करसोग: करसोग में लोगों को जल्द ही पेयजल की किल्लत से राहत मिलने जा रही है. सरकार ने हर घर नल योजना के तहत 51.49 करोड़ की पांच योजनाओं को तकनीकी मंजूरी प्रदान कर दी है. इसके बाद सभी योजनाओं का काम शुरू करने के लिए टेंडर प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा.
आईपीएच विभाग की सभी योजनाओं के चालू होने से 3364 घरों को रोजाना पहले से अधिक पानी मिलेगा. करसोग में पेयजल संकट से निपटने के लिए करीब एक साल पहले ही सरकार की स्वीकृति के लिए सरकार को प्रोजेक्ट भेजा था.
इस प्रोजेक्ट में कुल 41 पेयजल योजनाओं को शामिल किया गया है. जिसके तहत पेयजल योजनाओं को अपग्रेड करने के साथ 20 साल से अधिक पुरानी हो चुकी पाइपों को भी बदला जाएगा. यही नहीं स्थानीय स्तर पर जो पेयजल सोर्स भीषण गर्मी पड़ने से सूख चुके हैं या फिर सूखने के कगार पर हैं. इन्हें बड़ी योजनाओं के साथ जोड़ने की तैयारी की जा रही हैं.
करसोग में कई सालों से भारी गर्मी पड़ रही है और सामान्य से कम बारिश होने के कारण कई छोटी पेयजल योजनाएं सुख गई है. इसी प्रोजेक्ट के तहत ऐसी योजनाओं को भविष्य में शामिल किया जाएगा.
किस योजना को कितने की स्वीकृति:
बहना खडसे बड़ी धार उठाऊ पेयजल योजना को 10.28 करोड़ की तकनीकी मंजूरी मिली है. इससे ग्वाल पुर, तेवन, सराहन, डवररोट, खादरा, बाड़ी धार व सनारली के करीब 755 घरों को लाभ मिलेगा. सरौर खड्ड- चुराग-ततापानी उठाऊ पेयजल योजना पर 25 करोड़ खर्च होंगे.
इस योजना से बगशाड़, मैहरन, कांडी सपनोट, खील, चुराग, बलिंडी व धरमोड़ आदि के तहत 1528 घरों को पानी मिलेगा. वाढु रोहांडा प्रेसी उठाऊ पेयजल योजना को 8.74 करोड़ मंजूर हुए हैं. इससे 591 घरों को पानी दिया जाएगा.
इसके अतिरिक्त कांडा काहनु उठाऊ पेयजल योजना पर 5.04 करोड़ खर्च होंगे. इस योजना से 329 परिवारों को पानी दिया जाएगा. इसी तरह से ग्राम पंचायत माहूंनाग पेयजल योजना 2.01 करोड़ से पूरी होगी. इससे 161 परिवारों को पानी मिलेगा.
सूख गए हैं अधिकतर प्राकृतिक स्त्रोत
मौसम में लगातार हो रहे बदलाव के कारण करसोग के तहत पड़ने वाले गांवों में अधिकतर प्राकृतिक स्त्रोत सूख गए हैं, कुछ स्त्रोत जो बचे हुए हैं वो सूखने की कगार पर है. जिससे करसोग में लोगों को साल भर पेयजल समस्या से जूझना पड़ रहा है. स्थिति यह है कि ग्रामीणों को मुश्किल से सप्ताह में एक बार पानी की सप्लाई मिल रही है.
गर्मियों के सीजन में हालात ओर भी खराब हो जाते है. लोगों को महीने भर में मुश्किल से दो बार ही सप्लाई मिल रही है, जबकि इसके एवज में उपभोक्ताओं से पानी का पूरा बिल वसूला जा रहा है. ऐसे में विभाग पर भी नियमित पेयजल सप्लाई के लिए लगातार दवाब बढ़ता जा रहा है. सरकार की ओर से पिछले साल 10 जुलाई को माहूंनाग में आयोजित जनमंच कार्यक्रम में सरकार को पानी की कमी को लेकर 250 से अधिक शिकायतें ही प्राप्त हुई थी.
सरकार ने दी मंजूरी: हीरालाल
करसोग के विधायक हीरालाल का कहना है कि ऊंचाई वाले क्षेत्रों में प्रति दिन पेयजल किल्लत बढ़ती जा रही है. इससे निजात दिलाने के लिए सरकार ने 52 करोड़ के प्रोजेक्ट को मंजूरी प्रदान की है.