धर्मपुर/मंडी: मनरेगा मजदूर यूनियन धर्मपुर के अध्यक्ष कश्मीर सिंह, उपाध्यक्षा कीर्णवाला, निर्मला रीतू देवी महासचिव मोहनलाल सचिव दीपक प्रेमी व रिंकू और कोषाध्यक्ष करतार सिंह चौहान ने मीडिया में बयान जारी करते हुए कहा कि धर्मपुर विकास खंड के सैकड़ों मनरेगा मजदूरों की राज्य श्रमिक कल्याण बोर्ड से स्वीकृत सोलर लैंपों की बैटरियां रखे-रखे डेड हो गयी है, लेकिन 3 सालों से उनका वितरण नहीं किया जा रहा है. यूनियन के पदाधिकारिओं ने बताया कि धर्मपुर विकास खंड की 35 पंचायतों में 5 हजार से ज्यादा मजदूरों का यूनियन ने बोर्ड से पंजीकरण करवाया है, जिन्हें बोर्ड से कई फायदे मिले हैं. उन्होंने बताया कि अभी तक 10 करोड़ से अधिक मजदूरों को सहायता प्रदान की गई है, लेकिन बोर्ड की ओर से सामग्री के रूप में चींजे स्वीकृत की गई हैं उनका वितरण समय पर नहीं हो रहा है.
बोर्ड से जिन 729 मनरेगा मजदूरों को सोलर लैंप स्वीकृत किए हैं, उनका बैटरी बैकअप खत्म व डेड हो रहा हैं. साथ ही उनकी चार्जिंग निर्माण महीने से छह महीने में हो जानी चाहिए, जिससे वे लंबे समय तक रोशनी देती हैं. धर्मपुर विकास खंड के 729 मजदूरों को सोलर लैंप 2017 से स्वीकृत हुए हैं, जिन्हें धर्मपुर बीडीओ कार्यालय में बोर्ड की ओर से वितरण के लिए पहुंचाया गया है, लेकिन इन्हें जान-बूझकर बांटा नहीं जा रहा है.
मनरेगा व निर्माण मजदूर फेडरेशन के राज्य महासचिव व जिला पार्षद भूपेंद्र सिंह ने स्थानीय विधायक व जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह पर मजदूरों के सोलर लैंप वितरित न होने देने का आरोप लगाया है. बोर्ड के नियम के अनुसार स्वीकृत सामग्री का वितरण 3 महीने में बोर्ड के कर्मचारियों के माध्यम से होना चाहिए, लेकिन धर्मपुर विधायक इस सामग्री को स्वयं या अपने बेटा-बेटी के माध्यम से देना चाहते हैं. भूपेंद्र सिंह ने ये भी आरोप लगाया है मंत्री अगली पंचायत चुनावों से पहले इनका वितरण अपने बेटे व बेटी से करवाना चाहते हैं ताकि चुनावों में इसका झूठा श्रेय ले सकें, लेकिन यूनियन ऐसा होने नहीं देगी.
उग्र अंदोलन की चेतावनी
पिछले वर्ष यूनियन ने इस वितरण के लिए जुलाई से दिसंबर तक 3 बार प्रदर्शन भी किए और बोर्ड को ज्ञापन भी भेजे, लेकिन अभी तक भी वितरण नहीं किया गया है. ऐसा वर्ताव मंत्री की मनमर्जी, तानाशाही और मजदूरों को जान-बूझकर परेशान करने की मानसिकता को दर्शाता है. उन्होंने बताया कि यूनियन ने इस बारे हाई कोर्ट में भी याचिका दायर की है, जिसकी लॉकडाउन के चलते 3 महीने से सुनवाई लंबित है. भूपेंद्र सिंह ने बताया कि यूनियन अगली 3 जुलाई को इसके लिए पंचायत व वार्ड स्तर पर विरोध दिवस मनाएगी. उसके बाद जुलाई माह में जंसमर्क यात्रा आयोजित की जाएगी और उसका समापन भारत छोड़ो दिवस के दिन 9 अगस्त को उग्र आंदोलन के रूप में होगा.