मंडी: भारतीय जनता मजदूर संघ के प्रदेश महामंत्री वीर सिंह भारद्वाज की अध्यक्षता में शुक्रवार को एनटीटी का एक प्रतिनिधिमंडल उपायुक्त मंडी अरिंदम चौधरी से मिला और उनके माध्यम से मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन प्रेषित किया. प्रतिनिधिमंडल ने मांग की है कि हिमाचल प्रदेश में एनटीटी की भर्ती जल्द से जल्द की जाए. एनटीटी की ट्रेनिंग कर चुके शिक्षकों का कहना है कि हिमाचल प्रदेश के 60 प्रतिशत प्राइमरी स्कूलों में प्री प्राइमरी की क्लासिस शुरू हो चुकी है. कई बच्चों ने दाखिला भी ले लिया है. बावजूद इसके सरकार एनटीटी ट्रेनिंग ले चुके ट्रेंड अध्यापकों की नियुक्ति नहीं कर रही है.
एनटीटी अध्यापकों की नियुक्ति न होने से कहीं न कहीं बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है. भारतीय मजदूर संघ के प्रदेश महामंत्री वीर सिंह भारद्वाज ने मांग की है कि एनटीटी भर्ती में प्रदेश सरकार ने जो आयु सीमा की शर्त लगाई है उसे हटाया जाए. वहीं, 1 वर्ष के डिप्लोमा धारकों को भी भर्ती में मान्यता दी जाए. उन्होंने कहा कि पूर्व की जयराम सरकार ने एनटीटी की भर्तियां करने के लिए कैबिनेट में मंजूरी दी थी, लेकिन आचार संहिता के कारण ये भर्तियां नहीं हो पाई थीं.
वीर सिंह भारद्वाज ने कहा कि प्रदेश की सूक्खू सरकार एनटीटी भर्तियां करने में आनाकानी कर रही है. उन्होंने कहा कि सरकार का कहना है कि एनटीटी के पदों को भरने के लिए कुछ कमियां रह गई हैं. उन्होंने कहा की यदि कमी है तो 20 साल पहले यह कमी विभाग और सरकार को क्यों नहीं दिखाई दी. उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर सरकार द्वारा डिप्लोमा धारकों व आयु सीमा की शर्त को हटाए बिना एनटीटी की नियुक्ति नहीं की जाती है तो वह अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे.
बता दें कि हिमाचल प्रदेश में 15 हजार के लगभग प्रशिक्षित नर्सरी अध्यापिकाएं हैं. पूर्व में सरकार ने साल 1996-97 में नर्सरी अध्यापिका को प्राथमिक स्कूलों में लगाया था. इसके बाद प्रदेश में कहीं भी नर्सरी अध्यापिकाओं की नियुक्ति नहीं हुई है. पूर्व की जयराम सरकार द्वारा भी एनटीटी नियुक्ति के लिए कैबिनेट में मंजूरी दी थी, लेकिन आचार संहिता के चलते एनटीटी की भर्तियां नहीं हो पाई थी.
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