ETV Bharat / state

जाहू में बने अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, एकजुट हुआ सरकाघाट

मंगलवार को सरकाघाट के सभी पंचायत प्रतिनिधियों ने जिला परिषद सदस्य मनीष शर्मा की अगुवाई में एसडीएम के माध्यम से केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री और मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा. ज्ञापन में कहा गया कि नेरचौक में प्रस्तावित अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का यहां के किसानों के द्वारा विरोध की परिस्थिति में यह हवाई अड्डा जाहू क्षेत्र में बनाया जाए.

Sarkaghat latest news, सरकाघाट लेटेस्ट न्यूज
फोटो.
author img

By

Published : Mar 2, 2021, 5:55 PM IST

सरकाघाट: जाहू में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के निर्माण के लिए पूरा सरकाघाट एकजुट हो गया है. मंगलवार को सरकाघाट के सभी पंचायत प्रतिनिधियों ने जिला परिषद सदस्य मनीष शर्मा की अगुवाई में एसडीएम के माध्यम से केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री और मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा.

ज्ञापन में कहा गया कि नेरचौक में प्रस्तावित हवाई अड्डे का यहां के किसानों के द्वारा विरोध की परिस्थिति में यह हवाई अड्डा जाहू क्षेत्र में बनाया जाए. इस प्रतिनिधिमंडल में हमीरपुर जिला की पंचायतों के प्रतिनिधियों ने भी अपना समर्थन दिया और प्रतिनिधिमंडल में शामिल हुए. इसके साथ सरकाघाट क्षेत्र की भूतपूर्व सैनिक लीग के पदाधिकारियों ने भी प्रतिनिधिमंडल में शामिल होकर इस मांग का समर्थन किया.

वीडियो रिपोर्ट.

'जाहू क्षेत्र हिमाचल प्रदेश के मध्य में स्थित है'

प्रतिनिधिमंडल ने इस मांग को उठाया कि जाहू क्षेत्र हिमाचल प्रदेश के मध्य में स्थित है व बड़ी हवाई पट्टी के निर्माण के लिए भौगोलिक, सामरिक व जलवायु के दृष्टिकोण से बिल्कुल उपयुक्त जगह है. इस क्षेत्र में बड़ी हवाई पट्टी का निर्माण किया जा सकता है जो कि नेरचौक में संभव नहीं हो सकता.

यदि जाहू क्षेत्र में हवाई अड्डे का निर्माण किया जाता है तो न ही लोगों का विस्थापन होगा व न ही किसानों की नेरचौक की तरह आर्थिक रूप से बहुमूल्य बहु- फसलीय भूमि का अधिग्रहण होगा और नेरचौक में इसके निर्माण की तुलना में इसे जाहू क्षेत्र में अपेक्षाकृत कम आर्थिक बजट से इसका निर्माण संभव है. प्रतिनिधिमंडल में 50 पंचायतों पंचायतों के प्रधान, उप प्रधान, नबाही व बलद्वाडा वार्ड के जिला परिषद सदस्य व पंचायत समिति सदस्य मौजूद रहे.

जाहू ही उपयुक्त स्थान

बता दें कि नेरचौक घाटी में किसान अपनी बहु-फसलीय जमीन को छोड़ने के लिए तैयार नहीं है, क्योंकि व प्रति बीघा सालाना 3 से 4 लाख की आमदन कमाते हैं, जबकि उन्हें बड़े कम दाम में अपनी जमीन छोड़नी पड़ रही है, जिसके लिए वे कतई तैयार नहीं हैं.

नेरचौक में यह हवाई अड्डा बनाना संभव नहीं है, क्योंकि उसके लिए सुंदरनगर की बंदली पहाड़ियों को 500 मीटर तक काटना पड़ेगा, जोकि संभव नहीं है. जाहू क्षेत्र में आसानी से बड़े विमान को उतरने के लिए 3150 मीटर का रनवे बनाया जा सकता है और इस हवाई अड्डे का निर्माण काफी आसानी से किया जा सकता है.

ये भी पढ़ें- गुड़िया रेप हत्याकांड: 6 हफ्ते बाद होगी अगली सुनवाई

सरकाघाट: जाहू में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के निर्माण के लिए पूरा सरकाघाट एकजुट हो गया है. मंगलवार को सरकाघाट के सभी पंचायत प्रतिनिधियों ने जिला परिषद सदस्य मनीष शर्मा की अगुवाई में एसडीएम के माध्यम से केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री और मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा.

ज्ञापन में कहा गया कि नेरचौक में प्रस्तावित हवाई अड्डे का यहां के किसानों के द्वारा विरोध की परिस्थिति में यह हवाई अड्डा जाहू क्षेत्र में बनाया जाए. इस प्रतिनिधिमंडल में हमीरपुर जिला की पंचायतों के प्रतिनिधियों ने भी अपना समर्थन दिया और प्रतिनिधिमंडल में शामिल हुए. इसके साथ सरकाघाट क्षेत्र की भूतपूर्व सैनिक लीग के पदाधिकारियों ने भी प्रतिनिधिमंडल में शामिल होकर इस मांग का समर्थन किया.

वीडियो रिपोर्ट.

'जाहू क्षेत्र हिमाचल प्रदेश के मध्य में स्थित है'

प्रतिनिधिमंडल ने इस मांग को उठाया कि जाहू क्षेत्र हिमाचल प्रदेश के मध्य में स्थित है व बड़ी हवाई पट्टी के निर्माण के लिए भौगोलिक, सामरिक व जलवायु के दृष्टिकोण से बिल्कुल उपयुक्त जगह है. इस क्षेत्र में बड़ी हवाई पट्टी का निर्माण किया जा सकता है जो कि नेरचौक में संभव नहीं हो सकता.

यदि जाहू क्षेत्र में हवाई अड्डे का निर्माण किया जाता है तो न ही लोगों का विस्थापन होगा व न ही किसानों की नेरचौक की तरह आर्थिक रूप से बहुमूल्य बहु- फसलीय भूमि का अधिग्रहण होगा और नेरचौक में इसके निर्माण की तुलना में इसे जाहू क्षेत्र में अपेक्षाकृत कम आर्थिक बजट से इसका निर्माण संभव है. प्रतिनिधिमंडल में 50 पंचायतों पंचायतों के प्रधान, उप प्रधान, नबाही व बलद्वाडा वार्ड के जिला परिषद सदस्य व पंचायत समिति सदस्य मौजूद रहे.

जाहू ही उपयुक्त स्थान

बता दें कि नेरचौक घाटी में किसान अपनी बहु-फसलीय जमीन को छोड़ने के लिए तैयार नहीं है, क्योंकि व प्रति बीघा सालाना 3 से 4 लाख की आमदन कमाते हैं, जबकि उन्हें बड़े कम दाम में अपनी जमीन छोड़नी पड़ रही है, जिसके लिए वे कतई तैयार नहीं हैं.

नेरचौक में यह हवाई अड्डा बनाना संभव नहीं है, क्योंकि उसके लिए सुंदरनगर की बंदली पहाड़ियों को 500 मीटर तक काटना पड़ेगा, जोकि संभव नहीं है. जाहू क्षेत्र में आसानी से बड़े विमान को उतरने के लिए 3150 मीटर का रनवे बनाया जा सकता है और इस हवाई अड्डे का निर्माण काफी आसानी से किया जा सकता है.

ये भी पढ़ें- गुड़िया रेप हत्याकांड: 6 हफ्ते बाद होगी अगली सुनवाई

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.