करसोग: उपमंडल करसोग में माहूंनाग के टंनिउरी गांव में बेघर हुए परिवार के लिए स्थानीय महिलाएं मसीहा बनकर सामने आई हैं. पांच नंवबर को शार्ट सर्किट से मकान में लगी आग से दो गरीब परिवार बेघर हो गए हैं और घर के अंदर जमा पूंजी, राशन सहित पूरा सामान जलकर राख हो गया है.
अब दोनों ही परिवार छोटे छोटे बच्चों के साथ ठंड के मौसम में खुले आसमान के नीचे रातें गुजरने को मजबूर हैं. ऐसे में इस मुश्किल समय में गरीब परिवार को दो वक्त की रोटी नसीब हो और रहने के लिए जल्द से जल्द आशियाना मिले, इसके लिए स्वयं सहायता समूह सवामाहूं की महिलाओं ने इंसानियत का धर्म निभाते हुए पीड़ित मानवता की सेवा के लिए अपने हाथ आगे बढ़ाए हैं.
स्वंय सहायता समूह की महिलाओं में रविवार को ग्राम पंचायत शैन्दल के टंनिउरी गांव में जाकर पीड़ित परिवार को 3 हजार की राहत राशि प्रदान की है. बात यहां रकम की नहीं है बल्कि सेवा भावना की है. इन महिलाओं ने खुले आसमान के नीचे समय काटने को मजबूर परिवार को राहत राशि देकर उम्मीद की किरण दिखाई है.
यही नहीं महिलाओं ने क्षेत्र के सभी लोगों से बेघर हुए इन दोनों गरीब परिवारों मदद करने की अपील की है, ताकि इन दोनों गरीब परिवारों को छत नसीब हो सके. हालांकि प्रशासन ने भी पीड़ित परिवार को 10-10 हजार की फौरी राहत जारी की है.
बता दें कि टंनिउरी गांव में चढ़ने से खेमराज और जगदीश चंद दो भाइयों का तीन कमरों का मकान आगजनी की भेंट चढ़ गया था. शार्ट सर्किट की वजह से लगी आग से मकान के अंदर रखा सारा सामान जलकर राख हो गया था. ऐसे में इन दिनों दोनों ही गरीब परिवार खुले छत के नीचे छोटे छोटे बच्चों के साथ ठंड में रातें गुजार रहा है.
स्वंय सहायता समूह की उमाबती, तवारकू देवी श्यामकली, शकुंतला देवी,सरला देवी, कौशल्या देवी ,ललिता शर्मा पंजाबु देवी व शांति देवी ने पीड़ित परिवार को सहायता राशि प्रदान की है.
स्वंय सहायता समूह सवामाहूं की प्रधान तवारकु देवी ने बताया कि महिलाओं ने खेमराज और जगदीश चंद को सहायता राशि प्रदान की है, ताकि ये गरीब परिवार अपने के खाने पीने का सामान खरीद सकें. उन्होंने लोगों से भी पीड़ित परिवार की सेवा के लिए आगे आने की अपील की है.