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NEWS IMPACT: पशुपालकों को राहत, मिल्क चिलिंग सेंटर करसोग में कंटेनर्स की कमी हुई दूर

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Published : Jun 30, 2021, 2:25 PM IST

एक बार फिर ईटीवी भारत की खबर का असर हुआ है. करसोग मिल्क चिलिंग सेंटर में कंटेनरों की कमी की वजह से पशुपालकों का आधा दूध वापस लौटाया जा रहा था. बहुत से पशुपालकों से तो दूध ही नहीं खरीदा जा रहा था. ईटीवी भारत ने पशुपालकों की इस मांग को प्रमुखता से उठाया था, जिस पर मिल्क फेडरेशन ने संज्ञान लेते हुए अब और कंटेनर भेज दिए हैं.

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करसोगः उपमंडल करसोग में ईटीवी भारत की खबर का असर हुआ है. मिल्क चिलिंग सेंटर में चल रही कंटेनरों की कमी अब दूर हो गई है. अब पशुपालकों का दूध वापस नहीं लौटाया जाएगा. मिल्क फेडरेशन ने पशुपालकों की मांग को देखते हुए और कंटेनर भेज दिए हैं.

करसोग मिल्क चिलिंग सेंटर में कंटेनरों की कमी की वजह से पशुपालकों का आधा दूध वापस लौटाया जा रहा था. बहुत से पशुपालकों से तो दूध ही नहीं खरीदा जा रहा था. ईटीवी भारत ने पशुपालकों की इस मांग को प्रमुखता से उठाया था, जिस पर मिल्क फेडरेशन ने संज्ञान लेते हुए अब और कंटेनर भेज दिए हैं. इन कंटेनरों को डिमांड के मुताबिक रुटों पर भेजा जाएगा ताकि पशुपालकों का पूरा दूध खरीदा जा सके.

सेंटर के पास थी कंटेनरों की भारी कमी

बता दें कि उपमंडल में दूध का उत्पादन बढ़ने से मिल्क चिलिंग सेंटर के पास कंटेनरों की भारी कमी पड़ गई थी. इस कारण करसोग स्थित चिलिंग सेंटर पशुपालकों से आधा ही दूध खरीद रहा था, जबकि बाकी बचे दूध को पशुपालक रोजाना वापस घर ले जाने को मजबूर थे. इस कारण पशुपालकों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा था. उपमंडल में बरसात के दिनों में दूध उत्पादन बढ़ गया है. ऐसे में पशुपालकों के पास दूध से अच्छी आमदनी प्राप्त करने के 3 महीने ही है, लेकिन कंटेनरों की कमी की वजह से आय बढ़ना तो दूर बल्कि पशुपालकों को नुकसान उठाना पड़ रहा था.

वीडियो.

300 लीटर दूध किया जा रहा था वापिस

खासकर उपमंडल के कांडी से शाहोट रूट पर मिल्क फेडरेशन की जो गाड़ी दूध खरीदने को भेजी जा रही थी. उसमें कंटेनरों की भारी कमी के कारण पशुपालकों का रोजना करीब 300 लीटर दूध वापस लौटाया जा रहा था, जिसका खामियाजा पशुपालकों को भुगतना पड़ रहा था. अब इस रूट पर और कंटेनर भेजे जाने से पशुपालकों से पूरा दूध खरीदा जा रहा है. करसोग में करीब 1700 परिवार दूध कारोबार से जुड़ें हैं. इन दिनों क्षेत्र में 7300 लीटर से अधिक दूध का उत्पादन हो रहा है.

कंटेनरों की कमी दूर

करसोग मिल्क चिलिंग सेंटर के इंचार्ज लाल सिंह का कहना है कि हर रूट पर जो कंटेनरों की कमी चल रही थी, उसे दूर कर लिया गया है. सभी रुटों के लिए कंटेनर दे दिए गए हैं. अब किसी भी रूट पर कंटेनरों की कोई कमी नहीं है. उन्होंने कहा कि दूध उत्पादक अच्छी गुणवत्ता का दूध दें, ताकि पशुपालकों को दूध का अच्छा मूल्य मिल सके.

ये भी पढ़ें: अपने विधायक के मामले में फूंक-फूंक कर कदम रख रही पार्टी विद ए डिफरेंस, नेहरिया विवाद सुलझाने पर फोकस

करसोगः उपमंडल करसोग में ईटीवी भारत की खबर का असर हुआ है. मिल्क चिलिंग सेंटर में चल रही कंटेनरों की कमी अब दूर हो गई है. अब पशुपालकों का दूध वापस नहीं लौटाया जाएगा. मिल्क फेडरेशन ने पशुपालकों की मांग को देखते हुए और कंटेनर भेज दिए हैं.

करसोग मिल्क चिलिंग सेंटर में कंटेनरों की कमी की वजह से पशुपालकों का आधा दूध वापस लौटाया जा रहा था. बहुत से पशुपालकों से तो दूध ही नहीं खरीदा जा रहा था. ईटीवी भारत ने पशुपालकों की इस मांग को प्रमुखता से उठाया था, जिस पर मिल्क फेडरेशन ने संज्ञान लेते हुए अब और कंटेनर भेज दिए हैं. इन कंटेनरों को डिमांड के मुताबिक रुटों पर भेजा जाएगा ताकि पशुपालकों का पूरा दूध खरीदा जा सके.

सेंटर के पास थी कंटेनरों की भारी कमी

बता दें कि उपमंडल में दूध का उत्पादन बढ़ने से मिल्क चिलिंग सेंटर के पास कंटेनरों की भारी कमी पड़ गई थी. इस कारण करसोग स्थित चिलिंग सेंटर पशुपालकों से आधा ही दूध खरीद रहा था, जबकि बाकी बचे दूध को पशुपालक रोजाना वापस घर ले जाने को मजबूर थे. इस कारण पशुपालकों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा था. उपमंडल में बरसात के दिनों में दूध उत्पादन बढ़ गया है. ऐसे में पशुपालकों के पास दूध से अच्छी आमदनी प्राप्त करने के 3 महीने ही है, लेकिन कंटेनरों की कमी की वजह से आय बढ़ना तो दूर बल्कि पशुपालकों को नुकसान उठाना पड़ रहा था.

वीडियो.

300 लीटर दूध किया जा रहा था वापिस

खासकर उपमंडल के कांडी से शाहोट रूट पर मिल्क फेडरेशन की जो गाड़ी दूध खरीदने को भेजी जा रही थी. उसमें कंटेनरों की भारी कमी के कारण पशुपालकों का रोजना करीब 300 लीटर दूध वापस लौटाया जा रहा था, जिसका खामियाजा पशुपालकों को भुगतना पड़ रहा था. अब इस रूट पर और कंटेनर भेजे जाने से पशुपालकों से पूरा दूध खरीदा जा रहा है. करसोग में करीब 1700 परिवार दूध कारोबार से जुड़ें हैं. इन दिनों क्षेत्र में 7300 लीटर से अधिक दूध का उत्पादन हो रहा है.

कंटेनरों की कमी दूर

करसोग मिल्क चिलिंग सेंटर के इंचार्ज लाल सिंह का कहना है कि हर रूट पर जो कंटेनरों की कमी चल रही थी, उसे दूर कर लिया गया है. सभी रुटों के लिए कंटेनर दे दिए गए हैं. अब किसी भी रूट पर कंटेनरों की कोई कमी नहीं है. उन्होंने कहा कि दूध उत्पादक अच्छी गुणवत्ता का दूध दें, ताकि पशुपालकों को दूध का अच्छा मूल्य मिल सके.

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