फेंसिंग लगने से अब जंगली जानवर फसलों को खराब नहीं कर पाते है.

गथाओं गांव के किसान अमर सिंह ने बताया कि पहले उन्हें रात को भी खेतों में पहरेदारी करनी पड़ती थी, लेकिन मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना से किसानों को इस समस्या से निजात मिल पाई है. उन्होंने कहा कि जंगली जानवरों ने उनके लिए खेती करना मुहाल कर दिया था, लेकिन सोलर फेंसिंग के बाद उनकी फसल अच्छी लग रही है.

वीडियो रिपोर्ट.

बता दें कि सोलर फेंसिंग में सोलर प्लेट से बैटरी चार्ज होती है. बैटरी से पावर फेंस कंट्रोलर के जरिए तारों में डीसी करंट दिया है. कंट्रोलर लगातार की बजाए थोड़े अंतराल पर करंट देता है. एक सेकंड से भी कम समय बाद करंट बंद हो जाता है. इसके संपर्क में आने वाला जानवर भयग्रस्त होकर भाग जाता है.जैसे ही कोई जानवर इसके संपर्क में आता है उसे हल्का करंट लगता है जिससे जानवर वहां से भाग जाता है. वहीं, तार छूते ही सायरन बजने लगता है, उससे किसान सचेत हो जाते हैं.

कृषि विभाग मंडी के उपनिदेशक जीत राम ठाकुर ने कहा कि योजना के तहत सामूहिक तौर पर सोलर बाड़ लगाने के लिए सरकार ने 85 प्रतिशत अनुदान का प्रावधान किया है. व्यक्तिगत स्तर पर खेतों की सोलर बाड़बंदी के लिए कुल लागत पर 80 प्रतिशत सब्सिडी है.

ये भी पढें: कांगड़ा में 26 वर्षीय विवाहिता की मौत, मायके वालों ने ससुराल पक्ष पर लगाया हत्या का आरोप

मंडी: मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना किसानों के लिए फायदेमंद सिद्ध होती नजर आ रही है. मंडी जिला के सरकाघाट की बलद्वाड़ा तहसील के किसानों का कहना है कि सोलर फेंसिंग लगने से अब जंगली जानवर फसलों को खराब नहीं कर पाते है.

गथाओं गांव के किसान अमर सिंह ने बताया कि पहले उन्हें रात को भी खेतों में पहरेदारी करनी पड़ती थी, लेकिन मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना से किसानों को इस समस्या से निजात मिल पाई है. उन्होंने कहा कि जंगली जानवरों ने उनके लिए खेती करना मुहाल कर दिया था, लेकिन सोलर फेंसिंग के बाद उनकी फसल अच्छी लग रही है.

वीडियो रिपोर्ट.

बता दें कि सोलर फेंसिंग में सोलर प्लेट से बैटरी चार्ज होती है. बैटरी से पावर फेंस कंट्रोलर के जरिए तारों में डीसी करंट दिया है. कंट्रोलर लगातार की बजाए थोड़े अंतराल पर करंट देता है. एक सेकंड से भी कम समय बाद करंट बंद हो जाता है. इसके संपर्क में आने वाला जानवर भयग्रस्त होकर भाग जाता है.जैसे ही कोई जानवर इसके संपर्क में आता है उसे हल्का करंट लगता है जिससे जानवर वहां से भाग जाता है. वहीं, तार छूते ही सायरन बजने लगता है, उससे किसान सचेत हो जाते हैं.

कृषि विभाग मंडी के उपनिदेशक जीत राम ठाकुर ने कहा कि योजना के तहत सामूहिक तौर पर सोलर बाड़ लगाने के लिए सरकार ने 85 प्रतिशत अनुदान का प्रावधान किया है. व्यक्तिगत स्तर पर खेतों की सोलर बाड़बंदी के लिए कुल लागत पर 80 प्रतिशत सब्सिडी है.

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Intro:मंडी : मंडी जिले के गथाओं गांव के किसान अमर सिंह का कहना है कि पहले हमारी रातें खेतों में जंगली जानवरों से पहरेदारी करते, उन्हें भगाने को ढोल पीटते, पटाखे बजाते और रह रह कर शोर मचाते हुए गुजरती थीं, मगर अब हम चैन की नींद सोते हैं। यह संभव हो पाया है मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना से।Body:सरकाघाट की बलद्वाड़ा तहसील से संबंध रखने वाले अमर सिंह का कहना है कि उन्हें सोलर फेंसिंग सेे जंगली जानवरों से फसलों के उजाड़ की चिंता से निजात मिल गई है। अमर सिंह ने बताया कि सुअरों, बंदरों और अन्य जंगली जानवरों ने उनके लिए खेती करना मुहाल कर दिया था। 6-8 महीने पहले की बात है कि वे इससे इतने तंग आ चुके थे, लेकिन अब सोलर फेंसिंग के बाद उनकी फसल अच्छी हो रही है क्योंकि जंगली जानवर उजाड़ नहीं कर पा रहे हैं। वह सोलर बाड़ के फायदे गिनाते हुए कहते हैं कि बाड़ में हल्का सौर आधारित करंट होता है और जैसे ही कोई जानवर इसके संपर्क में आता है उसे हल्का करंट लगता है जिससे जानवर वहां से भाग जाता है। करंट हल्का होने के चलते अगर इंसान तार छू जाए तो उसे कोई नुकसान नहीं होता। दूसरा फायदा ये है कि तार छूते ही इससे जुड़ा सायरन बजने लगता है, उससे किसान जानवरों की खेत में घुसने की कोशिश को लेकर सचेत हो जाते हैं।

बाइट : अमर सिंह, किसानConclusion:कृषि विभाग मंडी के उपनिदेशक जीत राम ठाकुर बताते हैं कि योजना के तहत सामूहिक तौर पर सोलर बाड़ लगाने के लिए सरकार ने 85 प्रतिशत अनुदान का प्रावधान किया है। व्यक्तिगत स्तर पर खेतों की सोलर बाड़बंदी के लिए कुल लागत पर 80 प्रतिशत सब्सिडी है। सरकार ने अब सोलर के साथ साथ कांटेदार तार लगवाने के काम को भी मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना के तहत लाकर इसमें भी सब्सिडी का प्रावधान किया है।
Last Updated : Jan 1, 2020, 4:58 PM IST
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