सराज: मंडी के सराज की सबसे पुरानी सड़क इन दिनों फिर से चर्चा में है. पूर्व में जब स्थानीय लोग सड़क को पक्का करवाने को लेकर आवाज बुलंद करवाते रहे हैं. वहीं, इन दिनों उक्त सड़क मार्ग की घटिया टायरिंग को लेकर लोग लोनिवि व सरकार को कोस रहे हैं.
1967 में निर्मित जीभी-गाड़ागुशैणी सड़क मार्ग पर इन दिनों टायरिंग का काम चला है, लेकिन लोग ठेकेदार द्वारा करवाये जा है कार्य से संतुष्ट नहीं है. सड़क मार्ग की घटिया टायरिंग को लेकर स्थानीय युवा नूतन सिंह ठाकुर ने जब घटिया टायरिंग का वीडियो शेयर किया तो विभाग हरकत में आया जरूर, लेकिन उल्टे इस युवा को वीडियो डिलीट करने के लिए कहा गया, लेकिन तथ्यों के साथ डाला यह वीडियो वायरल हो गया जिस कारण विभाग ने सड़क की टायरिंग के सैंपल लेने को बात कही.
जानकारी के अनुसार आज उक्त सड़क की टायरिंग के सैंपल जांच के लिए ले लिए गए हैं, लेकिन इस दौरान शिकायतकर्ता को कोई सूचना नहीं दी गई. वहीं, ग्राम पंचायत थाचाधार (गाड़ागुसेनी) के प्रधान ललित ठाकुर ने भी सड़क मार्ग की टायरिंग को संतोषजनक नहीं बताया है. उन्होंने कहा कि कार्यस्थल पर कई बार विभाग का कर्मचारी नहीं देखा गया है, जिस कारण क्वालिटी को लेकर लोग संदेह जता रहे हैं.
लोगों का कहना है कि इससे पूर्व इसी सड़क मार्ग पर की गई टायरिंग महज कुछ ही महीनों में उखड़ने लग पड़ी थी. वहीं, इस बारे विभाग के कनिष्ठ अभियंता रोहित कालटा का कहना है कि सड़क मार्ग की टायरिंग तय मानकों के तहत हो रही है, अगर कहीं कमी होगी तो ठेकेदार को इसे सुधारने के निर्देश दिए जाएंगे.
जीभी-गाड़ागुशैणी सड़क मार्ग को 1967 में तत्कालीन चिच्योट (वर्तमान में सराज ) के विधायक रहे ठाकुर कर्म सिंह के प्रयासों से निकाला गया था. इस सड़क मार्ग का निर्माण प्रमुख तौर पर गाड़ागुशैणी क्षेत्र को सड़क से जोड़ने के लिए किया गया था, लेकिन सड़क के बन जाने से आनी हल्के के तत्कालीन तीन कोठी क्षेत्र (वर्तमान में बंजार हल्के में शामिल) की आधा दर्जन ग्राम पंचायतों को भी इसका लाभ मिला.
बता दें कि उक्त सड़क मार्ग को 2 सालों से पक्का करने का कार्य चल रहा है, लेकिन अभी तक भी गाड़ागुसेनी तक इसे पक्का नहीं किया जा सका है.
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