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करसोग: रेडियोलॉजिस्ट के तबादले से लोग परेशान, कुल्लू किया ट्रांसफर, अप्रैल तक अल्ट्रासाउंड की 3 हजार वेटिंग

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Published : Jan 25, 2023, 3:31 PM IST

करसोग सिविल अस्पताल में तैनात एक मात्र रेडियोलॉजिस्ट का कुल्लू तबादला कर दिया गया है. जिससे जनता की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं. सिविल अस्पताल करसोग में अल्ट्रासाउंड के लिए पहले ही अप्रैल तक करीब 3 हजार की वेटिंग चल रही है. इसके अतिरिक्त सिविल अस्पताल में रोजाना जांच के लिए आने वाले मरीजों में से 40 से 50 लोगों को अल्ट्रासाउंड की सलाह दी जाती है. ऐसे में अब लोगों को अल्ट्रासाउंड करवाने के लिए मंडी और शिमला के चक्कर काटने पड़ेंगे.

करसोग में रेडियोलॉजिस्ट के तबादला से लोग परेशान
करसोग में रेडियोलॉजिस्ट के तबादला से लोग परेशान

करसोग: प्रदेश की नवनिर्वाचित सुखविंदर सुक्खू सरकार ने करसोग की जनता की मुश्किलें बढ़ा दी है. करसोग सिविल अस्पताल में तैनात एक मात्र रेडियोलॉजिस्ट का कुल्लू तबादला कर दिया गया है. इस बारे में आदेश भी जारी हो गए हैं. हैरानी की बात यह है कि सिविल अस्पताल में तैनात एक मात्र रेडियोलॉजिस्ट सप्ताह में एक दिन सिविल अस्पताल जंजेहली में भी डेपुटेशन पर अपनी सेवाएं दे रहा था.

वहीं, सिविल अस्पताल करसोग में अल्ट्रासाउंड के लिए पहले ही अप्रैल तक करीब 3 हजार की वेटिंग चल रही है. इसके अतिरिक्त सिविल अस्पताल में रोजाना जांच के लिए आने वाले मरीजों में से 40 से 50 लोगों को अल्ट्रासाउंड की सलाह दी जाती है. इस तरह से सरकार के इस तुगलकी फरमान से उपमंडल के दूरदराज के क्षेत्रों में रहने वाली गरीब जनता की मुश्किलें बढ़ गई हैं.

मंडी जिला में 3 ही रेडियोलॉजिस्ट: जिला मंडी में रेडियोलॉजिस्ट की भारी कमी चल रही है. जिला में कुल 18 सिविल अस्पताल हैं, जिसमें 100 या इससे अधिक बिस्तर वाले सिविल अस्पतालों की संख्या 7 है. जिला के तहत करसोग, मंडी व सरकाघाट में ही 3 रेडियोलॉजिस्ट तैनात हैं. इसमें में भी करसोग से रेडियोलॉजिस्ट का तबादला कुल्लू के लिए किया गया है. ऐसे में अब जिले में केवल 2 ही रेडियोलॉजिस्ट बचे हैं. वहीं, मंडी जिले की आबादी 11 लाख के करीब है, जो सिर्फ 2 रेडियोलॉजिस्ट के सहारे है.

मंडी और शिमला जाना पड़ेगा अल्ट्रासाउंड करवाने: करसोग सिविल अस्पताल से रेडियोलॉजिस्ट का तबादला होने से क्षेत्र की गरीब जनता को अल्ट्रासाउंड करवाने के लिए शिमला या फिर मंडी के चक्कर काटने पड़ेंगे. सिविल अस्पताल में मरीजों के फ्री में अल्ट्रासाउंड होते हैं, वहीं अब लोगों में प्राइवेट लैब में 1000 रुपए शुल्क चुका कर अल्ट्रासाउंड करवाना पड़ेगा. करसोग में शिमला की दूरी करीब 100 किलोमीटर हैं, वहीं मंडी करीब 110 किलोमीटर दूर है. ऐसे में लोगों को शिमला या मंडी जाने के लिए टैक्सियों का किराया अलग से चुकाना पड़ेगा. यहीं लोगों का कीमती समय अलग से बर्बाद होगा.

तबादला नहीं रोका गया तो होगा आंदोलन: स्थानीय व्यापारी रजनीश ठाकुर का कहना है कि करसोग सिविल अस्पताल से रेडियोलॉजिस्ट की ट्रांसफर से गरीब जनता की मुश्किलें बढ़ जाएंगी. यहां प्राइवेट में भी अल्ट्रासाउंड की कोई सुविधा नहीं है. उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने आदेश वापस नहीं लिए तो मजबूरन जनता आंदोलन करने को मजबूर होगी. वहीं, सीएमओ मंडी डॉ. देवेंद्र शर्मा ने बताया कि करसोग सिविल अस्पताल से रेडियोलॉजिस्ट का तबादला कुल्लू के लिए हुआ है. इस बारे में आदेश प्राप्त हो गए हैं.

ये भी पढ़ें: JP Nadda Son Wedding: ये है जेपी नड्डा की छोटी बहू, जयपुर में शादी आज, 28 जनवरी को बिलासपुर में धाम की तैयारी

करसोग: प्रदेश की नवनिर्वाचित सुखविंदर सुक्खू सरकार ने करसोग की जनता की मुश्किलें बढ़ा दी है. करसोग सिविल अस्पताल में तैनात एक मात्र रेडियोलॉजिस्ट का कुल्लू तबादला कर दिया गया है. इस बारे में आदेश भी जारी हो गए हैं. हैरानी की बात यह है कि सिविल अस्पताल में तैनात एक मात्र रेडियोलॉजिस्ट सप्ताह में एक दिन सिविल अस्पताल जंजेहली में भी डेपुटेशन पर अपनी सेवाएं दे रहा था.

वहीं, सिविल अस्पताल करसोग में अल्ट्रासाउंड के लिए पहले ही अप्रैल तक करीब 3 हजार की वेटिंग चल रही है. इसके अतिरिक्त सिविल अस्पताल में रोजाना जांच के लिए आने वाले मरीजों में से 40 से 50 लोगों को अल्ट्रासाउंड की सलाह दी जाती है. इस तरह से सरकार के इस तुगलकी फरमान से उपमंडल के दूरदराज के क्षेत्रों में रहने वाली गरीब जनता की मुश्किलें बढ़ गई हैं.

मंडी जिला में 3 ही रेडियोलॉजिस्ट: जिला मंडी में रेडियोलॉजिस्ट की भारी कमी चल रही है. जिला में कुल 18 सिविल अस्पताल हैं, जिसमें 100 या इससे अधिक बिस्तर वाले सिविल अस्पतालों की संख्या 7 है. जिला के तहत करसोग, मंडी व सरकाघाट में ही 3 रेडियोलॉजिस्ट तैनात हैं. इसमें में भी करसोग से रेडियोलॉजिस्ट का तबादला कुल्लू के लिए किया गया है. ऐसे में अब जिले में केवल 2 ही रेडियोलॉजिस्ट बचे हैं. वहीं, मंडी जिले की आबादी 11 लाख के करीब है, जो सिर्फ 2 रेडियोलॉजिस्ट के सहारे है.

मंडी और शिमला जाना पड़ेगा अल्ट्रासाउंड करवाने: करसोग सिविल अस्पताल से रेडियोलॉजिस्ट का तबादला होने से क्षेत्र की गरीब जनता को अल्ट्रासाउंड करवाने के लिए शिमला या फिर मंडी के चक्कर काटने पड़ेंगे. सिविल अस्पताल में मरीजों के फ्री में अल्ट्रासाउंड होते हैं, वहीं अब लोगों में प्राइवेट लैब में 1000 रुपए शुल्क चुका कर अल्ट्रासाउंड करवाना पड़ेगा. करसोग में शिमला की दूरी करीब 100 किलोमीटर हैं, वहीं मंडी करीब 110 किलोमीटर दूर है. ऐसे में लोगों को शिमला या मंडी जाने के लिए टैक्सियों का किराया अलग से चुकाना पड़ेगा. यहीं लोगों का कीमती समय अलग से बर्बाद होगा.

तबादला नहीं रोका गया तो होगा आंदोलन: स्थानीय व्यापारी रजनीश ठाकुर का कहना है कि करसोग सिविल अस्पताल से रेडियोलॉजिस्ट की ट्रांसफर से गरीब जनता की मुश्किलें बढ़ जाएंगी. यहां प्राइवेट में भी अल्ट्रासाउंड की कोई सुविधा नहीं है. उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने आदेश वापस नहीं लिए तो मजबूरन जनता आंदोलन करने को मजबूर होगी. वहीं, सीएमओ मंडी डॉ. देवेंद्र शर्मा ने बताया कि करसोग सिविल अस्पताल से रेडियोलॉजिस्ट का तबादला कुल्लू के लिए हुआ है. इस बारे में आदेश प्राप्त हो गए हैं.

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