मंडी: जिले की बल्ह तहसील के डडौह गांव में रहने वाले नौजवान मनसब अली की उनके गांव में खूब चर्चा हो रही है. मनसब अली ने टमाटर की खेती से सफलता की नई कहानी रचकर घर की आर्थिक स्थिति बदलकर अपनी एक नई सामाजिक पहचान बनाई है.
करीब 15 साल पहले जब मनसब अली के सिर से पिता का साया उठा तब घर में परसे गम की ओट में दबे पांव गरीबी भी दाखिल होने लगी थी. अब उन पर अपनी मां, पत्नी और दो बच्चों का जिम्मा था. उन्होंने खेतीबाड़ी को रोजगार का साधन बनाने का फैसला लिया और टमाटर की खेती शुरू की. हालांकि, महज 5 बीघा जमीन पर खेतीबाड़ी उनकी आंखों में पल रहे सपनों को पूरा करने के लिए काफी नहीं थी.
अली ने अपने खेत के साथ लगती 35 बीघा जमीन पड़ोसियों से किराये पर ले ली और फिर जी-तोड़ मेहनत करते हुए खुद को पूरी तरह खेती के काम में झोंक दिया. देखते ही देखते दिन बदलने लगे. आज वे टमाटर के एक सीजन में 35 से 40 लाख तक का कारोबार कर रहे हैं. अपने यहां इस कारोबार उन्होंने 25-30 युवाओं को भी रोजगार दे रखा है.
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क्या कहते हैं मनसब अली
मनसब अली बताते हैं कि इस बार सीजन की शुरुआत से ही वे हर रोज टमाटर के 120 से ज्यादा क्रेट निकाल रहे हैं. उनका कहना है कि सब ठीक-ठाक रहा तो इस बार टमाटर के दस हजार से ज्यादा क्रेट निकलने का अनुमान है, जिससे 40 लाख रुपये आमदनी हो जाएगी.
अली ने बताया कि उनका टमाटर स्थानीय मंडी के अलावा दिल्ली, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और जम्मू भेजा जा रहा है. इन प्रदेशों के व्यापारी भी टमाटर व अन्य सब्जी की खरीद फरोख्त के लिए यहां आ रहे हैं.
बड़े काम आई कृषि विभाग की मदद
कृषि विभाग भी मनसब अली की भरपूर मदद कर रहा है. बकौल मनसब अली खेतीबाड़ी में कृषि विभाग की मदद भी उनके बड़े काम आई है. अधिकारियों द्वारा समय-समय पर दिए गए मार्गदर्शन, बढ़िया बीज, दवाईयां और खेती के आधुनिक तौर तरीकों की जानकारी खेती की पैदावार बढ़ाने में मददगार रही.
कृषि विभाग विकास खंड बल्ह के कृषि विकास अधिकारी नरेश का कहना है कि विभाग मनसब अली व अली जैसे सभी किसानों को स्प्रे पंप और सिंचाई पाईपें सबसिडी पर उपलब्ध करवा रहा है. समय-समय पर खेतों का निरीक्षण और फसल पर लगने वाली बीमारियों का निदान किया जाता है.
इसके अलावा समय-समय पर किसानों के लिए जागरूकता शिविर भी लगाए जा रहे हैं, जिससे किसानों को खेती की नई तकनीकों और तौर-तरीकों से अवगत करवाया जा सके.
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वहीं, डीसी मंडी ऋग्वेद ठाकुर का कहना है कि जिले में लोगों खासकर युवाओं को कृषि-बागवानी की गतिविधियों को स्वरोजगार के तौर पर अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है. खेतीबाड़ी से जुड़े कार्यों को किसानों के लिए मुनाफे का सौदा बनाने के लिए प्रयास किए गए हैं. कृषि-बागवानी विभाग की मदद से किसानों को सरकार की योजनाओं का लाभ, उचित मार्गदर्शन, सही जानकारी, सस्ते ऋण, नई तकनीकों की जानकारी देने के साथ ही खेती के कामों के लिए उपदान पर आर्थिक सहायता दी जा रहा है.