मंडी: बिलासपुर जिला के कोठीपुरा में बनने वाला एम्स का निर्माण एक बार फिर अधर में लटक गया है. जिसके लिए कांग्रेस ने केंद्र की बीजेपी सरकार पर एम्स के निर्माण में ढील बरतने का आरोप लगाया है.
पूर्व कांग्रेस सरकार में सीपीएस रहे सोहन लाल ठाकुर ने कहा कि शिलान्यास के बावजूद एम्स का निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया है. अगर नेरचौक में एम्स बनाया जाता तो प्रदेश को इसकी सुविधा अब तक मिल चुकी होती. उन्होंने बिलासपुर जिला के कोठीपुरा में बनने वाले एम्स के निर्माण पर सवाल उठाते हुए कहा कि पूर्व की यूपीए सरकार ने हिमाचल को कई बड़ी सौगात दी. जिसमें एम्स का निर्माण होना सब से बड़ी सौगात थी. केंद्र में जैसे ही सत्ता परिवर्तन हुआ और जेपी नड्डा स्वास्थ्य मंत्री बने, लेकिन उन्होंने एम्स के निर्माण पर राजनीति शुरू कर दी. जिसके बाद एम्स को बिलासपुर में बनाने का निर्णय लिया गया.
सोहन लाल ने कहा कि एम्स के लिए बिलासपुर के कोठीपुरा में जगह चिन्हित की गई, लेकिन उसके बाद जगह पर्याप्त नहीं होने पर फिर विवाद उपजे. उन्होंने कहा कि अब कोर्ट ने फैसला सुनाया है कि जहां पर एम्स बनाया जाना है, वहां पर मौजूद लगभग 1200 पेड़ नहीं काटे जाएंगे.
सोहन लाल ठाकुर ने आरोप लगाया कि एम्स का शिलान्यास करने के बावजूद भी एम्स का निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया है. उन्होंने कहा कि नेरचौक में 900 करोड़ की लागत से अस्पताल तैयार किया गया. अगर एम्स का निर्माण बिलासपुर की जगह नेरचौक में किया जाता तो प्रदेश की जनता को बहुत पहले एम्स अस्पताल का लाभ मिल गया होता. उन्होंने कहा कि केंद्र सहित केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री नड्डा ने एम्स के निर्माण पर राजनीति की, जिसकी वजह से शिलान्यास के बावजूद भी आज तक एम्स का निर्माण शुरू नहीं हो पाया है.
गौर हो कि सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल में पेड़ कटान पर पूरी तरह से रोक लगा दी है. बिलासपुर के कोठीपुरा में जहां पर एम्स का निर्माण किया जाना है, वहां से लगभग 1200 पेड़ काटे जाने हैं. सुप्रीम कोर्ट के पेड़ न काटे जाने के बाद फरमान के बाद एम्स का निर्माण अधर में लटक गया है.