सुंदरनगर: जिला मंडी के नाचन क्षेत्र के एक किसान ने प्रदेश भर में मिसाल कायम की है. इस किसान ने अफगानिस्तान और दुबई में 4 साल काम करने के बाद नौकरी छोड़ खेतों की राह पकड़ ली है.
4 साल संजय कुमार ने विदेश में की नौकरी
खेतीबाड़ी की बारीकियां सीखने के लिए कृषि विज्ञान केंद्र मंडी के वैज्ञानिकों का सहारा लिया. संजय कुमार ने एमकॉम तक पढ़ाई की है. साल 2010 से 2014 तक विदेश में रहे संजय कुमार गांव लौटे तो खेतीबाड़ी करने की सोची.
12 बीघा जमीन से शुरू की खेती
कृषि विज्ञान केंद्र मंडी के वैज्ञानिकों से चर्चा के बाद विभिन्न विषयों में प्रशिक्षण प्राप्त कर 12 बीघा जमीन में खेतीबाड़ी को मजबूती प्रदान कर इसे कमाई के बेहतर साधन में बदल दिया. संजय कुमार ने कहा कि 560 वर्गमीटर के चार पॉलीहाउस में वे बेमौसमी सब्जी उगा रहे हैं. इसके लिए उन्होंने साल 2016 में चौधरी सरवण कुमार कृषि विश्वविद्यालय से संरक्षित खेती पर प्रशिक्षण प्राप्त किया.
सालाना कमाते हैं 8 लाख
वह शिमला मिर्च, टमाटर, खीरा, धनिया और बीन की खेती करते हैं. इससे सालाना आठ लाख की आमदनी अर्जित कर रहे हैं. अब वह शून्य लागत प्राकृतिक खेती में मास्टर ट्रेनर का भी काम कर रहे हैं. खेतीबाड़ी में उनके अनुभवों का लाभ प्रदान करने के लिए कृषि-बागवानी व अन्य निजी संस्थाओं के प्रशिक्षुओं को उनके फार्म पर भ्रमण करवाया जाता है. इसके लिए उन्हें कृषि विभाग का पूरा सहयोग मिल रहा है.
कृषि विज्ञान केंद्र मंडी के प्रभारी एवं सीनियर साइंटिस्ट डॉ. पंकज सूद ने कहा कि प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए गांव-गांव में प्रशिक्षण शिविर आयोजित किए जाते हैं. लगातार प्रयास किया जा रहा है कि बेरोजगार युवा प्रशिक्षण हासिल कर खेतीबाड़ी से स्वाबलंबी बनें. इस क्षेत्र में कृषि विभाग का कार्य लगातार जारी है.