करसोगः कोरोना वायरस के सक्रंमण से पूरा विश्व जूझ रहा है और हिमाचल भी इस सक्रंमण से अछूता नहीं रहा है. इस सक्रंमण से बचने के लिए सरकार ने प्रदेश में कर्फ्यू लगाया है. जिससे यह वायरस एक दूसरे को प्रभावित न करे.
ऐसे में बाहरी राज्य से रोजी रोटी की तलाश में आए 452 प्रवासी मजदूर के रोजगार पर भी संकट आ गया है. कर्फ्यू लगने के कारण ये मजदूर अपने घर वापिस भी नहीं जा सके. इसको देखते हुए इन लोगों के खान-पान की सामग्री को जमा करने के लिए उपमण्डल अधिकारी कार्यालय करसोग में फूड बैंक खोला गया है. यहां करसोग सहित कई गांव से समाजसेवी राशन किट जमा कर रहे हैं.
![SDM office karsog](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/6661678_133_6661678_1586005698446.png)
इसके अतिरिक्त असहाय व्यक्तियों की मदद के लिए खुद भी लोग एसडीएम कार्यालय में पहुंचकर सहायता राशि प्रदान कर रहे हैं. शनिवार को भी चेतन शर्मा, गांव कुटी निवासी ने 10,000 हजार व निंदू ठाकुर ने 1100 रूपये कर चैक उपमण्डाधिकारी करसोग को भेंट किया.
मजदूरों की सहायता के लिए तहसीलदार संजीत शर्मा, नायब तहसीलदार पांगना व विकास खण्ड अधिकारी राजेंद्र तजेटा के सहयोग से 61 राशन किट देकर 186 लोगों की सहायता पहुंचाई गई है. इसके अतिरिक्त उपमण्डल करसोग में चैकअप के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम लोगों के घर-घर जाएगी.
एसडीएम करसोग ने सभी समाजसेवियों से इस महामारी के समय असहाय लोगों की सहायता के लिए आगे आने की अपील की है. उन्होंने कहा कि करसोग में बाहरी राज्य से 452 मजदूर आए हैं. कर्फ्यू लगने के कारण इनका रोजगार छिन गया है. ऐसे में करसोग के कई समाज सेवी इन प्रवासी मजदूरों की सहायता के लिए आगे आए हैं.
पढ़ेंः कसौल से पैदल धर्मशाला के लिए निकले 3 युवक चौहारघाटी में धरे, 14 दिन तक क्वारंटाइन