मंडी: श्री लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कॉलेज नेरचौक में हाईटेक वायरस रिसर्च एंड डायग्नोस्टिक लैब (वीआरडीएल) जल्द ही शुरू होने वाली है. इस हाईटेक लैब को बनाने का काम लगातार युद्ध स्तर पर चला हुआ है और जल्द ही काम को पूरा कर इसे शुरू कर दिया जाएगा..
इस लैब के निर्माण के लिए केंद्र सरकार ने कॉलेज प्रबंधन को 1.82 करोड़ रुपए जारी किए हैं. इस राशि से लैब, स्टाफ और मशीनरी को तैयार किया जा रहा है. लैब का निर्माण और स्टाफ की नियुक्ति को लेकर काम प्रगति पर है. इसके अलावा लैब में प्रयोग होने वाली 80 प्रतिशत मशीनरी आ चुकी है. वहीं इस नई आधुनिक लैब के लिए आई हुई मशीनरी का पहले से स्थापित पीसीआर लैब में उपयोग किया जा रहा है.
वीआरडीएल लैब से क्या होगा फायदा
केंद्र सरकार ने इसी बीआरडीएल लैब में 25 वायरस का पता लगाकर उनका इलाज मेडिकल कॉलेज नेरचौक में ही करने में सहायता प्रदान करने का लक्ष्य दिया है. श्री लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कॉलेज नेरचौक में इस लैब के चालू होने से एक बहुत बड़ी सुविधा लोगों को मिलने जा रही है. इसके माध्यम से 25 वायरस का शोध करने के बाद उनका इलाज यहां पर ही संभव हो जाएगा.
श्री लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कॉलेज नेरचौक के माइक्रोबायोलॉजी हेड एवं प्रोफेसर डॉ. दिग्विजय सिंह ने कहा कि वर्तमान में कोविड-19 और स्वाइन फ्लू वायरस को लेकर वायरस संरचना और उसके इलाज में कारगर कदम उठाने को लेकर काम किया जा रहा है, लेकिन इस हाईटेक लैब के स्थापित होने के बाद अब मेडिकल कॉलेज में ही 25 तरह के वायरस का इलाज संभव हो पाएगा.
लोगों को होगा फायदा
डॉ. दिग्विजय सिंह ने कहा कि इस प्रकार की राज्यस्तरीय लैब आईजीएमसी शिमला और टांडा मेडिकल कॉलेज कांगड़ा में मौजूद है. इसके अलावा श्री लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कॉलेज में वीआरडीएल हाईटेक लैब खुलने से मंडी सहित आसपास के कई जिलों को एक बड़ी सुविधा मिलने जा रही है.
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