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पंचायती राज विभाग का होगा अब अपना इंजीनियरिंग विंग, प्रदेश भर में इंजीनियर्स के प्रमोशन के खुले रास्ते

सरकार ने विभिन्न जिला परिषद में पंचायती राज विभाग के अधीन पद सृजित करने की भी मंजूरी प्रदान कर दी है. पंचायती राज विभाग का अब अपना इंजीनियरिंग विंग होगा.

सरकार ने जारी की अधिसूचना
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Published : Jul 24, 2019, 7:51 AM IST

मंडी: पंचायती राज विभाग को काम करवाने के लिए अब पीडब्ल्यूडी और आईपीएच से डेपुटेशन पर इंजीनियर नहीं लेने होंगे. पंचायती राज विभाग का अब अपना इंजीनियरिंग विंग होगा, इससे अब करसोग ब्लॉक सहित प्रदेश भर के विभिन्न जिला परिषदों में काम कर रहे इंजीनियर्स के पदोन्नति के द्वार खुल गए हैं.

सरकार ने जारी की अधिसूचना
सरकार ने जारी की अधिसूचना

सरकार ने मंगलवार को इसकी अधिसूचना जारी कर दी है. इसके बाद अब तीन डिवीजनों सहित पंचायत स्तर काम देखने के लिए अब अपने इंजीनयर होंगे. सरकार ने विभिन्न जिला परिषद में पंचायती राज विभाग के अधीन पद सृजित करने की भी मंजूरी प्रदान कर दी है. ऐसे में पीडब्ल्यूडी और आईपीएच विभाग से डेपुटेशन पर लाये गए इंजीनियरों को पंचायती राज विभाग से वापस अपने विभागों को भेजा जाएगा.

अभी तक पंचायतीराज विभाग का अपना इंजीनियर विंग न होने के कारण विभाग को तकनीकी काम करवाने के लिए अधिशाषी अभियंता से लेकर कनिष्ठ अभियंता स्तर के इंजीनियर पीडब्ल्यूडी और आईपीएच विभाग से डेपुटेशन पर लाने पड़ते थे. इन अधिकारियों पर केवल इन्हीं विभागों का कंट्रोल रहता था. ऐसे में इन इंजीनियरों पर पंचायतीराज विभाग कोई कार्रवाई भी नहीं कर सकता था.

सरकार ने जारी की अधिसूचना
सरकार ने जारी की अधिसूचना

दूसरे इन दोनों विभागों से सिर्फ एडजेस्टमेंट करवाने के चक्कर में ही इंजीनयर आते थे. जिस कारण पंचायतीराज विभाग में इंजीनियरों की अधिकतर पद खाली चल रहे हैं. दूसरे पंचायतीराज विभाग के वर्क कल्चर में एडजेस्ट होने में इंजीनियरों को काफी दिक्कतें आती थी. ऐसे में पंचायतीराज विभाग का अपना इंजीनयर विंग होने से इस तरह की समस्या भी दूर होगी.

सरकार ने जारी की अधिसूचना
सरकार ने जारी की अधिसूचना

अब पंचायती राज विभाग का अपना इंजीनियर विंग होने के कारण विभाग अपने स्तर पर इंजीनियरों के पद भरेगा जिससे इन इंजीनियरों पर विभाग का ही पूरा कंट्रोल रहेगा. राज्य स्तर पर ओवरऑल सुपरविजन सचिव पंचायतीराज का रहेगा. इसी तरह से जिला स्तर पर इन इंजीनियरों पर प्रशासनिक नियंत्रण सीईओ जिला परिषद का रहेगा. ब्लॉक स्तर पर प्रशासनिक कंट्रोल सीईओ पंचायत समिति का होगा. सरकार ने पंचायतीराज विभाग में इंजिनीयरों के पद सृजित करने की भी अधिसूचना जारी कर दी है.

टेक्निकल कंट्रोल के लिए अलग व्यवस्था
पंचायतीराज विभाग के तहत इंजिनीयरों पर अलग से कंट्रोल की व्यवस्था की गई है. पंचायतों में काम कर रहे तकनीकी सहायक अब कनिष्ठ अभियंता के सुपरविजन में काम करेंगे. इसी तरह से कनिष्ठ अभियंताओं पर सहायक अभियंता का कंट्रोल रहेगा. सहायक अभियंता अधिशाषी अभियंता के नियंत्रण में होंगे. यही नहीं सरकार के इस निर्णय का बाद अब जिला परिषद के तहत काम कर रहे इंजिनीयरों के प्रमोशन का चेनल भी खुलेगा.

सरकार ने जारी की अधिसूचना
सरकार ने जारी की अधिसूचना

पंचायतीराज विभाग के तहत ये पद किए सृजित
अधिशाषी अभियंता- 3
सहायक अभियंता- 32
डिजाइन इंजीनयर- 17
ड्राफ्समेन- 35
तकनीकी सहायक- 1081

ये भी पढे़ं - रहस्य: प्रलय के बाद जिस ऋषि ने किया सृष्टि का निर्माण उसके नाम पर बसा है पर्यटन नगर मनाली

मंडी: पंचायती राज विभाग को काम करवाने के लिए अब पीडब्ल्यूडी और आईपीएच से डेपुटेशन पर इंजीनियर नहीं लेने होंगे. पंचायती राज विभाग का अब अपना इंजीनियरिंग विंग होगा, इससे अब करसोग ब्लॉक सहित प्रदेश भर के विभिन्न जिला परिषदों में काम कर रहे इंजीनियर्स के पदोन्नति के द्वार खुल गए हैं.

सरकार ने जारी की अधिसूचना
सरकार ने जारी की अधिसूचना

सरकार ने मंगलवार को इसकी अधिसूचना जारी कर दी है. इसके बाद अब तीन डिवीजनों सहित पंचायत स्तर काम देखने के लिए अब अपने इंजीनयर होंगे. सरकार ने विभिन्न जिला परिषद में पंचायती राज विभाग के अधीन पद सृजित करने की भी मंजूरी प्रदान कर दी है. ऐसे में पीडब्ल्यूडी और आईपीएच विभाग से डेपुटेशन पर लाये गए इंजीनियरों को पंचायती राज विभाग से वापस अपने विभागों को भेजा जाएगा.

अभी तक पंचायतीराज विभाग का अपना इंजीनियर विंग न होने के कारण विभाग को तकनीकी काम करवाने के लिए अधिशाषी अभियंता से लेकर कनिष्ठ अभियंता स्तर के इंजीनियर पीडब्ल्यूडी और आईपीएच विभाग से डेपुटेशन पर लाने पड़ते थे. इन अधिकारियों पर केवल इन्हीं विभागों का कंट्रोल रहता था. ऐसे में इन इंजीनियरों पर पंचायतीराज विभाग कोई कार्रवाई भी नहीं कर सकता था.

सरकार ने जारी की अधिसूचना
सरकार ने जारी की अधिसूचना

दूसरे इन दोनों विभागों से सिर्फ एडजेस्टमेंट करवाने के चक्कर में ही इंजीनयर आते थे. जिस कारण पंचायतीराज विभाग में इंजीनियरों की अधिकतर पद खाली चल रहे हैं. दूसरे पंचायतीराज विभाग के वर्क कल्चर में एडजेस्ट होने में इंजीनियरों को काफी दिक्कतें आती थी. ऐसे में पंचायतीराज विभाग का अपना इंजीनयर विंग होने से इस तरह की समस्या भी दूर होगी.

सरकार ने जारी की अधिसूचना
सरकार ने जारी की अधिसूचना

अब पंचायती राज विभाग का अपना इंजीनियर विंग होने के कारण विभाग अपने स्तर पर इंजीनियरों के पद भरेगा जिससे इन इंजीनियरों पर विभाग का ही पूरा कंट्रोल रहेगा. राज्य स्तर पर ओवरऑल सुपरविजन सचिव पंचायतीराज का रहेगा. इसी तरह से जिला स्तर पर इन इंजीनियरों पर प्रशासनिक नियंत्रण सीईओ जिला परिषद का रहेगा. ब्लॉक स्तर पर प्रशासनिक कंट्रोल सीईओ पंचायत समिति का होगा. सरकार ने पंचायतीराज विभाग में इंजिनीयरों के पद सृजित करने की भी अधिसूचना जारी कर दी है.

टेक्निकल कंट्रोल के लिए अलग व्यवस्था
पंचायतीराज विभाग के तहत इंजिनीयरों पर अलग से कंट्रोल की व्यवस्था की गई है. पंचायतों में काम कर रहे तकनीकी सहायक अब कनिष्ठ अभियंता के सुपरविजन में काम करेंगे. इसी तरह से कनिष्ठ अभियंताओं पर सहायक अभियंता का कंट्रोल रहेगा. सहायक अभियंता अधिशाषी अभियंता के नियंत्रण में होंगे. यही नहीं सरकार के इस निर्णय का बाद अब जिला परिषद के तहत काम कर रहे इंजिनीयरों के प्रमोशन का चेनल भी खुलेगा.

सरकार ने जारी की अधिसूचना
सरकार ने जारी की अधिसूचना

पंचायतीराज विभाग के तहत ये पद किए सृजित
अधिशाषी अभियंता- 3
सहायक अभियंता- 32
डिजाइन इंजीनयर- 17
ड्राफ्समेन- 35
तकनीकी सहायक- 1081

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Intro:पंचायतीराज विभाग का होगा अपना इंजीनियरिंग विंग, करसोग ब्लॉक में भी खुले इंजिनीयरों की पदोन्नति के द्वार, सरकार ने जारी की अधिसूचना।

करसोग
पंचतीराज विभाग को काम करवाने के लिए अब पीडब्ल्यूडी और आईपीएच से डेपुटेशन पर इंजीनियर नहीं लेने होंगे। पंचतीराज विभाग का अब अपना इंजीनियरिंग विंग होगा, इससे अब करसोग ब्लॉक सहित प्रदेश भर के विभिन्न जिला परिषदों में काम कर रहे इंजिनीयरों के पदोन्नति के द्वार खुल गए है। सरकार ने मंगलेआर को इसकी अधिसूचना जारी कर दी है। इसके बाद अब तीन डिवीजनों सहित पंचायत स्तर काम देखने के लिए अब अपने इंजीनयर होंगे। इसके लिए सरकार ने विभिन्न जिला परिषद में पंचायतीराज विभाग के अधीन पद सृजित करने की भी मंजूरी प्रदान कर दी है। ऐसे में पीडब्ल्यूडी और आईपीएच विभाग से डेपुटेशन पर लाये गए इंजीनियरों को पंचायतीराज विभाग से वापिस अपने विभागों को भेजा जाएगा।

ये है अभी:
अभी तक पंचायतीराज विभाग का अपना इंजीनियर विंग न होने के कारण विभाग को तकनीकी काम करवाने के लिए अधिशाषी अभियंता से लेकर कनिष्ठ अभियंता स्तर के इंजीनियर पीडब्ल्यूडी और आईपीएच विभाग से डेपुटेशन पर लाने पड़ते थे। इन अधिकारियों पर केवल इन्ही बिभागों का कंट्रोल रहता था। ऐसे में इन इंजीनियरों पर पंचायतीराज विभाग कोई कार्रवाई भी नहीं कर सकता था। दूसरे इन दोनों विभागों से सिर्फ एडजेस्टमेंट करवाने के चक्कर मे ही इंजीनयर आते थे। जिस कारण पंचायतीराज विभाग में इंजीनियरों की अधिकतर पद खाली चल रहे है। दूसरे पंचायतीराज विभाग के वर्क कल्चर में एडजेस्ट होने में इंजीनियरों को काफी दिक्कतें आती थी। ऐसे में पंचायतीराज विभाग का अपना इंजीनयर विंग होने से इस तरह की समस्या भी दूर होगी।

अब ये रहेगा:
अब पंचायतीराज विभाग का अपना इंजीनियर विंग होने के कारण विभाग अपने स्तर पर इंजीनियरों के पद भरेगा। जिससे इन इंजीनियरों पर विभाग का ही पूरा कंट्रोल रहेगा। राज्य स्तर पर ओवरआल सुपरविजन सचिव पंचायतीराज का रहेगा। इसी तरह से जिला स्तर पर इन इन इंजीनियरों पर प्रशासनिक नियंत्रण सीईओ जिला परिषद का रहेगा। ब्लॉक स्तर पर प्रशासनिक कंट्रोल सीईओ पंचायत समिति का होगा। सरकार ने पंचायतीराज विभाग में इंजिनीयरों के पद सृजित करने की भी अधिसूचना जारी कर दी है।

टेक्निकल कंट्रोल के लिए अलग व्यवस्था:
पंचायतीराज विभाग के तहत इंजिनीयरों पर अलग से कंट्रोल की व्यवस्था की गई है। पंचायतों में काम कर रहे तकनीकी सहायक अब कनिष्ठ अभियंता के सुपरविजन में काम करेंगे। इसी तरह से कनिष्ठ अभियंताओं पर सहायक अभियंता का कंट्रोल रहेगा। सहायक अभियंता अधिशाषी अभियंता के नियंत्रण में होंगे। यही नहीं सरकार के इस निर्णय का बाद अब जिला परिषद के तहत काम कर रहे इंजिनीयरों के प्रमोशन का चेनल भी खुलेगा।

पंचायतीराज विभाग के तहत ये पद किए सृजित:
अधिशाषी अभियंता- 3
सहायक अभियंता- 32
डिजाइन इंजीनयर- 17
ड्राफ्समेन- 35
तकनीकी सहायक- 1081
Body:पंचायतीराज विभाग का होगा अपना इंजीनियरिंग विंग, करसोग ब्लॉक में भी खुले इंजिनीयरों की पदोन्नति के द्वार, सरकार ने जारी की अधिसूचना।

करसोग
पंचतीराज विभाग को काम करवाने के लिए अब पीडब्ल्यूडी और आईपीएच से डेपुटेशन पर इंजीनियर नहीं लेने होंगे। पंचतीराज विभाग का अब अपना इंजीनियरिंग विंग होगा, इससे अब करसोग ब्लॉक सहित प्रदेश भर के विभिन्न जिला परिषदों में काम कर रहे इंजिनीयरों के पदोन्नति के द्वार खुल गए है। सरकार ने मंगलेआर को इसकी अधिसूचना जारी कर दी है। इसके बाद अब तीन डिवीजनों सहित पंचायत स्तर काम देखने के लिए अब अपने इंजीनयर होंगे। इसके लिए सरकार ने विभिन्न जिला परिषद में पंचायतीराज विभाग के अधीन पद सृजित करने की भी मंजूरी प्रदान कर दी है। ऐसे में पीडब्ल्यूडी और आईपीएच विभाग से डेपुटेशन पर लाये गए इंजीनियरों को पंचायतीराज विभाग से वापिस अपने विभागों को भेजा जाएगा।

ये है अभी:
अभी तक पंचायतीराज विभाग का अपना इंजीनियर विंग न होने के कारण विभाग को तकनीकी काम करवाने के लिए अधिशाषी अभियंता से लेकर कनिष्ठ अभियंता स्तर के इंजीनियर पीडब्ल्यूडी और आईपीएच विभाग से डेपुटेशन पर लाने पड़ते थे। इन अधिकारियों पर केवल इन्ही बिभागों का कंट्रोल रहता था। ऐसे में इन इंजीनियरों पर पंचायतीराज विभाग कोई कार्रवाई भी नहीं कर सकता था। दूसरे इन दोनों विभागों से सिर्फ एडजेस्टमेंट करवाने के चक्कर मे ही इंजीनयर आते थे। जिस कारण पंचायतीराज विभाग में इंजीनियरों की अधिकतर पद खाली चल रहे है। दूसरे पंचायतीराज विभाग के वर्क कल्चर में एडजेस्ट होने में इंजीनियरों को काफी दिक्कतें आती थी। ऐसे में पंचायतीराज विभाग का अपना इंजीनयर विंग होने से इस तरह की समस्या भी दूर होगी।

अब ये रहेगा:
अब पंचायतीराज विभाग का अपना इंजीनियर विंग होने के कारण विभाग अपने स्तर पर इंजीनियरों के पद भरेगा। जिससे इन इंजीनियरों पर विभाग का ही पूरा कंट्रोल रहेगा। राज्य स्तर पर ओवरआल सुपरविजन सचिव पंचायतीराज का रहेगा। इसी तरह से जिला स्तर पर इन इन इंजीनियरों पर प्रशासनिक नियंत्रण सीईओ जिला परिषद का रहेगा। ब्लॉक स्तर पर प्रशासनिक कंट्रोल सीईओ पंचायत समिति का होगा। सरकार ने पंचायतीराज विभाग में इंजिनीयरों के पद सृजित करने की भी अधिसूचना जारी कर दी है।

टेक्निकल कंट्रोल के लिए अलग व्यवस्था:
पंचायतीराज विभाग के तहत इंजिनीयरों पर अलग से कंट्रोल की व्यवस्था की गई है। पंचायतों में काम कर रहे तकनीकी सहायक अब कनिष्ठ अभियंता के सुपरविजन में काम करेंगे। इसी तरह से कनिष्ठ अभियंताओं पर सहायक अभियंता का कंट्रोल रहेगा। सहायक अभियंता अधिशाषी अभियंता के नियंत्रण में होंगे। यही नहीं सरकार के इस निर्णय का बाद अब जिला परिषद के तहत काम कर रहे इंजिनीयरों के प्रमोशन का चेनल भी खुलेगा।

पंचायतीराज विभाग के तहत ये पद किए सृजित:
अधिशाषी अभियंता- 3
सहायक अभियंता- 32
डिजाइन इंजीनयर- 17
ड्राफ्समेन- 35
तकनीकी सहायक- 1081
Conclusion:पंचायतीराज विभाग का होगा अपना इंजीनियरिंग विंग, करसोग ब्लॉक में भी खुले इंजिनीयरों की पदोन्नति के द्वार, सरकार ने जारी की अधिसूचना।

करसोग
पंचतीराज विभाग को काम करवाने के लिए अब पीडब्ल्यूडी और आईपीएच से डेपुटेशन पर इंजीनियर नहीं लेने होंगे। पंचतीराज विभाग का अब अपना इंजीनियरिंग विंग होगा, इससे अब करसोग ब्लॉक सहित प्रदेश भर के विभिन्न जिला परिषदों में काम कर रहे इंजिनीयरों के पदोन्नति के द्वार खुल गए है। सरकार ने मंगलेआर को इसकी अधिसूचना जारी कर दी है। इसके बाद अब तीन डिवीजनों सहित पंचायत स्तर काम देखने के लिए अब अपने इंजीनयर होंगे। इसके लिए सरकार ने विभिन्न जिला परिषद में पंचायतीराज विभाग के अधीन पद सृजित करने की भी मंजूरी प्रदान कर दी है। ऐसे में पीडब्ल्यूडी और आईपीएच विभाग से डेपुटेशन पर लाये गए इंजीनियरों को पंचायतीराज विभाग से वापिस अपने विभागों को भेजा जाएगा।

ये है अभी:
अभी तक पंचायतीराज विभाग का अपना इंजीनियर विंग न होने के कारण विभाग को तकनीकी काम करवाने के लिए अधिशाषी अभियंता से लेकर कनिष्ठ अभियंता स्तर के इंजीनियर पीडब्ल्यूडी और आईपीएच विभाग से डेपुटेशन पर लाने पड़ते थे। इन अधिकारियों पर केवल इन्ही बिभागों का कंट्रोल रहता था। ऐसे में इन इंजीनियरों पर पंचायतीराज विभाग कोई कार्रवाई भी नहीं कर सकता था। दूसरे इन दोनों विभागों से सिर्फ एडजेस्टमेंट करवाने के चक्कर मे ही इंजीनयर आते थे। जिस कारण पंचायतीराज विभाग में इंजीनियरों की अधिकतर पद खाली चल रहे है। दूसरे पंचायतीराज विभाग के वर्क कल्चर में एडजेस्ट होने में इंजीनियरों को काफी दिक्कतें आती थी। ऐसे में पंचायतीराज विभाग का अपना इंजीनयर विंग होने से इस तरह की समस्या भी दूर होगी।

अब ये रहेगा:
अब पंचायतीराज विभाग का अपना इंजीनियर विंग होने के कारण विभाग अपने स्तर पर इंजीनियरों के पद भरेगा। जिससे इन इंजीनियरों पर विभाग का ही पूरा कंट्रोल रहेगा। राज्य स्तर पर ओवरआल सुपरविजन सचिव पंचायतीराज का रहेगा। इसी तरह से जिला स्तर पर इन इन इंजीनियरों पर प्रशासनिक नियंत्रण सीईओ जिला परिषद का रहेगा। ब्लॉक स्तर पर प्रशासनिक कंट्रोल सीईओ पंचायत समिति का होगा। सरकार ने पंचायतीराज विभाग में इंजिनीयरों के पद सृजित करने की भी अधिसूचना जारी कर दी है।

टेक्निकल कंट्रोल के लिए अलग व्यवस्था:
पंचायतीराज विभाग के तहत इंजिनीयरों पर अलग से कंट्रोल की व्यवस्था की गई है। पंचायतों में काम कर रहे तकनीकी सहायक अब कनिष्ठ अभियंता के सुपरविजन में काम करेंगे। इसी तरह से कनिष्ठ अभियंताओं पर सहायक अभियंता का कंट्रोल रहेगा। सहायक अभियंता अधिशाषी अभियंता के नियंत्रण में होंगे। यही नहीं सरकार के इस निर्णय का बाद अब जिला परिषद के तहत काम कर रहे इंजिनीयरों के प्रमोशन का चेनल भी खुलेगा।

पंचायतीराज विभाग के तहत ये पद किए सृजित:
अधिशाषी अभियंता- 3
सहायक अभियंता- 32
डिजाइन इंजीनयर- 17
ड्राफ्समेन- 35
तकनीकी सहायक- 1081
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