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Mandi News: वीरान हुआ थलौट गांव, 35 घर हुए खाली, ग्रामीणों ने किया पलायन - Wrong cutting in forelane construction mandi

बालीचौकी उपमंडल के तहत आने वाला थलौट गांव के ग्रामीणों ने गांव के 35 घरों को पूरी तरह से खाली कर दिया है. ग्रामीणों का कहना है कि फोरलेन निर्माण के लिए हुई गलत कटिंग के कारण पूरे गांव को भुगतना पड़ रहा है. पढ़े पूरी खबर... (Mandi News).

Mandi News
थलौट गांव के ग्रामीणों ने किया पलायन
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Aug 23, 2023, 6:42 PM IST

वीरान हुआ मंडी जिले का थलौट गांव.

मंडी: हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में फोरलेन निर्माण के कारण बालीचौकी उपमंडल के तहत आने वाला थलौट गांव वीरान हो गया है. बताया जा रहा है कि ग्रामीणों ने गांव के 35 घरों को खाली कर दिया है और मजबूरी में अपना सामान उठाकर किराए के कमरों में रहने के लिए चले गए हैं. दरअसल, ग्रामीणों का आरोप है कि फोरलेन की गलत कटिंग के कारण उनके गांव के सभी घरों में बड़ी-बड़ी दरारें आ गई हैं. जिसके कारण ग्रामीण घर में रहने की स्थिति में बिल्कुल भी नहीं हैं. घरों की हालत ऐसी हो चुकी है कि कभी भी पूरा घर जमींदोज हो सकता है. ऐसे में थलौट गांव के प्रभावितों ने यहां से पलायन करके थलौट बाजार और आसपास के इलाके में किराए पर कमरे लेकर रहना शुरू कर दिया है.

दरअसल, पीड़ित चमारी देवी का कहना है कि उनका पूरा परिवार घर से बेघर हो गया है. खाना बनाने के लिए भी जगह नहीं बची है. अपने घरों को छोड़कर दूसरी जगह जाना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि खतरे के कारण यहां पर रहना संभव नहीं है. सरकार से हम पैसा नहीं मांग रहे, बस जमीन दे दो और उस पर घर बनाकर दे दो. वहीं, प्रभावित देवी सिंह, बलदेव ठाकुर और प्रेम सिंह ठाकुर का कहना है कि उनके गांव पर यह विपदा फोरलेन निर्माण के लिए हुई गलत कटिंग का नतीजा है. उन्होंने बताया कि करीब डेढ़ साल पहले ही उनके पूरे गांव और घरों में दरारें आना शुरू हो गई थी. उस समय प्रशासन और एनएचएआई सहित अन्य लोगों ने मौके पर आकर बड़ी-बड़ी बातें की, लेकिन बाद में इसका कोई समाधान नहीं निकाला गया.

'फोरलेन निर्माण के लिए हुई गलत कटिंग का नतीजा यह निकला कि पूरा गांव जमींदोज होने के कगार पर है. इस बार जो विपदा आई है उसमें तो प्रशासन भी हाल पूछने नहीं आया. हमने एनएचएआई और सरकार से मदद की गुहार लगाई है.' :- प्रभावित, ग्रामीण

'जल्द निकलेगा समाधान': एसडीएम बालीचौकी मोहन लाल शर्मा ने बताया कि ग्रामीणों की समस्या का एनएचएआई के माध्यम से समाधान निकालने का प्रयास किया जा रहा है. गांव में खुद जाकर लोगों के रहने और खाने की व्यवस्था को जांचा है. इस संदर्भ में किसी को कोई शिकायत नहीं है. एनएचएआई के साथ जिला प्रशासन का पत्राचार जारी है और जल्द ही इसका समाधान निकाल लिया जाएगा.

ये भी पढ़ें: Cloudburst In Seraj: सराज के कुकलाह में बादल फटने से मची तबाही, स्कूल और दो घर बहे

वीरान हुआ मंडी जिले का थलौट गांव.

मंडी: हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में फोरलेन निर्माण के कारण बालीचौकी उपमंडल के तहत आने वाला थलौट गांव वीरान हो गया है. बताया जा रहा है कि ग्रामीणों ने गांव के 35 घरों को खाली कर दिया है और मजबूरी में अपना सामान उठाकर किराए के कमरों में रहने के लिए चले गए हैं. दरअसल, ग्रामीणों का आरोप है कि फोरलेन की गलत कटिंग के कारण उनके गांव के सभी घरों में बड़ी-बड़ी दरारें आ गई हैं. जिसके कारण ग्रामीण घर में रहने की स्थिति में बिल्कुल भी नहीं हैं. घरों की हालत ऐसी हो चुकी है कि कभी भी पूरा घर जमींदोज हो सकता है. ऐसे में थलौट गांव के प्रभावितों ने यहां से पलायन करके थलौट बाजार और आसपास के इलाके में किराए पर कमरे लेकर रहना शुरू कर दिया है.

दरअसल, पीड़ित चमारी देवी का कहना है कि उनका पूरा परिवार घर से बेघर हो गया है. खाना बनाने के लिए भी जगह नहीं बची है. अपने घरों को छोड़कर दूसरी जगह जाना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि खतरे के कारण यहां पर रहना संभव नहीं है. सरकार से हम पैसा नहीं मांग रहे, बस जमीन दे दो और उस पर घर बनाकर दे दो. वहीं, प्रभावित देवी सिंह, बलदेव ठाकुर और प्रेम सिंह ठाकुर का कहना है कि उनके गांव पर यह विपदा फोरलेन निर्माण के लिए हुई गलत कटिंग का नतीजा है. उन्होंने बताया कि करीब डेढ़ साल पहले ही उनके पूरे गांव और घरों में दरारें आना शुरू हो गई थी. उस समय प्रशासन और एनएचएआई सहित अन्य लोगों ने मौके पर आकर बड़ी-बड़ी बातें की, लेकिन बाद में इसका कोई समाधान नहीं निकाला गया.

'फोरलेन निर्माण के लिए हुई गलत कटिंग का नतीजा यह निकला कि पूरा गांव जमींदोज होने के कगार पर है. इस बार जो विपदा आई है उसमें तो प्रशासन भी हाल पूछने नहीं आया. हमने एनएचएआई और सरकार से मदद की गुहार लगाई है.' :- प्रभावित, ग्रामीण

'जल्द निकलेगा समाधान': एसडीएम बालीचौकी मोहन लाल शर्मा ने बताया कि ग्रामीणों की समस्या का एनएचएआई के माध्यम से समाधान निकालने का प्रयास किया जा रहा है. गांव में खुद जाकर लोगों के रहने और खाने की व्यवस्था को जांचा है. इस संदर्भ में किसी को कोई शिकायत नहीं है. एनएचएआई के साथ जिला प्रशासन का पत्राचार जारी है और जल्द ही इसका समाधान निकाल लिया जाएगा.

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