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Hot Seat Mandi: अनिल शर्मा का चंपा ठाकुर से होगा मुकाबला, बागी नेता प्रवीण शर्मा से भी मिलेगी चुनौती

मंडी सदर सीट से एक बार फिर अनिल शर्मा और चंपा ठाकुर आमने सामने हैं. पिछली बार अनिल शर्मा ने चंपा ठाकुर को हराया था. वहीं, आजाद उम्मीदवार प्रवीण शर्मा बीजेपी के लिए परेशानी का सबब बन सकते हैं. पढ़ें.

सदर की हॉट सीट पर, अनिल व भाजपा की बढी तिलमिलाहट.
सदर की हॉट सीट पर, अनिल व भाजपा की बढी तिलमिलाहट.
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Published : Nov 9, 2022, 2:49 PM IST

Updated : Nov 9, 2022, 3:58 PM IST

मंडी: हिमाचल (himachal assembly election 2022 ) की राजनीति का चाणक्य कहे जाने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री पंडित सुखराम आज इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन यदि कुछ है तो वह है उनका नाम और उनके द्वारा किए हुए काम. संचार क्रांति के मसीहा कहे जाने वाले पंडित सुखराम को तुंगल के शेर के नाम से भी जाना जाता रहा है. ऐसा इसलिए क्योंकि पंडित सुखराम ने सदर से 13 बार चुनाव लड़ा और कभी भी यहां से हार का मुंह नहीं देखा.

पढ़ें- Hot Seat Darang: गुरु चेले बीच में सियासी मुकाबला, कौन लगाएगा 'धोबी पछाड़' ?

मंडी सीट पर सुखराम परिवार का रहा है राज: 1993 में पंडित सुखराम के पुत्र अनिल शर्मा (BJP candidate Anil Sharma) यहां से पहली बार विधायक चुनकर गए. अनिल शर्मा यहां से विधायक चुनकर चौथी बार विधानसभा पहुंचे हैं. मंडी सदर की इस सीट पर पंडित सुखराम परिवार का एकछत्र राज रहा है. यही कारण है कि भाजपा ने एक बार फिर 2022 के विधानसभा चुनावों में अनिल शर्मा को चुनावी मैदान में उतारा है.

बीजेपी के लिए प्रवीण शर्मा भी चुनौती: सदर से इस बार अनिल शर्मा सहित 9 प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं. 9 प्रत्याशियों में से 3 प्रत्याशियों के बीच इस बार कड़ा मुकाबला होने जा रहा है. त्रिकोणीय मुकाबला होने के चलते सदर की यह सीट अब हॉट सीट बन गई है. अनिल शर्मा को इस बार कांग्रेस प्रत्याशी चंपा ठाकुर (Congress candidate Champa Thakur) के साथ आजाद उम्मीदवार प्रवीण शर्मा कड़ी टक्कर देने वाले हैं. प्रवीण शर्मा भारतीय जनता पार्टी के कर्मठ कार्यकर्ता रहे हैं और अनिल शर्मा को टिकट देने पर भाजपा हाईकमान से नाराज हैं. प्रवीण शर्मा ने इसे भारतीय जनता पार्टी का गलत निर्णय ठहराया है और पार्टी से इस्तीफा देकर चुनावी समर में कूद गए हैं. इन दिनों राजनीतिक गलियारों में प्रवीण शर्मा का नाम भी खूब गूंज रहा है.

political equation of mandi assembly seat
2017 का गणित

प्रवीण शर्मा व अनिल शर्मा ब्राह्मण परिवार से संबंध रखते हैं. वोट बंटने के डर से कहीं ना कहीं भारतीय जनता पार्टी भी तिलमिला गई है. 8 नवंबर को मंडी सदर में चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए सीएम जयराम ठाकुर को यह कहना पड़ा कि जिसे भाजपा ने एक कमल का निशान दिया है, वही प्रत्याशी भारतीय जनता पार्टी के हैं. मंडी सदर से अनिल शर्मा के अलावा भारतीय जनता पार्टी का और कोई भी प्रत्याशी नहीं है.

वहीं अनिल शर्मा भी प्रवीण शर्मा के चुनावी मैदान में उतरने से असहज हो गए हैं. ईटीवी भारत के साथ विशेष बातचीत में अनिल शर्मा ने यह कह दिया कि प्रवीण शर्मा को चुनावी मैदान में उतारने में कांग्रेस का हाथ है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस की यह बहुत बड़ी साजिश है ताकि प्रवीण शर्मा भारतीय जनता पार्टी के वोट तोड़ सके. वहीं कांग्रेस प्रत्याशी चंपा ठाकुर का कहना है कि है कि प्रवीण शर्मा लंबे समय से भारतीय जनता पार्टी के साथ जुड़े रहे हैं. प्रवीण शर्मा के चुनाव लड़ने से अनिल शर्मा को इसका नुकसान होने वाला है.

चंपा पर कांग्रेस को भरोसा: बता दें कि चंपा ठाकुर कांग्रेस के दिग्गज नेता कौल सिंह ठाकुर की बेटी हैं. चंपा ठाकुर ने 2017 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी के टिकट पर अपना पहला चुनाव लड़ा था. इस चुनाव में अनिल शर्मा की जीत हुई थी और चंपा ठाकुर को हार का सामना करना पड़ा था. कांग्रेस ने चंपा ठाकुर पर एक बार फिर से भरोसा जताया है. वहीं सदर विधायक अनिल शर्मा पांचवी बार सदर से चुनाव लड़ने जा रहे हैं. प्रवीण शर्मा की बात की जाए तो वे पहली बार चुनावी समर में कूदे हैं. बरहाल इतना तो तय है कि सदर में तीनों प्रत्याशियों के बीच रोमांचक मुकाबला देखने को मिलेगा. कौन किसको मात देता है, यह निर्णय चुनावी नतीजे ही तय करेंगे.

2017 का गणित: 2017 विधानसभा चुनाव में 7 प्रत्याशी चुनावी मैदान में थे. 58.12% मतदान रहा था. भाजपा प्रत्याशी अनिल शर्मा को 31282 व कांग्रेस प्रत्याशी चंपा ठाकुर को 21025 मत मिले थे. 2017 में भाजपा प्रत्याशी अनिल शर्मा ने 10257 मतों से जीत हासिल की थी. वहीं 2012 के विधानसभा चुनावों में अनिल शर्मा ने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा था. उन्होंने भाजपा प्रत्याशी दुर्गादत्त को 3930 मतों से हराया था.

political equation of mandi assembly seat
मंडी सदर के मतदाता

मंडी सदर सीट पर मतदाता: मंडी सदर सीट पर 75,418 मतदाता हैं. जिनमें 36,970 पुरुष मतदाता और 38,448 महिला मतदाता हैं. यहां पर प्रदेश के दो प्रमुख दलों कांग्रेस और भाजपा के बीच ही मुकाबला देखने को मिलता है. मंडी की जनता जातिगत और समुदाय के समीकरण में बंटी है. चुनाव में उतरे प्रत्याशी को इसी आधार पर वोट डाले जाते हैं.

मंडी सदर विधानसभा क्षेत्र के मुद्दे: मंडी शहर में पार्किंग व बेसहारा पशुओं की समस्या (Mandi Sadar Assembly Constituency Issues) आम है. शहर में जहां पार्किंग की समस्या भी विकराल होती जा रही है, वहीं बेसहारा पशुओं व बंदरों से भी लोग परेशान हैं. शहर में जितनी भी पार्किंग हैं सभी फुल ही रहती है. मंडी शहर के बीचोबीच यू ब्लॉक में पार्किंग व शॉपिंग कॉम्पलेक्स का निर्माण किया जा रहा है. लेकिन स्कूल के साथ बन रहे पार्किंग व शॉपिंग कॉम्पलेक्स का विरोध भी जारी है. वर्किंग फॉर शॉपिंग कॉम्पलेक्स के निर्माण को लेकर सोशल मीडिया पर सदर विधायक पर भी आरोप लगे थे. इसके बाद सदर विधायक अनिल शर्मा (Mandi Sadar BJP MLA Anil Sharma) ने एक वीडियो संदेश जारी किया था. जिसमें उन्होंने कहा था कि पूर्व में मंत्री रहते हुए उन्होंने यू ब्लॉक में पार्किंग की प्रपोजल तैयार की थी. लेकिन शॉपिंग कंपलेक्स का उसमें कोई जिक्र नहीं था.


मंडी: हिमाचल (himachal assembly election 2022 ) की राजनीति का चाणक्य कहे जाने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री पंडित सुखराम आज इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन यदि कुछ है तो वह है उनका नाम और उनके द्वारा किए हुए काम. संचार क्रांति के मसीहा कहे जाने वाले पंडित सुखराम को तुंगल के शेर के नाम से भी जाना जाता रहा है. ऐसा इसलिए क्योंकि पंडित सुखराम ने सदर से 13 बार चुनाव लड़ा और कभी भी यहां से हार का मुंह नहीं देखा.

पढ़ें- Hot Seat Darang: गुरु चेले बीच में सियासी मुकाबला, कौन लगाएगा 'धोबी पछाड़' ?

मंडी सीट पर सुखराम परिवार का रहा है राज: 1993 में पंडित सुखराम के पुत्र अनिल शर्मा (BJP candidate Anil Sharma) यहां से पहली बार विधायक चुनकर गए. अनिल शर्मा यहां से विधायक चुनकर चौथी बार विधानसभा पहुंचे हैं. मंडी सदर की इस सीट पर पंडित सुखराम परिवार का एकछत्र राज रहा है. यही कारण है कि भाजपा ने एक बार फिर 2022 के विधानसभा चुनावों में अनिल शर्मा को चुनावी मैदान में उतारा है.

बीजेपी के लिए प्रवीण शर्मा भी चुनौती: सदर से इस बार अनिल शर्मा सहित 9 प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं. 9 प्रत्याशियों में से 3 प्रत्याशियों के बीच इस बार कड़ा मुकाबला होने जा रहा है. त्रिकोणीय मुकाबला होने के चलते सदर की यह सीट अब हॉट सीट बन गई है. अनिल शर्मा को इस बार कांग्रेस प्रत्याशी चंपा ठाकुर (Congress candidate Champa Thakur) के साथ आजाद उम्मीदवार प्रवीण शर्मा कड़ी टक्कर देने वाले हैं. प्रवीण शर्मा भारतीय जनता पार्टी के कर्मठ कार्यकर्ता रहे हैं और अनिल शर्मा को टिकट देने पर भाजपा हाईकमान से नाराज हैं. प्रवीण शर्मा ने इसे भारतीय जनता पार्टी का गलत निर्णय ठहराया है और पार्टी से इस्तीफा देकर चुनावी समर में कूद गए हैं. इन दिनों राजनीतिक गलियारों में प्रवीण शर्मा का नाम भी खूब गूंज रहा है.

political equation of mandi assembly seat
2017 का गणित

प्रवीण शर्मा व अनिल शर्मा ब्राह्मण परिवार से संबंध रखते हैं. वोट बंटने के डर से कहीं ना कहीं भारतीय जनता पार्टी भी तिलमिला गई है. 8 नवंबर को मंडी सदर में चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए सीएम जयराम ठाकुर को यह कहना पड़ा कि जिसे भाजपा ने एक कमल का निशान दिया है, वही प्रत्याशी भारतीय जनता पार्टी के हैं. मंडी सदर से अनिल शर्मा के अलावा भारतीय जनता पार्टी का और कोई भी प्रत्याशी नहीं है.

वहीं अनिल शर्मा भी प्रवीण शर्मा के चुनावी मैदान में उतरने से असहज हो गए हैं. ईटीवी भारत के साथ विशेष बातचीत में अनिल शर्मा ने यह कह दिया कि प्रवीण शर्मा को चुनावी मैदान में उतारने में कांग्रेस का हाथ है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस की यह बहुत बड़ी साजिश है ताकि प्रवीण शर्मा भारतीय जनता पार्टी के वोट तोड़ सके. वहीं कांग्रेस प्रत्याशी चंपा ठाकुर का कहना है कि है कि प्रवीण शर्मा लंबे समय से भारतीय जनता पार्टी के साथ जुड़े रहे हैं. प्रवीण शर्मा के चुनाव लड़ने से अनिल शर्मा को इसका नुकसान होने वाला है.

चंपा पर कांग्रेस को भरोसा: बता दें कि चंपा ठाकुर कांग्रेस के दिग्गज नेता कौल सिंह ठाकुर की बेटी हैं. चंपा ठाकुर ने 2017 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी के टिकट पर अपना पहला चुनाव लड़ा था. इस चुनाव में अनिल शर्मा की जीत हुई थी और चंपा ठाकुर को हार का सामना करना पड़ा था. कांग्रेस ने चंपा ठाकुर पर एक बार फिर से भरोसा जताया है. वहीं सदर विधायक अनिल शर्मा पांचवी बार सदर से चुनाव लड़ने जा रहे हैं. प्रवीण शर्मा की बात की जाए तो वे पहली बार चुनावी समर में कूदे हैं. बरहाल इतना तो तय है कि सदर में तीनों प्रत्याशियों के बीच रोमांचक मुकाबला देखने को मिलेगा. कौन किसको मात देता है, यह निर्णय चुनावी नतीजे ही तय करेंगे.

2017 का गणित: 2017 विधानसभा चुनाव में 7 प्रत्याशी चुनावी मैदान में थे. 58.12% मतदान रहा था. भाजपा प्रत्याशी अनिल शर्मा को 31282 व कांग्रेस प्रत्याशी चंपा ठाकुर को 21025 मत मिले थे. 2017 में भाजपा प्रत्याशी अनिल शर्मा ने 10257 मतों से जीत हासिल की थी. वहीं 2012 के विधानसभा चुनावों में अनिल शर्मा ने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा था. उन्होंने भाजपा प्रत्याशी दुर्गादत्त को 3930 मतों से हराया था.

political equation of mandi assembly seat
मंडी सदर के मतदाता

मंडी सदर सीट पर मतदाता: मंडी सदर सीट पर 75,418 मतदाता हैं. जिनमें 36,970 पुरुष मतदाता और 38,448 महिला मतदाता हैं. यहां पर प्रदेश के दो प्रमुख दलों कांग्रेस और भाजपा के बीच ही मुकाबला देखने को मिलता है. मंडी की जनता जातिगत और समुदाय के समीकरण में बंटी है. चुनाव में उतरे प्रत्याशी को इसी आधार पर वोट डाले जाते हैं.

मंडी सदर विधानसभा क्षेत्र के मुद्दे: मंडी शहर में पार्किंग व बेसहारा पशुओं की समस्या (Mandi Sadar Assembly Constituency Issues) आम है. शहर में जहां पार्किंग की समस्या भी विकराल होती जा रही है, वहीं बेसहारा पशुओं व बंदरों से भी लोग परेशान हैं. शहर में जितनी भी पार्किंग हैं सभी फुल ही रहती है. मंडी शहर के बीचोबीच यू ब्लॉक में पार्किंग व शॉपिंग कॉम्पलेक्स का निर्माण किया जा रहा है. लेकिन स्कूल के साथ बन रहे पार्किंग व शॉपिंग कॉम्पलेक्स का विरोध भी जारी है. वर्किंग फॉर शॉपिंग कॉम्पलेक्स के निर्माण को लेकर सोशल मीडिया पर सदर विधायक पर भी आरोप लगे थे. इसके बाद सदर विधायक अनिल शर्मा (Mandi Sadar BJP MLA Anil Sharma) ने एक वीडियो संदेश जारी किया था. जिसमें उन्होंने कहा था कि पूर्व में मंत्री रहते हुए उन्होंने यू ब्लॉक में पार्किंग की प्रपोजल तैयार की थी. लेकिन शॉपिंग कंपलेक्स का उसमें कोई जिक्र नहीं था.


Last Updated : Nov 9, 2022, 3:58 PM IST
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