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Mandi Cancer Radiotherapy: कैंसर मरीजों के लिए राहत भरी खबर, अब मेडिकल कॉलेज नेरचौक में होगा रेडियोथेरेपी से इलाज

मंडी जिले में अब कैंसर मरीजों के लिए राहत भरी खबर है. मेडिकल कॉलेज नेरचौक में रेडियोथेरेपी के लिए लीनियर एक्सीलेटर मशीन को खरीदा जा रहा है. इस मशीन के आने से कैंसर मरीजों को कीमोथेरेपी के दर्द से छुटकारा मिलेगा. रेडियोथेरेपी को कई मायनों में कीमोथेरेपी से बेहतर ऑप्शन माना जाता है. (Mandi Cancer Radiotherapy)

Mandi Cancer Radiotherapy
मेडिकल कॉलेज नेरचौक
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Oct 12, 2023, 9:30 AM IST

Updated : Oct 12, 2023, 9:48 AM IST

डॉ. डी.के. वर्मा, प्रिंसिपल, मेडिकल कॉलेज नेरचौक, मंडी

मंडी: मंडी जिले में कैंसर मरीजों के लिए राहत भरी खबर है. जिले के सबसे बड़े स्वास्थ्य संस्थान श्री लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल नेरचौक में कैंसर मरीजों का इलाज अब कीमोथेरेपी की जगह बेहतर तकनीक रेडियोथेरेपी के जरिए किया जाएगा. मेडिकल कॉलेज नेरचौक प्रबंधन द्वारा इसके लिए 19 करोड़ की लीनियर एक्सीलेटर मशीन को खरीदा जा रहा है. यह मशीन नीदरलैंड से आएगी. मेडिकल कॉलेज नेरचौक ने इसका ऑर्डर दे दिया है.

2024 से शुरू होगा कैंसर अस्पताल: बताया जा रहा है कि मशीन दिसंबर 2023 तक यहां पहुंच जाएगी और उसके बाद इसे इंस्टॉल करके अगले साल मार्च 2024 से पहले कैंसर अस्पताल को शुरू कर दिया जाएगा. मेडिकल कॉलेज नेरचौक के प्रिंसिपल डॉ. डी.के. वर्मा ने बताया कि केंद्र और प्रदेश सरकार के संयुक्त तत्वाधान में 40 करोड़ की लागत से बनाए जा रहे कैंसर अस्पताल के भवन का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है.

Mandi Cancer Radiotherapy
मेडिकल कॉलेज नेरचौक में स्थापित होगी लीनियर एक्सीलेटर मशीन

ये भी पढ़ें: Cancer Disease: तंबाकू और प्लास्टिक के बर्तनों के उपयोग से बढ़ रहा कैंसर खतरा

2 अस्पतालों में स्थापित होंगी ये मशीनें: प्रिंसिपल डॉ. डी.के. वर्मा ने बताया कि मंडी जिले में कैंसर पीड़ित लोगों को बेहतरीन उपचार के लिए 19 करोड़ की लागत से लीनियर एक्सीलेटर मशीन खरीदी जा रही है. इस मशीन से रेडियोथेरेपी के जरिए कैंसर का इलाज किया जाता है. यह कीमोथेरेपी के मुकाबले कहीं अधिक बेहतर होता है. अभी तक इस तरह की सिर्फ दो मशीनें प्रदेश में आ रही हैं. जिसमें एक शिमला में स्थापित होगी और दूसरी नेरचौक में. मार्च 2024 से पहले कैंसर अस्पताल को पूरी तरह से सुचारू कर दिया जाएगा.

ये भी पढ़ें: Research of BHU: मधुमक्खियों के डंक से होगा कैंसर का इलाज, कीमोथेरेपी से कम हानिकारक होगा, जानिए कैसे?

रेडियोथेरेपी इसलिए है बेहतर: कीमोथेरेपी में कैंसर के इलाज के लिए रसायनों का उपयोग किया जाता है और रेडियोथेरेपी में विकिरणों का उपयोग किया जाता है. कीमोथेरेपी के माध्यम से शरीर की सामान्य कोशिकाओं को भी नुकसान पहुंचने का खतरा बना रहता है. जबकि रेडियोथेरेपी में ऐसा नहीं होता है. रेडियोथेरेपी से कैंसर वाले भाग पर ही विकिरणों के माध्यम से इलाज किया जाता है और इसे बाहरी रूप से भी लागू किया जा सकता है. ऐसा भी माना गया है कि रेडियोथेरेपी अन्य की तुलना में कम दर्दनाक है.

ये भी पढ़ें: Breast Cancer Awareness : लगातार बढ़ रहें हैं स्तन कैंसर के मामले, जरूरी है जागरूकता

डॉ. डी.के. वर्मा, प्रिंसिपल, मेडिकल कॉलेज नेरचौक, मंडी

मंडी: मंडी जिले में कैंसर मरीजों के लिए राहत भरी खबर है. जिले के सबसे बड़े स्वास्थ्य संस्थान श्री लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल नेरचौक में कैंसर मरीजों का इलाज अब कीमोथेरेपी की जगह बेहतर तकनीक रेडियोथेरेपी के जरिए किया जाएगा. मेडिकल कॉलेज नेरचौक प्रबंधन द्वारा इसके लिए 19 करोड़ की लीनियर एक्सीलेटर मशीन को खरीदा जा रहा है. यह मशीन नीदरलैंड से आएगी. मेडिकल कॉलेज नेरचौक ने इसका ऑर्डर दे दिया है.

2024 से शुरू होगा कैंसर अस्पताल: बताया जा रहा है कि मशीन दिसंबर 2023 तक यहां पहुंच जाएगी और उसके बाद इसे इंस्टॉल करके अगले साल मार्च 2024 से पहले कैंसर अस्पताल को शुरू कर दिया जाएगा. मेडिकल कॉलेज नेरचौक के प्रिंसिपल डॉ. डी.के. वर्मा ने बताया कि केंद्र और प्रदेश सरकार के संयुक्त तत्वाधान में 40 करोड़ की लागत से बनाए जा रहे कैंसर अस्पताल के भवन का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है.

Mandi Cancer Radiotherapy
मेडिकल कॉलेज नेरचौक में स्थापित होगी लीनियर एक्सीलेटर मशीन

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2 अस्पतालों में स्थापित होंगी ये मशीनें: प्रिंसिपल डॉ. डी.के. वर्मा ने बताया कि मंडी जिले में कैंसर पीड़ित लोगों को बेहतरीन उपचार के लिए 19 करोड़ की लागत से लीनियर एक्सीलेटर मशीन खरीदी जा रही है. इस मशीन से रेडियोथेरेपी के जरिए कैंसर का इलाज किया जाता है. यह कीमोथेरेपी के मुकाबले कहीं अधिक बेहतर होता है. अभी तक इस तरह की सिर्फ दो मशीनें प्रदेश में आ रही हैं. जिसमें एक शिमला में स्थापित होगी और दूसरी नेरचौक में. मार्च 2024 से पहले कैंसर अस्पताल को पूरी तरह से सुचारू कर दिया जाएगा.

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रेडियोथेरेपी इसलिए है बेहतर: कीमोथेरेपी में कैंसर के इलाज के लिए रसायनों का उपयोग किया जाता है और रेडियोथेरेपी में विकिरणों का उपयोग किया जाता है. कीमोथेरेपी के माध्यम से शरीर की सामान्य कोशिकाओं को भी नुकसान पहुंचने का खतरा बना रहता है. जबकि रेडियोथेरेपी में ऐसा नहीं होता है. रेडियोथेरेपी से कैंसर वाले भाग पर ही विकिरणों के माध्यम से इलाज किया जाता है और इसे बाहरी रूप से भी लागू किया जा सकता है. ऐसा भी माना गया है कि रेडियोथेरेपी अन्य की तुलना में कम दर्दनाक है.

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Last Updated : Oct 12, 2023, 9:48 AM IST
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