मंडी: प्राचीन काल से ही आर्थिकी समृद्धि का प्रतीक रहे पशुधन की पूजा माल त्योहार को करसोग के ग्रामीण क्षेत्रों में धूमधाम से मनाया जाता है. रविवार को माल त्योहार पर महिलाओं ने पशुओं के गले में फूल मालाएं बांधी. इसके बाद सफेद और पीला रंग लगाकर पशुधन की पूजा-अर्चना कर सुख समृद्धि की कामना की.
बता दें कि माल त्योहार के चलते शनिवार की रात को भी महिलाओं ने ढोल-नगाड़ों की थाप के साथ माल के गीत नृत्य ,नाट्य ,संगीत और लोक गाथाओं का बखान किया. इस पर्व पर गांव की महिलाएं घर में एकत्रित होकर 'मालो मालो-मालो मालो, तू मालै केता देशा आए गै, तू मालै केता देशा आए' गीत गाकर प्राचीन प्रथा को निभाया.
ग्रामीणों ने कहा कि ब्रह्मवेला में 'जोगठियों' (मशालों) की रोशनी के साथ पशुओं को खेतों और चरागाहों में चरने भेजा गया. घर-आंगन-गोशाला को 'पठावे' (देवदार के परागकणों) से बनी पारंपरिक रंगोलियों से सजाया गया.

व्यापार मंडल पांगणा के प्रधान सुमीत गुप्ता ने कहा कि कि सूर्योदय के समय पशुओं के घर लौटने पर शुभ मुहूर्त में पशुओं को माल्यार्पण और वैदिक विधान से पूजा कर पिन्नियां खिलाई गई. साथ ही गांव की सुख-समृद्धि का आशीर्वाद लिया गया.
ये भी पढ़ें: इंटर-कॉलेज महिला कबड्डी प्रतियोगिता का आयोजन, बिलासपुर कॉलेज ने ट्रॉफी पर किया कब्जा