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नए रथ में विराजमान हुए सराज के अराध्य देव रैनगलू

मंडी जनपद के सराज घाटी में रविवार को अराध्य देव रैनगलू (काला कामेश्वर) के नए रथ में विराजमान हुए देवता की प्राण प्रतिष्ठा रविवार उनके मूल स्थान रैनगलू में सम्पन्न हुई. अराध्य देव रैनगलू के सोना चांदी जड़ित रथ को तैयार करने में 6 महीने का समय लगा है.

Aradhya Dev Reangalu
Aradhya Dev Reangalu
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Published : Nov 27, 2022, 8:49 PM IST

सराज: देवभूमि के अराध्य देव रैनगलू (काला कामेश्वर) के नए रथ में विराजमान हुए देवता की प्राण प्रतिष्ठा रविवार उनके मूल स्थान रैनगलू में सम्पन्न हुई. इस मौके पर सराज क्षेत्र के हजारों की तादाद में श्रद्धालु शामिल हुए. अराध्य देव रैनगलू के सोना चांदी जड़ित रथ को तैयार करने में 6 महीने का समय लगा है, जिसमें देवता के नए 6 मुख का निर्माण किया गया, जिसमें लगभग एक किलो के लगभग सोना लगा है.

देव ध्वनि से गूंज उठी सराज घाटी: देवता की कोठी से एक किलोमीटर दूर देवता के मूल स्थान में रैनगलू तक ढककर मंदिर तक ले जाया गया. नए रथ की प्राण प्रतिष्ठा की गई, जिसके बाद नव निर्मित रथ को दर्जनों ढोल नगाड़ों के साथ देवता की मूल कोठी शिकावरी लाया गया, जहां श्रद्धालुओं के दर्शन करने के लिए देवता को बाहर बाहर रखा गया.

Aradhya Dev Reangalu
रैनगलू में सेल्फी प्वाइंट बना आकर्षण का केंद्र

लोगों के सहयोग से बनाया गया नया रथ: देवता के कारदार धर्म सिंह पुजारी कृष्ण शर्मा और लक्ष्मण सिंह ने कहा कि नव निर्मित देवरथ का निर्माण देवता की एक हार के 6 गांवों रैनधार, कुलांची, धनौठी, दीवार, कांडी शरण के लोगों ने अपने हिसाब से सहयोग किया. देवता की हार के सभी परिवारों ने ₹5 हजार प्रति परिवार का सहयोग राशि दी है. देव रथ की प्रतिष्ठा के बाद देवता के नए रथ को श्रद्धालुओं के दर्शन हेतु सुबह ही मंदिर से बाहर निकाला गया. देवता के रथ के मंदिर से बाहर आते ही ढोल, नगाड़ों से माहौल भक्तिमय हो गया.

ये भी पढ़ें- बीजेपी और कांग्रेस प्रत्याशियों के लिए 'रोड़ा' बने आजाद मुसाफिर! जानें सीट का इतिहास

श्रद्धालुओं को दिया गया देवता का पगू: देवता कमेटी के सदस्य धर्म सिंह ठाकुर ने कहा कि जितने भी लोग देवता की प्रतिष्ठा में भाग लेने आए थे, अधिकांश लोगों को देवता के आशिर्वाद के रूप में देवता का पगू पहनाया गया.

74 मन चावल से बनाई गई सराजी धाम: देवता के पुजारी कृष्ण शर्मा के अनुसार देवता की आस्था देखते हुए हार की कमेटी ने प्रतिष्ठा में करीब 5 हजार श्रद्धालुओं आने का अनुमान लगाया था लेकिन देवता के आशीर्वाद से मौसम साफ रहा. 5100 से ज्यादा लोगों ने सराजी धाम (भंडारा) का स्वाद चखा. यह धाम लोगों के सहयोग से ही सम्पन्न हुई. लोगों ने चावल, चीनी, पनीर और दाल दान की. पुजारी ने बताया कि धाम (भंडारा)देर शाम 7 बजे तक चलता रहा.

काष्ठशैली का बेजौड़ नमूना है देव रैनगलू का मंदिर: थुनाग मंडी समुद्रतल से करीब 7000 फीट की ऊंचाई पर स्थित सराज क्षेत्र के अराध्य देव रैनगलू का मंदिर में करीब 11 देवदार के पेड़ से निर्मित भव्य काष्ट शैली का बेजौड़ नमूना पेश किया गया है. मुख्य द्वार पर लकड़ी के ऊपर बनाई गणेश की मूर्ति, देव रथ पर ब्रह्मा-विष्णु-महेश की चार फीट ऊंची प्रतिमा स्थापित की गई है.

रैनगलू में सेल्फी प्वाइंट बना आकर्षण का केंद्र: घने देवदार के पेड़ देव रैनगलू का मंदिर थुनाग उपमंडल मुख्यालय से करीब 7 किलोमीटर दूर स्थित है, काष्ठशिल्प का बेजोड़ नमूना देव रैनगलू का भव्य मंदिर है. लोगों ने सहयोग से अब यहां एक सेल्फी सेल्फी प्वाइंट बनाया है, जो आकर्षण का केंद्र बना हुआ है.

लोगों ने डाली नाटी: नव निर्मित देव रथ की प्रतिष्ठा के अवसर पर आए लोगों ने देवता का आशीर्वाद प्राप्त किया. लोगों ने सराजी धाम का स्वाद चखने के बाद श्रद्धालुओं ने सराजीनाटी डाली.

सराज: देवभूमि के अराध्य देव रैनगलू (काला कामेश्वर) के नए रथ में विराजमान हुए देवता की प्राण प्रतिष्ठा रविवार उनके मूल स्थान रैनगलू में सम्पन्न हुई. इस मौके पर सराज क्षेत्र के हजारों की तादाद में श्रद्धालु शामिल हुए. अराध्य देव रैनगलू के सोना चांदी जड़ित रथ को तैयार करने में 6 महीने का समय लगा है, जिसमें देवता के नए 6 मुख का निर्माण किया गया, जिसमें लगभग एक किलो के लगभग सोना लगा है.

देव ध्वनि से गूंज उठी सराज घाटी: देवता की कोठी से एक किलोमीटर दूर देवता के मूल स्थान में रैनगलू तक ढककर मंदिर तक ले जाया गया. नए रथ की प्राण प्रतिष्ठा की गई, जिसके बाद नव निर्मित रथ को दर्जनों ढोल नगाड़ों के साथ देवता की मूल कोठी शिकावरी लाया गया, जहां श्रद्धालुओं के दर्शन करने के लिए देवता को बाहर बाहर रखा गया.

Aradhya Dev Reangalu
रैनगलू में सेल्फी प्वाइंट बना आकर्षण का केंद्र

लोगों के सहयोग से बनाया गया नया रथ: देवता के कारदार धर्म सिंह पुजारी कृष्ण शर्मा और लक्ष्मण सिंह ने कहा कि नव निर्मित देवरथ का निर्माण देवता की एक हार के 6 गांवों रैनधार, कुलांची, धनौठी, दीवार, कांडी शरण के लोगों ने अपने हिसाब से सहयोग किया. देवता की हार के सभी परिवारों ने ₹5 हजार प्रति परिवार का सहयोग राशि दी है. देव रथ की प्रतिष्ठा के बाद देवता के नए रथ को श्रद्धालुओं के दर्शन हेतु सुबह ही मंदिर से बाहर निकाला गया. देवता के रथ के मंदिर से बाहर आते ही ढोल, नगाड़ों से माहौल भक्तिमय हो गया.

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श्रद्धालुओं को दिया गया देवता का पगू: देवता कमेटी के सदस्य धर्म सिंह ठाकुर ने कहा कि जितने भी लोग देवता की प्रतिष्ठा में भाग लेने आए थे, अधिकांश लोगों को देवता के आशिर्वाद के रूप में देवता का पगू पहनाया गया.

74 मन चावल से बनाई गई सराजी धाम: देवता के पुजारी कृष्ण शर्मा के अनुसार देवता की आस्था देखते हुए हार की कमेटी ने प्रतिष्ठा में करीब 5 हजार श्रद्धालुओं आने का अनुमान लगाया था लेकिन देवता के आशीर्वाद से मौसम साफ रहा. 5100 से ज्यादा लोगों ने सराजी धाम (भंडारा) का स्वाद चखा. यह धाम लोगों के सहयोग से ही सम्पन्न हुई. लोगों ने चावल, चीनी, पनीर और दाल दान की. पुजारी ने बताया कि धाम (भंडारा)देर शाम 7 बजे तक चलता रहा.

काष्ठशैली का बेजौड़ नमूना है देव रैनगलू का मंदिर: थुनाग मंडी समुद्रतल से करीब 7000 फीट की ऊंचाई पर स्थित सराज क्षेत्र के अराध्य देव रैनगलू का मंदिर में करीब 11 देवदार के पेड़ से निर्मित भव्य काष्ट शैली का बेजौड़ नमूना पेश किया गया है. मुख्य द्वार पर लकड़ी के ऊपर बनाई गणेश की मूर्ति, देव रथ पर ब्रह्मा-विष्णु-महेश की चार फीट ऊंची प्रतिमा स्थापित की गई है.

रैनगलू में सेल्फी प्वाइंट बना आकर्षण का केंद्र: घने देवदार के पेड़ देव रैनगलू का मंदिर थुनाग उपमंडल मुख्यालय से करीब 7 किलोमीटर दूर स्थित है, काष्ठशिल्प का बेजोड़ नमूना देव रैनगलू का भव्य मंदिर है. लोगों ने सहयोग से अब यहां एक सेल्फी सेल्फी प्वाइंट बनाया है, जो आकर्षण का केंद्र बना हुआ है.

लोगों ने डाली नाटी: नव निर्मित देव रथ की प्रतिष्ठा के अवसर पर आए लोगों ने देवता का आशीर्वाद प्राप्त किया. लोगों ने सराजी धाम का स्वाद चखने के बाद श्रद्धालुओं ने सराजीनाटी डाली.

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