ETV Bharat / state

इंद्र देव को मनाने भगवान शिव के द्वार पहुंचे ग्रामीण, बारिश के लिए किया यज्ञ, खड्डों के संगम स्थान से पानी भरकर किया शिवलिंग का अभिषेक - बारिश के लिए किया यज्ञ

मंडी जिले के तहत करसोग में पड़े सूखे से परेशान ग्रामीण अब बारिश के लिए शिव भगवान के द्वार पहुंचे हैं. विकासखंड चुराग की खील पंचायत के अंतर्गत तीन खड्डों के संगम स्थान पर स्थित अशणी महादेव मंदिर में आज ग्रामीणों ने बारिश की कामना के लिए यज्ञ किया. इसके बाद खड्डों के संगम स्थान से पानी भरकर शिवलिंग का अभिषेक कर बारिश की कामना की.

इंद्र देव को मनाने भगवान शिव के द्वार पहुंचे ग्रामीण
इंद्र देव को मनाने भगवान शिव के द्वार पहुंचे ग्रामीण
author img

By

Published : Mar 14, 2023, 3:35 PM IST

करसोग: हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के तहत करसोग में पड़े सूखे से परेशान ग्रामीण अब बारिश के लिए शिव भगवान के द्वार पहुंचे हैं. यहां विकासखंड चुराग की खील पंचायत के अंतर्गत तीन खड्डों के संगम स्थान पर स्थित अशणी महादेव मंदिर में बारिश की कामना के लिए लोगों ने यज्ञ कर पूर्णाहुति डाली. इस दौरान करीब पांच पंचायतों से आए श्रद्धालुओं ने तीन खड्डों के संगम स्थान पर बने जल स्त्रोत से बाल्टियों में पानी भर कर शिवलिंग का जलाभिषेक कर बारिश की कामना की. बता दें कि करसोग में लंबे समय से बारिश न होने से खेतों में मटर, गेहूं सहित अन्य फसलें सुख कर मुरझा गई हैं. मौसम विभाग के आंकड़ों पर गौर करें तो विंटर सीजन में जिला मंडी में सामान्य से 60.5 फीसदी कम बारिश हुई है.

सदियों से चली आ रही है परंपरा: मान्यता है कि यज्ञ संपन्न होने के बाद ढाई घंटे से लेकर ढाई दिनों के भीतर आसमान में बादल उमड़ आते हैं और बारिश होने लगती है. पूर्णाहुति वाले दिन अशणी शिव मंदिर में कई गांवों से आई महिलाएं भजन कीर्तन करती हैं. भगवान को प्रसन्न करने के लिए मंदिर में रुद्राभिषेक का पाठ किया जाता है. करसोग में सूखा पड़ने पर सदियों से यह परंपरा चली आ रही है, जो विज्ञान के इस युग में किसी रहस्य से कम नहीं है. ग्रामीण मुरारी लाल शर्मा का कहना है कि आसमान में चाहे दूर-दूर तक बादल दिखाई न दें, लेकिन मंदिर में यज्ञ संपन्न हो जाने के ढाई दिनों के भीतर झमाझम बारिश होने लगती है.

विंटर सीजन में 60.5 फीसदी कम हुई बारिश: मंडी की बात करे तो पूरे जिले में सूखे की स्थिति बनी हुई है. यहां सर्दियों के मौसम में बादल सामान्य से काफी कम बरसे हैं. मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के मुताबिक जिले में 1 जनवरी से 28 फरवरी तक के विंटर सीजन में सामान्य से करीब 60.5 फीसदी कम बारिश हुई है. जनवरी महीने के आंकड़े पर गौर करें तो जिले में सामान्य बारिश का आंकड़ा 62.8 मिलीमीटर बारिश का है. इस दौरान जिले में 39.9 मिलीमीटर बारिश हुई है, जोकि सामान्य से 38 फीसदी कम है. इसी तरह से फरवरी में सामान्य बारिश का आंकड़ा 68.8 मिलीमीटर बारिश का है. वहीं, जिला में 11.7 मिलीमीटर बारिश हुई है, जो सामान्य से 83 फीसदी कम है.

मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक सुरेंद्र पॉल का कहना है कि विंटर सीजन में प्रदेश भर में सामान्य से काफी कम बारिश हुई है. उन्होंने कहा कि 1 मार्च से शुरू हुए प्री-मॉनसून सीजन में भी अब तक सामान्य से 85 फीसदी कम बारिश हुई है. उन्होंने उम्मीद जताई की आने वाले दिनों में बारिश होगी, जिससे किसानों और आम जनता को राहत मिलेगी.

ये भी पढ़ें: CM सुक्खू बोले- विपक्ष का विधायकों से जुड़े मसलों पर काम रोको प्रस्ताव लाना और वॉकआउट करना सही नहीं

करसोग: हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के तहत करसोग में पड़े सूखे से परेशान ग्रामीण अब बारिश के लिए शिव भगवान के द्वार पहुंचे हैं. यहां विकासखंड चुराग की खील पंचायत के अंतर्गत तीन खड्डों के संगम स्थान पर स्थित अशणी महादेव मंदिर में बारिश की कामना के लिए लोगों ने यज्ञ कर पूर्णाहुति डाली. इस दौरान करीब पांच पंचायतों से आए श्रद्धालुओं ने तीन खड्डों के संगम स्थान पर बने जल स्त्रोत से बाल्टियों में पानी भर कर शिवलिंग का जलाभिषेक कर बारिश की कामना की. बता दें कि करसोग में लंबे समय से बारिश न होने से खेतों में मटर, गेहूं सहित अन्य फसलें सुख कर मुरझा गई हैं. मौसम विभाग के आंकड़ों पर गौर करें तो विंटर सीजन में जिला मंडी में सामान्य से 60.5 फीसदी कम बारिश हुई है.

सदियों से चली आ रही है परंपरा: मान्यता है कि यज्ञ संपन्न होने के बाद ढाई घंटे से लेकर ढाई दिनों के भीतर आसमान में बादल उमड़ आते हैं और बारिश होने लगती है. पूर्णाहुति वाले दिन अशणी शिव मंदिर में कई गांवों से आई महिलाएं भजन कीर्तन करती हैं. भगवान को प्रसन्न करने के लिए मंदिर में रुद्राभिषेक का पाठ किया जाता है. करसोग में सूखा पड़ने पर सदियों से यह परंपरा चली आ रही है, जो विज्ञान के इस युग में किसी रहस्य से कम नहीं है. ग्रामीण मुरारी लाल शर्मा का कहना है कि आसमान में चाहे दूर-दूर तक बादल दिखाई न दें, लेकिन मंदिर में यज्ञ संपन्न हो जाने के ढाई दिनों के भीतर झमाझम बारिश होने लगती है.

विंटर सीजन में 60.5 फीसदी कम हुई बारिश: मंडी की बात करे तो पूरे जिले में सूखे की स्थिति बनी हुई है. यहां सर्दियों के मौसम में बादल सामान्य से काफी कम बरसे हैं. मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के मुताबिक जिले में 1 जनवरी से 28 फरवरी तक के विंटर सीजन में सामान्य से करीब 60.5 फीसदी कम बारिश हुई है. जनवरी महीने के आंकड़े पर गौर करें तो जिले में सामान्य बारिश का आंकड़ा 62.8 मिलीमीटर बारिश का है. इस दौरान जिले में 39.9 मिलीमीटर बारिश हुई है, जोकि सामान्य से 38 फीसदी कम है. इसी तरह से फरवरी में सामान्य बारिश का आंकड़ा 68.8 मिलीमीटर बारिश का है. वहीं, जिला में 11.7 मिलीमीटर बारिश हुई है, जो सामान्य से 83 फीसदी कम है.

मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक सुरेंद्र पॉल का कहना है कि विंटर सीजन में प्रदेश भर में सामान्य से काफी कम बारिश हुई है. उन्होंने कहा कि 1 मार्च से शुरू हुए प्री-मॉनसून सीजन में भी अब तक सामान्य से 85 फीसदी कम बारिश हुई है. उन्होंने उम्मीद जताई की आने वाले दिनों में बारिश होगी, जिससे किसानों और आम जनता को राहत मिलेगी.

ये भी पढ़ें: CM सुक्खू बोले- विपक्ष का विधायकों से जुड़े मसलों पर काम रोको प्रस्ताव लाना और वॉकआउट करना सही नहीं

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.