मंडीः हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री के गृह क्षेत्र सराज के खलवाहन वॉर्ड का अस्तित्व खत्म करने और वॉर्ड की पंचायतों को तोड़कर एक अन्य वॉर्ड बनाने का मामला अब और ज्यादा उलझ गया है. मंडलायुक्त मंडी की अदालत ने याचिकाकर्ता जिला परिषद सदस्य संतराम और बीडीसी राजू ठाकुर के वकील की दलील को अस्वीकार करते हुए सराज में जिला परिषद के वॉर्डों के पुनर्सीमांकन की यथास्थिति रखे जाने के आदेश दिए हैं.
मामले को लेकर जाएंगे उच्च न्यायलय
याचिका खारिज होने पर याचिकाकर्ताओं ने अब हिमाचल हाईकोर्ट में सराज के खलवाहन वॉर्ड पुनर्सीमांकन को लेकर अपील करने का निर्णय किया है. जिला परिषद सदस्य संतराम और राजू ठाकुर में बताया कि उनके पक्ष को राजनीतिक तराजू में तोला गया है और तर्क-तथ्य को अप्रत्यक्ष राजनीतिक हस्तक्षेप के चलते दरकिनार कर दिए गए हैं.
जिलाधीश मंडी और मंडलायुक्त मंडी के दरबार में निर्णय से खफा दिखे नेताओं ने बालीचौकी क्षेत्र को राजनीतिक रूप से तोड़ने के फिर आरोप लगाए और कहा कि अपने और अपने लोगों के खिलाफ वे अन्याय नहीं होने देंगे. संतराम ने बताया कि सोमवार को वे हाइकोर्ट में इस मामले को लेकर याचिका दायर करेंगे. वहीं, मामले को लेकर कांग्रेस नेता विजयपाल चौहान और थाची वॉर्ड के सदस्य दिलेराम ने मंडलायुक्त के निर्णय को अप्रत्याशित करार देते हुए कहा कि इन मामले में याचिकाकर्तओं को कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता हरसंभव सहयोग करेगें.
क्या है विवाद
सराज हल्के की ग्राम पंचायत घाट, थाचाधार, जुफरकोट और खौली को पुनर्सीमांकन के चलते ब्रेउगी वॉर्ड में शामिल किया गया है जिसका लोग विरोध कर रहे हैं. इन 4 पंचायतों के लोगों का कहना है कि उनकी भोगौलिक और सांस्कृतिक सीमाएं जहां बालीचौकी क्षेत्र के साथ मिलती है. वहीं, प्रशासनिक रूप से उनके अधिकांश कार्यालय बालीचौकी में स्थापित किये गए हैं.
साथ ही अधिकांश विभागीय कार्य बालीचौकी प्रशासनिक इकाई के तहत होते हैं, इसलिए उन्हें या तो थाची वॉर्ड में शामिल किया जाए या 19-19 हजार के 2 जिला परिषद वॉर्ड बनाकर उनमें शामिल किया जाए.
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