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बरसात के मौसम में भी ठप नहीं होगी ऊहल पेयजल परियोजना, विभाग ने लगाया सेंसर आधारित सिस्टम - मंडी की पेयजल परियोजना

अब ऊहल परियोजना में बार बार पेयजल आपूर्ति ठप नहीं होगी. बरसात के मौसम में भी अब इस पेयजल परियोजना से मंडी के लिए पानी की आपूर्ति नियमित तौर पर होगी. इसके लिए जल शक्ति विभाग ने सेंसर आधारित सिस्टम की मदद लेगा.

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Published : Jun 29, 2021, 9:33 PM IST

मंडी: बरसाती मौसम में ऊहल परियोजना से बिना किसी रुकावट के पेयजल आपूर्ति होती रहे इसके लिए जल शक्ति विभाग ने एक नई तकनीक से पूरे सिस्टम को दुरूस्त किया है. इससे बारिश में जल स्तर बढ़ने व गाद आने से पेयजल आपूर्ति के बार-बार बंद होने की समस्या से छुटकारा मिल जाएगा.

जल शक्ति विभाग, उपमंडल मंडी के सहायक अभियंता भानू प्रताप सिंह ने इस बारे बताया कि मंडी शहर के लिए ऊहल नदी पर निर्मित पेयजल योजना की ट्रेंच वेयर बरसात के मौसम में जल स्तर बढ़ने व गाद आने से बार-बार बंद हो जाती थी. इस समस्या के वैज्ञानिक समाधान के लिए विभाग ने एक नई तकनीक अपनाई है, जो पूरी तरह सैंसर आधारित व स्वचलित है.

इसके जरिए जल स्तर बढ़ने पर बिना किसी मानव सहायता के ट्रेंच वेयर के गेट बंद हो जाएंगे और पानी कम होने पर गेट स्वत: खुल जाएंगे, जिससे चैंबर में गाद भरने की समस्या से निजात मिलेगी. इससे पेयजल आपूर्ति के बार-बार बंद होने की समस्या का स्थाई समाधान हो जाएगा. विभाग ने इस सैंसर आधारित व्यवस्था का सफल परीक्षण कर लिया है और इसे पूरी तरह कारगर पाया गया है.

ये भी पढ़ें: शिलाई हादसा: मृतकों की संख्या हुई 11, हादसे की मैजिस्ट्रेट जांच के आदेश

मंडी: बरसाती मौसम में ऊहल परियोजना से बिना किसी रुकावट के पेयजल आपूर्ति होती रहे इसके लिए जल शक्ति विभाग ने एक नई तकनीक से पूरे सिस्टम को दुरूस्त किया है. इससे बारिश में जल स्तर बढ़ने व गाद आने से पेयजल आपूर्ति के बार-बार बंद होने की समस्या से छुटकारा मिल जाएगा.

जल शक्ति विभाग, उपमंडल मंडी के सहायक अभियंता भानू प्रताप सिंह ने इस बारे बताया कि मंडी शहर के लिए ऊहल नदी पर निर्मित पेयजल योजना की ट्रेंच वेयर बरसात के मौसम में जल स्तर बढ़ने व गाद आने से बार-बार बंद हो जाती थी. इस समस्या के वैज्ञानिक समाधान के लिए विभाग ने एक नई तकनीक अपनाई है, जो पूरी तरह सैंसर आधारित व स्वचलित है.

इसके जरिए जल स्तर बढ़ने पर बिना किसी मानव सहायता के ट्रेंच वेयर के गेट बंद हो जाएंगे और पानी कम होने पर गेट स्वत: खुल जाएंगे, जिससे चैंबर में गाद भरने की समस्या से निजात मिलेगी. इससे पेयजल आपूर्ति के बार-बार बंद होने की समस्या का स्थाई समाधान हो जाएगा. विभाग ने इस सैंसर आधारित व्यवस्था का सफल परीक्षण कर लिया है और इसे पूरी तरह कारगर पाया गया है.

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