मंडी: कर्फ्यू के दौरान ब्लड बैंक भी खाली होने लगे हैं. जिला में रक्तदान शिविर लगाने पर पाबंदी है. अस्पताल आने वाले मरीज को केवल तीमारदारों का ही सहारा है. जोनल अस्पताल मंडी के ब्लड बैंक में 300 यूनिट की क्षमता है, लेकिन यहां रक्त केवल अब इमरजेंसी के लिए रखा गया है.
प्रदेशभर में 30 ब्लड बैंक हैं. इनमें 4000 यूनिट से अधिक ब्लड एकत्रित किया जा सकता है, लेकिन वर्तमान में खून की कमी है. करीब एक माह से जिला मंडी सहित प्रदेशभर में रक्तदान शिविरों का आयोजन नहीं हो रहा है. मंडी के जोनल अस्पताल में स्टाफ मरीजों के तीमारदारों को ही रक्तदान करने की अपील कर रहा है.
हालांकि कुछ दिन पहले चार से पांच एनजीओ ने रक्तदान शिविर लगाने के लिए अनुमति मांगी थी, लेकिन अस्पताल प्रशासन ने इनकार कर दिया था. अस्पताल प्रशासन की मानें तो जोनल अस्पताल मंडी के ब्लड बैंक में 46 यूनिट ब्लड और 200 प्लाज्मा उपलब्ध है.
जोनल अस्पताल मंडी के एमएस डॉक्टर नरेश चंद ने बताया कि सामान्य के मुकाबले इन दिनों ब्लड की कमी तो है. कोरोना वायरस की वजह से ब्लड डोनेशन कैंप आयोजित नहीं किए जा सकते हैं. इमरजेंसी में आने वाले मरीजों को रिप्लेसमेंट के आधार ब्लड मुहैया करवाया जा रहा है. जबकि कुछ एनजीओ भी ऑन कॉल भी अपने वॉलंटियर्स भी भेज रहे हैं.
वहीं, वॉलंटियर्स भी विपदा की इस घड़ी में इमरजेंसी में आने वाले मरीजों को ब्लड देने के लिए तैयार हैं. वॉलिंटियर विजय प्रेमी का कहना है कि वह अस्पताल प्रशासन के साथ पूरी तरह से संपर्क में हैं. अस्पताल से कॉल आने पर वह मौके पर ब्लड डोनेट कर मरीज की आपातकाल में सहायता के लिए तैयार हैं.
उन्होंने कहा कि ब्लड डोनेशन कैम्प भी लगाने चाहते हैं, लेकिन इस कोरोना वायरस के चलते यह संभव नहीं है, लेकिन इस घड़ी में वॉलिंटियर्स हर समय तत्पर हैं.