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करसोग के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी, सेब की फसल को भारी नुकसान

करसोग में बिगड़े मौसम के मिजाज ने बागवानों की मुश्किलें बढ़ानी शुरू कर दी हैं. चार दिनों से लगातार हो रही बारिश से तापमान में भारी गिरावट आई है. सेब के बगीचों में हो रहा फ्लावरिंग के लिए बारिश-बर्फबारी काफी नुकसानदायक साबित हो रही है.

wrecks apple crop
फोटो.
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Published : Apr 23, 2021, 3:16 PM IST

करसोग/मंडी: बिगड़े मौसम के मिजाज ने बागवानों की मुश्किलें बढ़ानी शुरू कर दी हैं. उपमंडल करसोग में चवासीगढ़ के बानीधार में शुक्रवार सुबह ताजा बर्फबारी हुई. जिससे सेब के बगीचे में फसल को ओलावृष्टि से बचाने के लिए डाली गई हेलनेट फट गई और सेब की टहनियां भी टूट गई.

बर्फबारी के कारण बागवानों को काफी नुकसान हुआ है. बता दें कि इन दिनों बानीधार में सेब की सेटिंग के साथ फ्लावरिंग भी हो रही है. ऐसे में अधिक ठंड पड़ने से फ्लावरिंग को भी नुकसान हुआ है. जिससे बागवानों की चिंता बढ़ गई है. बागवानों ने विभाग से नुकसान का आकलन कर आर्थिक सहायता दिए जाने की मांग की है.

वीडियो.

ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बढ़ी बागवानों की चिंता

प्रदेश में अप्रैल माह में लगातार जारी बारिश फ्लावरिंग के लिए नुकसानदायक साबित हो रही है, लेकिन कम और मध्यम ऊंचाई वाले जिन क्षेत्रों में सेटिंग हो चुकी है. इसके लिए बारिश फायदेमंद भी बताई जा रही है. इसके अतिरिक्त सर्दियों के मौसम में की गई नई प्लांटेशन सहित स्टोन फ्रूट के लिए भी बारिश का लाभ हुआ है. वहीं ऊंचाई वाले क्षेत्रों में जहां फ्लावरिंग हो रही है, यहां बारिश और बर्फबारी सेब के लिए काफी नुकसानदायक है. ऐसे में ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बागवानों की चिंता अधिक बढ़ गई है.

बागवान टीसी ठाकुर ने बताया

बागवान टीसी ठाकुर ने बताया कि अप्रैल महीने में हुई बर्फबारी के कारण बगीचों में लगाई गई हेलनेट फट गई है. जिससे बागवानों को बहुत भारी नुकसान हुआ है. उन्होंने सरकार से नुकसान का आंकलन कर आर्थिक सहायता देने की मांग की है.

विषय वार्ता विशेषज्ञ ने दी जानकारी

करसोग विकासखंड के बागवानी विभाग के विषय वार्ता विशेषज्ञ नरेश शर्मा का कहना है कि बर्फबारी से हुए नुकसान का आकलन किया जाएगा. उन्होंने कहा कि कम और मध्यम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में जहां सेब की सेटिंग हो चुकी है इसके लिए बारिश फायदेमंद है, लेकिन ऊंचाई वाले क्षेत्रों में जहां फ्लावरिंग हो रही है. इसके लिए बारिश और बर्फबारी दोनों ही नुकसानदायक है.

ये भी पढ़ेंः हिमाचल में नहीं लगा है नाइट कर्फ्यू, सोशल मीडिया पर फैली गलत खबर

करसोग/मंडी: बिगड़े मौसम के मिजाज ने बागवानों की मुश्किलें बढ़ानी शुरू कर दी हैं. उपमंडल करसोग में चवासीगढ़ के बानीधार में शुक्रवार सुबह ताजा बर्फबारी हुई. जिससे सेब के बगीचे में फसल को ओलावृष्टि से बचाने के लिए डाली गई हेलनेट फट गई और सेब की टहनियां भी टूट गई.

बर्फबारी के कारण बागवानों को काफी नुकसान हुआ है. बता दें कि इन दिनों बानीधार में सेब की सेटिंग के साथ फ्लावरिंग भी हो रही है. ऐसे में अधिक ठंड पड़ने से फ्लावरिंग को भी नुकसान हुआ है. जिससे बागवानों की चिंता बढ़ गई है. बागवानों ने विभाग से नुकसान का आकलन कर आर्थिक सहायता दिए जाने की मांग की है.

वीडियो.

ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बढ़ी बागवानों की चिंता

प्रदेश में अप्रैल माह में लगातार जारी बारिश फ्लावरिंग के लिए नुकसानदायक साबित हो रही है, लेकिन कम और मध्यम ऊंचाई वाले जिन क्षेत्रों में सेटिंग हो चुकी है. इसके लिए बारिश फायदेमंद भी बताई जा रही है. इसके अतिरिक्त सर्दियों के मौसम में की गई नई प्लांटेशन सहित स्टोन फ्रूट के लिए भी बारिश का लाभ हुआ है. वहीं ऊंचाई वाले क्षेत्रों में जहां फ्लावरिंग हो रही है, यहां बारिश और बर्फबारी सेब के लिए काफी नुकसानदायक है. ऐसे में ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बागवानों की चिंता अधिक बढ़ गई है.

बागवान टीसी ठाकुर ने बताया

बागवान टीसी ठाकुर ने बताया कि अप्रैल महीने में हुई बर्फबारी के कारण बगीचों में लगाई गई हेलनेट फट गई है. जिससे बागवानों को बहुत भारी नुकसान हुआ है. उन्होंने सरकार से नुकसान का आंकलन कर आर्थिक सहायता देने की मांग की है.

विषय वार्ता विशेषज्ञ ने दी जानकारी

करसोग विकासखंड के बागवानी विभाग के विषय वार्ता विशेषज्ञ नरेश शर्मा का कहना है कि बर्फबारी से हुए नुकसान का आकलन किया जाएगा. उन्होंने कहा कि कम और मध्यम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में जहां सेब की सेटिंग हो चुकी है इसके लिए बारिश फायदेमंद है, लेकिन ऊंचाई वाले क्षेत्रों में जहां फ्लावरिंग हो रही है. इसके लिए बारिश और बर्फबारी दोनों ही नुकसानदायक है.

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